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राहुल गांधी की संसद में बहाली को लेकर कांग्रेस पार्टी में बेचैनी, देरी पर जताई चिंता - कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी

कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी की सांसद के तौर पर बहाली के बारे में बोलते हुए पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम चाहते हैं कि वह जल्द से जल्द सदन में वापस आएं. हम चाहते हैं कि वह अगले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान बोलें. पढ़ें इस पर ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

Congress party leader Rahul Gandhi
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी
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Published : Aug 6, 2023, 3:28 PM IST

Updated : Aug 6, 2023, 5:12 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस में इस बात की चिंता है कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता की बहाली उतनी जल्दी और आसानी से नहीं हो सकती, जितनी उनकी अयोग्यता थी. वायनाड के पूर्व सांसद की लोकसभा सदस्यता 24 मार्च को छीन ली गई थी, जिसके एक दिन पहले सूरत ट्रायल कोर्ट ने 23 मार्च को उन्हें पीएम मोदी के उपनाम से जुड़े 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया था और दो साल की जेल की सजा सुनाई थी.

सांसद का दर्जा खोने के कुछ ही दिनों के भीतर, राहुल को लोकसभा आवास समिति द्वारा 2004 से आवंटित आधिकारिक 12, तुगलक लेन बंगला खाली करने के लिए कहा गया. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस प्रमुख की सजा पर रोक लगा दी थी. पार्टी नेताओं को अब उम्मीद है कि अयोग्यता की तरह उनकी लोकसभा सदस्यता की बहाली भी जल्द होनी चाहिए, ताकि राहुल अगले हफ्ते अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में बोल सकें, लेकिन उन्हें चिंता है कि राजनीति इस मामले को और विलंबित कर सकती है.

कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, कुछ विशेषज्ञों या कानून मंत्रालय की राय लेने के बहाने देरी हो सकती है, क्योंकि बीजेपी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अंतिम नहीं है और राहुल अभी भी असमंजस में हैं. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जैसे हमें अदालतों और न्याय पर भरोसा है, वैसे ही हमें लोकतंत्र पर भी भरोसा है. वह आशा और विश्वास अभी कुछ दिन और बना रहेगा.

उन्होंने कहा कि अंततः, यदि इसे झुठलाया और धोखा दिया गया है, तो एक नागरिक के रूप में हमारा एकमात्र विकल्प... न्याय प्रणाली में विश्वास रखने वाले कानून का पालन करने वाले नागरिक... हमें फिर से अदालत में जाना होगा. तकनीकी रूप से, राहुल की सदस्यता की बहाली लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की जानी है, लेकिन पार्टी नेताओं का मानना है कि यह राजनीतिक प्रतिष्ठान की मंजूरी के बिना नहीं होगा.

एआईसीसी महासचिव रजनी पाटिल ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुलजी को लोकसभा में होना चाहिए, लेकिन मुझे नहीं पता कि ऐसा होगा या नहीं. नियमानुसार सदस्यता बहाली शीघ्र होनी चाहिए, लेकिन भाजपा का मानना है कि आप मुझे व्यक्ति दिखाओ, मैं तुम्हें नियम दिखाऊंगा. लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक, राहुल को दोषी ठहराए जाने और दो साल की सजा सुनाए जाने से उनकी सदन की सदस्यता छीन ली गई.

उन्होंने कहा कि इससे कुछ हफ्ते पहले पूर्व सांसद ने पीएम मोदी पर हमला किया था और फरवरी में लोकसभा में बोलते हुए व्यवसायी गौतम अडानी के साथ उनके कथित संबंधों पर सवाल उठाया था. चौधरी ने बताया कि हम संसद में अपने प्रिय नेता को याद कर रहे थे. हम चाहते हैं कि वह यथाशीघ्र सदन में वापस आएं. हम चाहते हैं कि वह अगले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान बोलें. उनकी सदस्यता की बहाली सोमवार 7 अगस्त को ही होनी चाहिए. ऐसा होते ही उन्हें सरकारी बंगले समेत अन्य हक भी मिल जाएंगे.

उन्होंने कहा कि राहुल विपक्ष के ऐसे नेता के रूप में उभरे हैं, जो संसद में लोगों के मुद्दे उठाते हैं. उनके सरकार पर सवाल उठाने से भाजपा चिंतित है लेकिन हमारे नेता निडर हैं. हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा, क्योंकि पीएम मणिपुर संकट पर कुछ नहीं बोल रहे थे. पीएम को वहां जाकर शांति की अपील करनी चाहिए थी. इसके बजाय राहुलजी को ऐसा करना पड़ा.

