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तमिलनाडु सीएम ने नीट के विरोध में 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र - central government CM Stalin writes to chief ministers of 12 states

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने पत्र में कहा कि राज्य सरकारों को अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए दबाव बनाना चाहिए ताकि अपने उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन की प्रक्रिया के बारे में वे निर्णय ले सकें.

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन
मुख्यमंत्री एम के स्टालिन
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Published : Oct 4, 2021, 7:56 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने गैर भाजपा शासित 11 राज्यों और गोवा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) का विरोध करने और शिक्षा में राज्यों की प्रधानता बहाल करने में सहयोग मांगा है. यह जानकारी सोमवार को राज्य सरकार ने साझा की है. स्टालिन ने समर्थन जुटाने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क करने के काम में अपनी पार्टी के सांसदों को लगाया है. अपने समकक्षों को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने नीट का विरोध करने के रुख को दोहराया है.

उन्होंने कहा, हमारा स्पष्ट रुख है कि नीट शुरू करने की केंद्र सरकार की पहल संघीय ढांचे के विपरीत है और राज्य सरकारों के अधिकारों को कम कर संवैधानिक संतुलन कायम रखने का उल्लंघन है.

इसे भी पढ़ें-उच्चतम न्यायालय ने नीट यूजी परीक्षा रद्द करने के लिए दायर याचिका खारिज की

स्टालिन ने एक अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा कि राज्य सरकारों को अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए दबाव बनाना चाहिए ताकि अपने उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन की प्रक्रिया के बारे में वे निर्णय कर सकें.

(पीटीआई-भाषा)

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने गैर भाजपा शासित 11 राज्यों और गोवा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) का विरोध करने और शिक्षा में राज्यों की प्रधानता बहाल करने में सहयोग मांगा है. यह जानकारी सोमवार को राज्य सरकार ने साझा की है. स्टालिन ने समर्थन जुटाने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क करने के काम में अपनी पार्टी के सांसदों को लगाया है. अपने समकक्षों को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने नीट का विरोध करने के रुख को दोहराया है.

उन्होंने कहा, हमारा स्पष्ट रुख है कि नीट शुरू करने की केंद्र सरकार की पहल संघीय ढांचे के विपरीत है और राज्य सरकारों के अधिकारों को कम कर संवैधानिक संतुलन कायम रखने का उल्लंघन है.

इसे भी पढ़ें-उच्चतम न्यायालय ने नीट यूजी परीक्षा रद्द करने के लिए दायर याचिका खारिज की

स्टालिन ने एक अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा कि राज्य सरकारों को अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए दबाव बनाना चाहिए ताकि अपने उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन की प्रक्रिया के बारे में वे निर्णय कर सकें.

(पीटीआई-भाषा)

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