कोट्टायम: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने समान नागरिक संहिता (UCC) मामले में कांग्रेस और सीपीएम पर अवसरवादी राजनीति अपनाने का आरोप लगाया है.
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि समान नागरिक संहिता में अवसरवादी राजनीति में कौन आगे है, इसे लेकर सीपीएम और कांग्रेस में होड़ मची हुई है. केंद्रीय मंत्री ने कोट्टायम में बालगोकुलम राज्य सम्मेलन के समापन सत्र का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से यह बात कही.
उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता पर प्रधानमंत्री के बयान को राजनीतिक रूप से तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. प्रधानमंत्री ने सिर्फ संविधान का हवाला दिया.
उन्होंने कहा कि भाजपा अवसरवादी राजनीति के पक्ष में नहीं है. अगर आप इतिहास पर नजर डालें तो आपको यह बात समझ में आ जाएगी. मणिपुर मुद्दे पर केंद्र सरकार जिम्मेदारी से व्यवहार कर रही है. जिन्हें तय करना है कि कहां मुकाबला करना है वो तय करेंगे.
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि उन्हें जहां भी प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा, वे प्रतिस्पर्धा करेंगे. सभी लोग वोट करेंगे तो भाजपा का खाता खुलेगा.
मुस्लिम लीग ने ठुकराया सीपीएम का न्योता : उधर, मुस्लिम लीग ने समान नागरिक संहिता के खिलाफ राष्ट्रीय सेमिनार में हिस्सा लेने के सीपीएम के न्योते को ठुकरा दिया. यह निर्णय रविवार सुबह प्रदेश अध्यक्ष पनक्कड़ सादिक अली शिहाब थंगल के आवास पर हुई बैठक में लिया गया.
मुस्लिम लीग ने कहा कि वे उस सेमिनार में भाग नहीं लेंगे, जहां कांग्रेस को दरकिनार कर दिया गया. मुस्लिम लीग कांग्रेस का प्रमुख घटक दल है. सीपीएम ने यूडीएफ के अन्य घटक दलों को आमंत्रित किए बिना केवल लीग को सेमिनार में आमंत्रित किया, इसलिए कोई भागीदारी नहीं. पनक्कड़ सादिक अली शिहाब थंगल ने बैठक के बाद कहा, मुस्लिम संगठन अपने निर्णय के अनुसार सेमिनार में भाग ले सकते हैं.
आईआईएमएल (इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग) के राष्ट्रीय महासचिव पीके कुन्हालीकुट्टी ने भी कहा कि समान नागरिक संहिता के विषय पर सभी धार्मिक लोगों की भागीदारी के साथ उनके नेतृत्व में कोझिकोड में एक और सेमिनार आयोजित किया जाएगा.
कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि 'यह विभाजनकारी सेमिनार नहीं बनना चाहिए. यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है. इसमें मायने यह रखता है कि संसद में क्या होता है. इस बिल का विरोध किया जाना चाहिए और कांग्रेस के साथ मिलकर इसे हराना चाहिए. सेमिनार को यहां बांटने से बीजेपी को फायदा होगा.'
लीग बैठक में समस्ता की स्थिति पर भी चर्चा की गई. सीपीएम सेमिनार 15 जुलाई से शुरू होगा. कोझिकोड पहला सेमिनार है. सीपीएम के साथ सहयोग को लेकर लीग में मतभेद था.
एक समूह का आरोप है कि कांग्रेस को बाहर कर केवल लीग को आमंत्रित करना दुर्भावनापूर्ण था. कांग्रेस ने लीग में सीपीएम के निमंत्रण के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट कर दिया था. कांग्रेस का दावा है कि सीपीएम अल्पसंख्यक वोट पर नजर रखकर न्योता दे रही है.