चेन्नई : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा पिछले 6 वर्षों में, निर्वाचित संस्थानों और देश को एक साथ रखने वाले स्वतंत्र प्रेस पर व्यवस्थित हमला हुआ है. लोकतंत्र एक ही झटके (धमाके) में नहीं मरता, धीरे-धीरे मरता है. राहुल ने कहा कि आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने संस्थागत संतुलन को नष्ट कर दिया. तमिलनाडु के थूथुकुडी में वीओसी कॉलेज में लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने यह बड़ी बात कही.
ईवीएम पर राहुल गांधी ने कहा कि विकसित देशों ने इसे अस्वीकार किया है. राहुल ने कहा कि वे इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि ईवीएम मशीन शत प्रतिशत सुरक्षित है. राहुल ने कहा कि उन्हें लगता है कि ईवीएम में समस्याएं हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज तमिलनाडु दौरै पर हैं. तमिलनाडु में अपने 'हाथ' मजबूत करने के लिए राहुल गांधी लगातार जोर आजमाइश में जुटे हैं.. कांग्रेस नेता राहुल गांधी थुथुकुडी पहुंच चुके हैं.
जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी तीन दिन के तमिलनाडु दौरे पर हैं. वह 27-28 फरवरी व एक मार्च को राज्य में दौरा करेंगे. इस दौरान वह जिन पांच जिलों का दौरा करेंगे, उनमें तमिलनाडु का समुद्री द्वार माने जाने वाले बेहद प्राचीन तूतीकोरिन या टुटुकुडी, विरुदनगर, तिरुनलवेली, तिनकासी व कन्याकुमारी शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान राहुल गांधी रैली, रोड शो व अलग-अलग समूहों से मुलाकात करेंगे.
तमिलनाडु दौरे पर राहुल गांधी महिलाएं, खासकर सेल्फ हेल्प ग्रुप, मछुआरों, किसानों, छात्रों और पंचायत संगठन से जुड़े लोगों से संवाद करेंगे. उल्लेखनीय है कि इन जिलों में किसानों, पशु पालकों व मछुआरों की अच्छी खासी संख्या है. बताया जाता है कि राहुल इन लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनेंगे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चीन-भारत सीमा तनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार करते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि वह अपने पड़ोसी देश से ‘डरे हुए हैं.’उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध से पहले चीन ने डोकलाम में इस विचार को आजमाया (2017 में) था.
पूर्वी लद्दाख में सैनिकों, हथियारों एव अन्य सैन्य साजो-सामान की पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारे से वापसी के साथ पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है.
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से चीन ने हमारे देश के कुछ सामरिक इलाकों पर कब्जा किया है। इस विचार को पहले उन्होंने डोकलाम में आजमाया.
उन्होंने कहा, 'वे देखना चाहते थे कि भारत क्या प्रतिक्रिया देता है और उन्होंने देखा कि भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और फिर उन्होंने इस विचार को लद्दाख में आजमाया और मेरा मानना है कि उन्होंने अरूणाचल प्रदेश में भी ऐसा किया होगा.'
तमिलनाडु में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अपनी तीन दिवसीय यात्रा में कांग्रेस नेता ने यहां वकीलों से बातचीत की और केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार पर हम दो, हमारे दो नारे के साथ कटाक्ष किया.
सीमा पर गतिरोध के बारे में गांधी ने कहा कि चीन की घुसपैठ पर मोदी की पहली प्रतिक्रिया थी कि भारत में कोई नहीं घुसा है.उन्होंने कहा, 'इससे चीन को यह संकेत गया कि भारत के प्रधानमंत्री उनसे डरे हुए हैं।.चीन को उन्होंने यही संदेश दिया कि वह उनसे डरे हुए हैं और चीनी यह बात समझ गए.'उन्होंने कहा कि और तभी से चीन ने इसी सिद्धांत पर बातचीत की है.
गांधी ने आरोप लगाए, 'वे जानते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री उनका विरोध नहीं कर पाएंगे। मेरे शब्दों को लिख लीजिए, देपसांग में हमारी जमीन अब इस सरकार के कार्यकाल में वापस नहीं लौट सकती है.
पढ़ें: राहुल के 'उत्तर-दक्षिण' बयान से कांग्रेस में मची खलबली? G-23 नेता जम्मू में कर सकते हैं बड़ा धमाका!
उन्होंने आरोप लगाए, 'प्रधानमंत्री जमीन वापस नहीं ले पाएंगे. वह बहाना करेंगे कि हर चीज का समाधान हो गया है, लेकिन भारत उस क्षेत्र को खोने जा रहा है.'
उन्होंने आरोप लगाए कि चीन को इस तरह का संदेश देना भविष्य के लिए काफी खतरनाक है क्योंकि चीन केवल लद्दाख तक ही नहीं मानने जा रहा है.उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ‘‘चीन से बेझिझक निपटती थी.
गांधी ने कहा, 2013 में जब चीन भारत में घुसा तो हमने कार्रवाई की जिससे वे समझौता करने के लिए बाध्य हुए...हम आगे बढ़े और अन्य इलाकों पर भी कब्जा किया.
कांग्रेस नेता ने कहा, 'अब वे समझ गए हैं कि प्रधानमंत्री में साहस नहीं है...चीन समझ गया है कि प्रधानमंत्री समझौता करने जा रहे हैं.'