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मणिपुर हमला : उग्रवादी संगठन PLA के खिलाफ स्थानीय लोग, हमले पर अब जता रहा 'अफसोस' - मणिपुर हमला

मणिपुर के चुराचांदपुर में हुए हमले में दो नागरिकों की मौत पर विद्रोही संगठन (insurgent outfit) ने खेद जताया है. हमले में एक कर्नल शहीद हुए थे. इसके अलावा उनकी पत्नी और 6 साल का बेटा भी हमले का शिकार बना था. शनिवार को हुए इस घातक हमले की जिम्मेदारी लेने वाले विद्रोही संगठन ने हमले में दो नागरिकों के मारे जाने पर खेद जताया है. क्षेत्र के ताजा हालात पर वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

कर्नल विप्लव त्रिपाठी
कर्नल विप्लव त्रिपाठी
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Published : Nov 18, 2021, 8:25 PM IST

Updated : Nov 18, 2021, 9:35 PM IST

नई दिल्ली : भारत-म्यांमार सीमा के पास मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में असम राइफल्स के काफिले पर विद्रोही संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शनिवार को हमला किया था. इस घातक हमले में दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. अब इस उग्रवादी संगठन ने इस घटना पर बयान जारी किया है. पीएलए ने नागरिकों की मौत को अफसोसजनक बताया है. हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी के साथ असम राइफल्स के पांच जवान शहीद हुए थे. हमले में कर्नल की पत्नी और बेटे भी मारे गए थे.

कर्नल विप्लव त्रिपाठी बच्चे के साथ और उनकी पत्नी (फाइल फोटो)
कर्नल विप्लव त्रिपाठी बच्चे के साथ और उनकी पत्नी (फाइल फोटो)

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की पैरैंट संस्था- रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'हाल ही में घात लगाकर किए गए हमले में एक मां और एक बच्चे की मौत हो गई, यह बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण था.'

आरपीएफ ने कहा, हमें काफिले में मां-बच्चे की उपस्थिति का कोई पूर्व ज्ञान नहीं था. अगर हमें पता होता, तो स्थिति कुछ और होती.

दरअसल इस क्षेत्र में आदिवासी जातीय समुदाय जैसे नागा और कुकी आदि रहते हैं. ऐसे में पीएलए/आरपीएफ का खेद जताने का कदम हमले की व्यापक निंदा के कारण हो सकता है. माना जाता है कि पीएलए और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट की संयुक्त टीम वाले विद्रोही, म्यांमार के अंदर अंतरराष्ट्रीय सीमा से 20 किमी के भीतर स्थित अपने जंगल शिविरों से भारतीय क्षेत्र की ओर आ गए हैं.

पूर्व में हमले नहीं करने का दिया हवाला

संगठन ने कोमकेइरक (Komkeirak), कीसमथोंग (Keisamthong) और कई अन्य जगहों का भी हवाला दिया जहां उसने महिलाओं और बच्चों की उपस्थिति के कारण हमलों को स्पष्ट रूप से रद्द कर दिया था. उसका कहना है कि उन उदाहरणों के बारे में भारतीय सेना और मणिपुर पुलिस को पूरी जानकारी है. इसने बीएसएफ के पूर्व अतिरिक्त डीजी संजीव कृष्ण सूद के हवाले से कहा: '... मणिपुर के उग्रवादियों ने उस समय अतिरिक्त क्षति से बचने के लिए काफिले पर हमला नहीं किया था.

यह भी पढ़ें- मणिपुर में सेना की टुकड़ी पर घात लगाकर हमला, CO समेत पांच जवान शहीद, परिवार के दो लोगों की भी मौत

विज्ञप्ति में इस कथन को नकारा गया है कि पीएलए और उसकी मूल संस्था-रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) - बहुत पुराने यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) का हिस्सा हैं.

यह भी पढ़ें- मणिपुर हमला : शहीद कर्नल को अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दादा से विरासत में मिली थी देश भक्ति

गौरतलब है कि मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हुए हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी के साथ अर्धसैनिक बल (असम राइफल्स) के पांच जवान भी शहीद हुए थे. इस हमले का शिकार कर्नल विप्लव की पत्नी और उनका छह साल का बेटा भी हुआ था. असम राइफल्स को भारत-म्यांमार की संवेदनशील सीमा की सुरक्षा में तैनात किया गया है. मणिपुर दशकों से सबसे अधिक उग्रवाद प्रभावित राज्यों में से एक रहा है, जहां एक समय लगभग 42 विद्रोही संगठन थे. लगभग 15 अभी भी सक्रिय हैं, जिनमें से कई प्रतिबंधित हैं. शांति के लिए अधिकांश संगठनों की सरकार के साथ बातचीत चल रही है.

