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अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे : जितेंद्र सिंह - अंतरिक्ष क्षेत्र

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार आम आदमी के लाभ के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक बनाने और इसकी परिवर्तनकारी क्षमता को उदार बनाने के संदर्भ में ठोस प्रयास कर रही है.

Jitendra
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Published : Oct 11, 2021, 4:49 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं. सिंह ने भारतीय अंतरिक्ष संघ की शुरुआत पर आयोजित एक समारोह को संबोधित किया.

भारतीय अंतरिक्ष संघ, अंतरिक्ष क्षेत्र से संबंधित एक उद्योग निकाय है जिसमें भारती एयरटेल, लार्सन एंड टुब्रो, अग्निकुल, ध्रुव स्पेस और कावा स्पेस जैसी कंपनियां शामिल हैं. पृथ्वी विज्ञान एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सिंह ने कहा कि सरकार भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में जब से नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला है, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी हर भारतीय घर तक पहुंच गई है. प्रधानमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लोकतंत्रीकरण के लिए सरकार द्वारा ठोस प्रयास किए जाएं, मैं दोहराना चाहूंगा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण आम आदमी के लाभ के लिए है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी क्षमता को स्वतंत्र करने और भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए सरकार ने सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की है.

उन्होंने कहा कि साथ ही उद्योग और शेयर के लिए व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम वास्तव में सामरिक एकजुटता के लिए विशिष्ट और विघटनकारी प्रौद्योगिकियों को विकसित नहीं करने पर दृढ़ हैं.

प्रधानमंत्री ने तीन आयामी पहल शुरू की है जिनसे भारत को एक मजबूत अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में बदलने, उसे 5000 अरब (पांच ट्रिलियन) अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा.

सिंह ने कहा कि नीतिगत मोर्चे पर मोदी की भागीदारी और उनके समर्थन के साथ सरकार ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष नीति जैसी कई नीतिगत पहलों के साथ रिमोट सेंसिंग अंतरिक्ष संचार उपग्रह दिशा सूचक प्रणाली, अंतरिक्ष में मानव अभियान, अंतरिक्ष में एफडीआई, अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रयोग अंतरिक्ष परिवहन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण आदि नीतियों पर जोर दिया है.

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री उद्योग के नेतृत्व वाली संस्था पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो उद्योग की सहमति की आवाज के समान है. उन्होंने कहा कि इसी आशय से भारतीय अंतरिक्ष संघ के गठन की कार्रवाई शुरू की गई है.

यह भी पढ़ें-Nobel in Economics : तीन लोगों को संयुक्त रूप से मिला पुरस्कार

इसरो के अध्यक्ष और डीओएस सचिव डॉ के सिवन ने कहा कि 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों की घोषणा के बाद से अंतरिक्ष विभाग ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर योगदान करने के लिए अंतरिक्ष संगठनों और निजी उद्योग को सक्षम बनाने की दिशा में जबरदस्त उत्साह है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं. सिंह ने भारतीय अंतरिक्ष संघ की शुरुआत पर आयोजित एक समारोह को संबोधित किया.

भारतीय अंतरिक्ष संघ, अंतरिक्ष क्षेत्र से संबंधित एक उद्योग निकाय है जिसमें भारती एयरटेल, लार्सन एंड टुब्रो, अग्निकुल, ध्रुव स्पेस और कावा स्पेस जैसी कंपनियां शामिल हैं. पृथ्वी विज्ञान एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सिंह ने कहा कि सरकार भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में जब से नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला है, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी हर भारतीय घर तक पहुंच गई है. प्रधानमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लोकतंत्रीकरण के लिए सरकार द्वारा ठोस प्रयास किए जाएं, मैं दोहराना चाहूंगा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण आम आदमी के लाभ के लिए है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी क्षमता को स्वतंत्र करने और भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए सरकार ने सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की है.

उन्होंने कहा कि साथ ही उद्योग और शेयर के लिए व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम वास्तव में सामरिक एकजुटता के लिए विशिष्ट और विघटनकारी प्रौद्योगिकियों को विकसित नहीं करने पर दृढ़ हैं.

प्रधानमंत्री ने तीन आयामी पहल शुरू की है जिनसे भारत को एक मजबूत अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में बदलने, उसे 5000 अरब (पांच ट्रिलियन) अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा.

सिंह ने कहा कि नीतिगत मोर्चे पर मोदी की भागीदारी और उनके समर्थन के साथ सरकार ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष नीति जैसी कई नीतिगत पहलों के साथ रिमोट सेंसिंग अंतरिक्ष संचार उपग्रह दिशा सूचक प्रणाली, अंतरिक्ष में मानव अभियान, अंतरिक्ष में एफडीआई, अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रयोग अंतरिक्ष परिवहन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण आदि नीतियों पर जोर दिया है.

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री उद्योग के नेतृत्व वाली संस्था पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो उद्योग की सहमति की आवाज के समान है. उन्होंने कहा कि इसी आशय से भारतीय अंतरिक्ष संघ के गठन की कार्रवाई शुरू की गई है.

यह भी पढ़ें-Nobel in Economics : तीन लोगों को संयुक्त रूप से मिला पुरस्कार

इसरो के अध्यक्ष और डीओएस सचिव डॉ के सिवन ने कहा कि 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों की घोषणा के बाद से अंतरिक्ष विभाग ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर योगदान करने के लिए अंतरिक्ष संगठनों और निजी उद्योग को सक्षम बनाने की दिशा में जबरदस्त उत्साह है.

(पीटीआई-भाषा)

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