नई दिल्ली: कांग्रेस में इस बात की चिंता है कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता की बहाली उतनी जल्दी और आसानी से नहीं हो सकती, जितनी उनकी अयोग्यता थी. वायनाड के पूर्व सांसद की लोकसभा सदस्यता 24 मार्च को छीन ली गई थी, जिसके एक दिन पहले सूरत ट्रायल कोर्ट ने 23 मार्च को उन्हें पीएम मोदी के उपनाम से जुड़े 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया था और दो साल की जेल की सजा सुनाई थी.

सांसद का दर्जा खोने के कुछ ही दिनों के भीतर, राहुल को लोकसभा आवास समिति द्वारा 2004 से आवंटित आधिकारिक 12, तुगलक लेन बंगला खाली करने के लिए कहा गया. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस प्रमुख की सजा पर रोक लगा दी थी. पार्टी नेताओं को अब उम्मीद है कि अयोग्यता की तरह उनकी लोकसभा सदस्यता की बहाली भी जल्द होनी चाहिए, ताकि राहुल अगले हफ्ते अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में बोल सकें, लेकिन उन्हें चिंता है कि राजनीति इस मामले को और विलंबित कर सकती है.

कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, कुछ विशेषज्ञों या कानून मंत्रालय की राय लेने के बहाने देरी हो सकती है, क्योंकि बीजेपी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अंतिम नहीं है और राहुल अभी भी असमंजस में हैं. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जैसे हमें अदालतों और न्याय पर भरोसा है, वैसे ही हमें लोकतंत्र पर भी भरोसा है. वह आशा और विश्वास अभी कुछ दिन और बना रहेगा.

उन्होंने कहा कि अंततः, यदि इसे झुठलाया और धोखा दिया गया है, तो एक नागरिक के रूप में हमारा एकमात्र विकल्प... न्याय प्रणाली में विश्वास रखने वाले कानून का पालन करने वाले नागरिक... हमें फिर से अदालत में जाना होगा. तकनीकी रूप से, राहुल की सदस्यता की बहाली लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की जानी है, लेकिन पार्टी नेताओं का मानना है कि यह राजनीतिक प्रतिष्ठान की मंजूरी के बिना नहीं होगा.

एआईसीसी महासचिव रजनी पाटिल ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुलजी को लोकसभा में होना चाहिए, लेकिन मुझे नहीं पता कि ऐसा होगा या नहीं. नियमानुसार सदस्यता बहाली शीघ्र होनी चाहिए, लेकिन भाजपा का मानना है कि आप मुझे व्यक्ति दिखाओ, मैं तुम्हें नियम दिखाऊंगा. लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक, राहुल को दोषी ठहराए जाने और दो साल की सजा सुनाए जाने से उनकी सदन की सदस्यता छीन ली गई.

उन्होंने कहा कि इससे कुछ हफ्ते पहले पूर्व सांसद ने पीएम मोदी पर हमला किया था और फरवरी में लोकसभा में बोलते हुए व्यवसायी गौतम अडानी के साथ उनके कथित संबंधों पर सवाल उठाया था. चौधरी ने बताया कि हम संसद में अपने प्रिय नेता को याद कर रहे थे. हम चाहते हैं कि वह यथाशीघ्र सदन में वापस आएं. हम चाहते हैं कि वह अगले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान बोलें. उनकी सदस्यता की बहाली सोमवार 7 अगस्त को ही होनी चाहिए. ऐसा होते ही उन्हें सरकारी बंगले समेत अन्य हक भी मिल जाएंगे.

उन्होंने कहा कि राहुल विपक्ष के ऐसे नेता के रूप में उभरे हैं, जो संसद में लोगों के मुद्दे उठाते हैं. उनके सरकार पर सवाल उठाने से भाजपा चिंतित है लेकिन हमारे नेता निडर हैं. हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा, क्योंकि पीएम मणिपुर संकट पर कुछ नहीं बोल रहे थे. पीएम को वहां जाकर शांति की अपील करनी चाहिए थी. इसके बजाय राहुलजी को ऐसा करना पड़ा.

Last Updated : Aug 6, 2023, 5:12 PM IST
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