ETV Bharat / bharat

Ankita Murder Case: उत्तराखंड सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान, देगी 25 लाख की आर्थिक सहायता

उत्तराखंड सरकार अंकिता भंडारी के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देगी. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की है. इसके अलावा ऋषिकेश निवासी कैलाश सेमवाल ने भी अंकिता भंडारी के गांव जाकर एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता की है.

CM Pushkar Singh Dhami
उत्तराखंड सरकार
author img

By

Published : Sep 28, 2022, 12:20 PM IST

देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा (Pushkar Singh Dhami has announced financial assistance) की है. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी. मामले की एसआईटी जांच की जा रही है. पूर्ण निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मामले से संबंधित हर तथ्य को जुटाते हुए पुख्ता तरीके से रिपोर्ट तैयार की जा रही है. अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा. अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी जो आगे के लिए भी नजीर बने. पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए कोर्ट से अनुरोध किया गया है.

वहीं, अंकिता भंडारी की हत्या (Ankita Bhandari Murder Case) के बाद पीड़ित परिवार के लिए अब मदद के हाथ बढ़ने लगे हैं. ऋषिकेश निवासी कैलाश सेमवाल ने अंकिता भंडारी के गांव जाकर एक लाख रुपए देकर उनकी आर्थिक सहायता की है. साथ ही कुछ और लोग भी अंकिता भंडारी के परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए प्रयास में जुटे हैं.

पौड़ी जिले के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी नौकरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही थी. अंकिता को लेकर कई तरह के सपने परिवार ने भी देखे थे. अंकिता ने भी अपने परिवार के लिए बेहतर से बेहतर करने के लिए सोचा था, लेकिन हैवानों ने परिवार के सपनों को चकनाचूर कर दिया. अंकिता भंडारी को जान से मार दिया. इतना सब कुछ होने के बाद अब अंकिता भंडारी का परिवार पूरी तरह टूट चुका है.
ये भी पढ़ेंः अंकिता मर्डर केस के बाद सहमी गढ़वाल विवि की छात्राएं, UKD ने किया उत्तराखंड बंद का ऐलान

आर्थिक स्थिति मजबूत न होने की वजह से परिवार के सामने कई तरह की दिक्कतें आने लगी हैं, लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो लोगों की मदद के लिए पीछे नहीं हटते. ऋषिकेश के श्यामपुर निवासी कैलाश उन्हीं में से एक हैं. कैलाश सेमवाल अपने कुछ साथियों के साथ अंकिता भंडारी के गांव पहुंचे और परिवार को एक लाख रुपए दिए. कैलाश का कहना है कि बुरे वक्त में ही लोगों की सहायता करना इंसानियत कहलाता है. मैने सिर्फ इंसानियत का फर्ज निभाया है.

वहीं, ऋषिकेश हरिद्वार रोड निवासी राज्य आंदोलनकारी सरोज डिमरी ने भी पीड़ित अंकिता भंडारी के परिवार की आर्थिक सहायता करने का बीड़ा उठा लिया है. उन्होंने परिवार को अधिक से अधिक सहायता पहुंच सके, इसको लेकर एक अभियान में जुट गई हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपनी क्षमता अनुसार अंकिता भंडारी के परिवार की आर्थिक सहायता करें.

क्या था मामलाः बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के डोभ श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगापुर भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित का था.

अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी, लेकिन बीती 18 सितंबर को अंकिता रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. वहीं, 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.

जब पुलिस ने जांच की तो रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी.

जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की, तब जाकर तीनों ने राज उगला. इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
ये भी पढ़ेंः अधूरी रह गई अंकिता भंडारी की इच्छा, माता-पिता के लिए बनाना चाहती थी दो कमरों का घर

देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा (Pushkar Singh Dhami has announced financial assistance) की है. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी. मामले की एसआईटी जांच की जा रही है. पूर्ण निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मामले से संबंधित हर तथ्य को जुटाते हुए पुख्ता तरीके से रिपोर्ट तैयार की जा रही है. अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा. अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी जो आगे के लिए भी नजीर बने. पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए कोर्ट से अनुरोध किया गया है.

वहीं, अंकिता भंडारी की हत्या (Ankita Bhandari Murder Case) के बाद पीड़ित परिवार के लिए अब मदद के हाथ बढ़ने लगे हैं. ऋषिकेश निवासी कैलाश सेमवाल ने अंकिता भंडारी के गांव जाकर एक लाख रुपए देकर उनकी आर्थिक सहायता की है. साथ ही कुछ और लोग भी अंकिता भंडारी के परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए प्रयास में जुटे हैं.

पौड़ी जिले के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी नौकरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही थी. अंकिता को लेकर कई तरह के सपने परिवार ने भी देखे थे. अंकिता ने भी अपने परिवार के लिए बेहतर से बेहतर करने के लिए सोचा था, लेकिन हैवानों ने परिवार के सपनों को चकनाचूर कर दिया. अंकिता भंडारी को जान से मार दिया. इतना सब कुछ होने के बाद अब अंकिता भंडारी का परिवार पूरी तरह टूट चुका है.
ये भी पढ़ेंः अंकिता मर्डर केस के बाद सहमी गढ़वाल विवि की छात्राएं, UKD ने किया उत्तराखंड बंद का ऐलान

आर्थिक स्थिति मजबूत न होने की वजह से परिवार के सामने कई तरह की दिक्कतें आने लगी हैं, लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो लोगों की मदद के लिए पीछे नहीं हटते. ऋषिकेश के श्यामपुर निवासी कैलाश उन्हीं में से एक हैं. कैलाश सेमवाल अपने कुछ साथियों के साथ अंकिता भंडारी के गांव पहुंचे और परिवार को एक लाख रुपए दिए. कैलाश का कहना है कि बुरे वक्त में ही लोगों की सहायता करना इंसानियत कहलाता है. मैने सिर्फ इंसानियत का फर्ज निभाया है.

वहीं, ऋषिकेश हरिद्वार रोड निवासी राज्य आंदोलनकारी सरोज डिमरी ने भी पीड़ित अंकिता भंडारी के परिवार की आर्थिक सहायता करने का बीड़ा उठा लिया है. उन्होंने परिवार को अधिक से अधिक सहायता पहुंच सके, इसको लेकर एक अभियान में जुट गई हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपनी क्षमता अनुसार अंकिता भंडारी के परिवार की आर्थिक सहायता करें.

क्या था मामलाः बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के डोभ श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगापुर भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित का था.

अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी, लेकिन बीती 18 सितंबर को अंकिता रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. वहीं, 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.

जब पुलिस ने जांच की तो रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी.

जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की, तब जाकर तीनों ने राज उगला. इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
ये भी पढ़ेंः अधूरी रह गई अंकिता भंडारी की इच्छा, माता-पिता के लिए बनाना चाहती थी दो कमरों का घर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.