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केरल और महाराष्ट्र में ओमीक्रोन और डेल्टा वायरस का सह-संक्रमण पाया गया, अलर्ट जारी

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी (A Senior Official From The Health Ministry) ने ईटीवी भारत को बताया कि भारतीय SARS CoV2 जीनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (INSACOG) (SARS CoV2 Genomics Sequencing Consortium) ने नई दिल्ली में हुई अपनी हालिया बैठक में मिश्रित संक्रमण के ऐसे कुछ मामलों का पता लगाने की रिपोर्ट के बाद गंभीर चिंता व्यक्त की.

Co-infection of Omicron and Delta virus found in Kerala and Maharashtra
ओमीक्रोन और डेल्टा वायरस का सह-संक्रमण पाया गया
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Published : Mar 4, 2022, 9:07 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (The Union Health Ministry) ने देश के विभिन्न स्थानों से कोविड-19 (Covid19) के मिले-जुले संक्रमण की खबरों के बाद पूरे भारत में अलर्ट जारी किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी (A Senior Official From The Health Ministry) ने ईटीवी भारत को बताया कि भारतीय SARS CoV2 जीनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (INSACOG) (SARS CoV2 Genomics Sequencing Consortium) ने नई दिल्ली में हुई अपनी हालिया बैठक में मिश्रित संक्रमण के ऐसे कुछ मामलों का पता लगाने की रिपोर्ट के बाद गंभीर चिंता व्यक्त की. मिश्रित संक्रमण में ओमीक्रोन और डेल्टा दोनों के लक्षण पाए जाते हैं. इंसाकॉग एक जीनोमिक अनुक्रमण संघ है जिसे भारत में जीनोमिक अनुक्रमण का कार्य सौंपा गया है.

पढ़ें: आवश्यक सावधानी बरतते हुए स्कूलों को खोलना, हालात सामान्य बनाना तर्कसंगत: सरकार

इंसाकॉग (INSACOG) के निष्कर्षों का हवाला देते हुए, अधिकारी ने कहा कि कुछ मामले ऐसे थे जहां स्ट्रेन स्पष्ट नहीं था लेकिन एक गहन विश्लेषण के बाद ओमीक्रोन और डेल्टा वायरस का सह-संक्रमण देखा गया. कई देशों में पाया जाने वाला डेल्टाक्रॉन अभी तक भारत में नहीं पाया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने इंसाकॉग के निष्कर्षों के हवाले से कहा कि ऐसे कम से कम 10 मामले थे जहां स्ट्रेन स्पष्ट नहीं था. स्ट्रेनट्रेन के मूल राज्यों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि केरल, महाराष्ट्र दो प्रमुख स्थान हैं जहां से इस तरह के मिश्रित संक्रमण की रिपोर्ट आ रही है.

पढ़ें: कोविड-19 की चौथी लहर पर आईआईटी कानपुर के अध्ययन की पड़ताल की जरूरत: सरकार

स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, केरल में गुरुवार तक 22,467 सक्रिय मामले दर्ज गए. जबकि महाराष्ट्र में गुरुवार को 9643 सक्रिय मामले दर्ज हुए. एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. तामोरिश कोले ने कोविड-19 मामलों के मिश्रित संक्रमण के बारे में संपर्क करने पर कहा कि मिश्रित संक्रमण की उपस्थिति का पता लगाने के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है. डॉ कोले ने कहा कि इंसाकॉग जीनोमिक अनुक्रमण पर अपना विश्लेषण कर रहा है और अधिक मामलों की उपलब्धता यह पता लगा सकती है कि मिश्रित संक्रमण का कोई खतरा है या नहीं.

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (The Union Health Ministry) ने देश के विभिन्न स्थानों से कोविड-19 (Covid19) के मिले-जुले संक्रमण की खबरों के बाद पूरे भारत में अलर्ट जारी किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी (A Senior Official From The Health Ministry) ने ईटीवी भारत को बताया कि भारतीय SARS CoV2 जीनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (INSACOG) (SARS CoV2 Genomics Sequencing Consortium) ने नई दिल्ली में हुई अपनी हालिया बैठक में मिश्रित संक्रमण के ऐसे कुछ मामलों का पता लगाने की रिपोर्ट के बाद गंभीर चिंता व्यक्त की. मिश्रित संक्रमण में ओमीक्रोन और डेल्टा दोनों के लक्षण पाए जाते हैं. इंसाकॉग एक जीनोमिक अनुक्रमण संघ है जिसे भारत में जीनोमिक अनुक्रमण का कार्य सौंपा गया है.

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इंसाकॉग (INSACOG) के निष्कर्षों का हवाला देते हुए, अधिकारी ने कहा कि कुछ मामले ऐसे थे जहां स्ट्रेन स्पष्ट नहीं था लेकिन एक गहन विश्लेषण के बाद ओमीक्रोन और डेल्टा वायरस का सह-संक्रमण देखा गया. कई देशों में पाया जाने वाला डेल्टाक्रॉन अभी तक भारत में नहीं पाया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने इंसाकॉग के निष्कर्षों के हवाले से कहा कि ऐसे कम से कम 10 मामले थे जहां स्ट्रेन स्पष्ट नहीं था. स्ट्रेनट्रेन के मूल राज्यों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि केरल, महाराष्ट्र दो प्रमुख स्थान हैं जहां से इस तरह के मिश्रित संक्रमण की रिपोर्ट आ रही है.

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स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, केरल में गुरुवार तक 22,467 सक्रिय मामले दर्ज गए. जबकि महाराष्ट्र में गुरुवार को 9643 सक्रिय मामले दर्ज हुए. एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. तामोरिश कोले ने कोविड-19 मामलों के मिश्रित संक्रमण के बारे में संपर्क करने पर कहा कि मिश्रित संक्रमण की उपस्थिति का पता लगाने के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है. डॉ कोले ने कहा कि इंसाकॉग जीनोमिक अनुक्रमण पर अपना विश्लेषण कर रहा है और अधिक मामलों की उपलब्धता यह पता लगा सकती है कि मिश्रित संक्रमण का कोई खतरा है या नहीं.

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