यह भी पढ़ें- शहीद कर्नल का बेटा अबीर त्रिपाठी भी था देशभक्ति की भावना से प्रेरित

नई दिल्ली : भारत-म्यांमार सीमा के पास मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में असम राइफल्स के काफिले पर विद्रोही संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शनिवार को हमला किया था. इस घातक हमले में दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. अब इस उग्रवादी संगठन ने इस घटना पर बयान जारी किया है. पीएलए ने नागरिकों की मौत को अफसोसजनक बताया है. हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी के साथ असम राइफल्स के पांच जवान शहीद हुए थे. हमले में कर्नल की पत्नी और बेटे भी मारे गए थे.

कर्नल विप्लव त्रिपाठी बच्चे के साथ और उनकी पत्नी (फाइल फोटो)
कर्नल विप्लव त्रिपाठी बच्चे के साथ और उनकी पत्नी (फाइल फोटो)

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की पैरैंट संस्था- रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'हाल ही में घात लगाकर किए गए हमले में एक मां और एक बच्चे की मौत हो गई, यह बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण था.'

आरपीएफ ने कहा, हमें काफिले में मां-बच्चे की उपस्थिति का कोई पूर्व ज्ञान नहीं था. अगर हमें पता होता, तो स्थिति कुछ और होती.

दरअसल इस क्षेत्र में आदिवासी जातीय समुदाय जैसे नागा और कुकी आदि रहते हैं. ऐसे में पीएलए/आरपीएफ का खेद जताने का कदम हमले की व्यापक निंदा के कारण हो सकता है. माना जाता है कि पीएलए और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट की संयुक्त टीम वाले विद्रोही, म्यांमार के अंदर अंतरराष्ट्रीय सीमा से 20 किमी के भीतर स्थित अपने जंगल शिविरों से भारतीय क्षेत्र की ओर आ गए हैं.

पूर्व में हमले नहीं करने का दिया हवाला

संगठन ने कोमकेइरक (Komkeirak), कीसमथोंग (Keisamthong) और कई अन्य जगहों का भी हवाला दिया जहां उसने महिलाओं और बच्चों की उपस्थिति के कारण हमलों को स्पष्ट रूप से रद्द कर दिया था. उसका कहना है कि उन उदाहरणों के बारे में भारतीय सेना और मणिपुर पुलिस को पूरी जानकारी है. इसने बीएसएफ के पूर्व अतिरिक्त डीजी संजीव कृष्ण सूद के हवाले से कहा: '... मणिपुर के उग्रवादियों ने उस समय अतिरिक्त क्षति से बचने के लिए काफिले पर हमला नहीं किया था.

यह भी पढ़ें- मणिपुर में सेना की टुकड़ी पर घात लगाकर हमला, CO समेत पांच जवान शहीद, परिवार के दो लोगों की भी मौत

विज्ञप्ति में इस कथन को नकारा गया है कि पीएलए और उसकी मूल संस्था-रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) - बहुत पुराने यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) का हिस्सा हैं.

यह भी पढ़ें- मणिपुर हमला : शहीद कर्नल को अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दादा से विरासत में मिली थी देश भक्ति

गौरतलब है कि मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हुए हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी के साथ अर्धसैनिक बल (असम राइफल्स) के पांच जवान भी शहीद हुए थे. इस हमले का शिकार कर्नल विप्लव की पत्नी और उनका छह साल का बेटा भी हुआ था. असम राइफल्स को भारत-म्यांमार की संवेदनशील सीमा की सुरक्षा में तैनात किया गया है. मणिपुर दशकों से सबसे अधिक उग्रवाद प्रभावित राज्यों में से एक रहा है, जहां एक समय लगभग 42 विद्रोही संगठन थे. लगभग 15 अभी भी सक्रिय हैं, जिनमें से कई प्रतिबंधित हैं. शांति के लिए अधिकांश संगठनों की सरकार के साथ बातचीत चल रही है.

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Last Updated : Nov 18, 2021, 9:35 PM IST
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