पटना: बिहार शरीफ सांप्रदायिकता हिंसा की जांच के बाद इसकी साजिश की परतें खुलने लगी हैं. बिहारशरीफ में सांप्रदायिक हिंसा को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए अंजाम दिया गया था. एडीजी जेएस गंगवार ने कहा कि आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार शरीफ सांप्रदायिक हिंसा मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. 15 अभियुक्तों को नामजद किया गया है. 7 अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
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दर्ज करायी थी एफआईआरः बिहार शरीफ में कुल 15 प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. 271 नामजद अभियुक्तों में से 140 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सोशल मीडिया की जांच के बाद आर्थिक अपराध इकाई ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. प्रारंभिक जांच के बाद आर्थिक अपराध इकाई ने 15 नामजद अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. आर्थिक अपराध इकाई में थाना कांड संख्या 7/2023 दर्ज किया है.
ये हुए गिरफ्तारः आर्थिक अपराध इकाई ने मामला दर्ज कियाआईपीसी की धारा 153A(1)a, 153A(1)b, 153A(1)c C( 1), 297/505(1)b, 505(1)c, 120 b के तहत आर्थिक अपराध इकाई ने मामला दर्ज किया है. 15 अभियुक्तों में 7 को आर्थिक अपराध इकाई ने गिरफ्तार कर लिया है. दो पहले ही सरेंडर कर चुका है. 6 अभियुक्तों की गिरफ्तारी होनी बाकी है. मनीष कुमार, तुषार कुमार तांती, धर्मेंद्र मेहता, भूपेंद्र सिंह, राणा उर्फ चंदन सिंह, निरंजन पांडे आर्थिक अपराध इकाई गिरफ्तार कर चुकी है.
"15 में से दो अभियुक्त पहले ही कोर्ट में सरेंडर कर चुके हैं. दोनों अभियुक्तों को आर्थिक अपराध इकाई रिमांड पर लेगी. इसके अलावा सोशल मीडिया को भी परखा जा रहा है. जांच के बाद साजिश का खुलासा होने की संभावना है"- जेएस गंगवार, एडीजी मुख्यालय