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शराबबंदी वाले बिहार में 15 दिन में 41 की गई जान, CM नीतीश बोले-छठ बाद लेंगे फैसला

बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पिछले 15 दिनों में बिहार के अलग-अलग हिस्सों से 41 लोगों की मौत होने की खबर है. जहरीली शराब से हो रही मौतों के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दे डाला है. उन्होंने कहा है कि छठ के बाद शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे. शराबबंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जाएगा. पढ़ें रिपोर्ट...

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
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Published : Nov 5, 2021, 10:01 PM IST

पटना : बिहार के गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब से 33 लोगों की मौत (Gopalganj Poisonous Liquor case) हो जाने के मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बड़ा बयान दिया है.

उन्होंने कहा है कि छठ महापर्व के बाद शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक की जाएगी. शराबबंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी से हम पहले से कह रहे थे, गलत लोगों के चक्कर में न पड़ें. लगातार पुलिस और प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाती है और लोग गिरफ्तार होते हैं. अवैध शराब बरामद की जाती है.

सुनिए नीतीश कुमार ने क्या कहा

ये भी पढ़ें- नशे की गिरफ्त में बिहार.. शराबबंदी के बाद चरस, अफीम, ड्रग्स और गांजे की बढ़ी तस्करी

इससे पहले उन्होंने कहा था कि महिलाओं की मांग पर हमने बिहार में पूर्ण शराब बंदी लागू की लेकिन कुछ लोग ही गड़बड़ करने वाले हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जब हमने शराबबंदी की थी तो कुछ लोग विरोध में बोलने लगे थे.

शराबबंदी के खिलाफ कुछ ही लोग विरोध में हैं, ज्यादातर लोग इसके समर्थन में ही हैं. जहां तक पुलिस प्रशासन की बात है तो ऐसे लोगों पर लगातार कार्रवाई हो रही है. ऐसे लोग जेल जा रहे हैं, सजा भी मिल रही है. लेकिन, हर जगह गड़बड़ी करने वाले लोग हैं. लोगों को समझना होगा कि शराबबंदी उनके हित में है. इधर, हम लोगों का ध्यान कोरोना पर भी था, लेकिन जल्द ही फिर हम इसकी समीक्षा करेंगे.

2016 में लागू हुई थी शराबबंदी

बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. महिलाओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिया था. शराबबंदी से हर साल 5000 करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन, सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को जारी रखना चाहते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी कानून को सराहा है. विधानसभा चुनाव में भी इस बात पर मुहर लगी है. विधानसभा चुनाव में जहां 54.38 प्रतिशत पुरुषों ने वहीं 59.58% महिलाओं ने मतदान किया था.

बता दें कि बिहार में जहरीली शराब पीने से 33 लोगों की मौत हो गई है. गोपालगंज में जहरीली शराब कांड (Gopalganj Poisonous Liquor case) में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. 7 लोगों की हालत गंभीर है. उनका इलाज गोपालगंज के सदर अस्पताल (Sadar Hospital Gopalganj) और मोतिहारी के सरकारी अस्पताल में चल रहा है. इनमें से कई लोगों की आंखों की रोशनी खत्म होने की बात कही गई है. दूसरी ओर पश्चिम चंपारण जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 15 हो गया है.

यह भी पढ़ें- 'नीतीश कुमार संवेदना भी प्रकट नहीं करेंगे, क्योंकि उनके संरक्षित शराब माफिया नाराज हो जाएंगे'

पटना : बिहार के गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब से 33 लोगों की मौत (Gopalganj Poisonous Liquor case) हो जाने के मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बड़ा बयान दिया है.

उन्होंने कहा है कि छठ महापर्व के बाद शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक की जाएगी. शराबबंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी से हम पहले से कह रहे थे, गलत लोगों के चक्कर में न पड़ें. लगातार पुलिस और प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाती है और लोग गिरफ्तार होते हैं. अवैध शराब बरामद की जाती है.

सुनिए नीतीश कुमार ने क्या कहा

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इससे पहले उन्होंने कहा था कि महिलाओं की मांग पर हमने बिहार में पूर्ण शराब बंदी लागू की लेकिन कुछ लोग ही गड़बड़ करने वाले हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जब हमने शराबबंदी की थी तो कुछ लोग विरोध में बोलने लगे थे.

शराबबंदी के खिलाफ कुछ ही लोग विरोध में हैं, ज्यादातर लोग इसके समर्थन में ही हैं. जहां तक पुलिस प्रशासन की बात है तो ऐसे लोगों पर लगातार कार्रवाई हो रही है. ऐसे लोग जेल जा रहे हैं, सजा भी मिल रही है. लेकिन, हर जगह गड़बड़ी करने वाले लोग हैं. लोगों को समझना होगा कि शराबबंदी उनके हित में है. इधर, हम लोगों का ध्यान कोरोना पर भी था, लेकिन जल्द ही फिर हम इसकी समीक्षा करेंगे.

2016 में लागू हुई थी शराबबंदी

बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. महिलाओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिया था. शराबबंदी से हर साल 5000 करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन, सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को जारी रखना चाहते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी कानून को सराहा है. विधानसभा चुनाव में भी इस बात पर मुहर लगी है. विधानसभा चुनाव में जहां 54.38 प्रतिशत पुरुषों ने वहीं 59.58% महिलाओं ने मतदान किया था.

बता दें कि बिहार में जहरीली शराब पीने से 33 लोगों की मौत हो गई है. गोपालगंज में जहरीली शराब कांड (Gopalganj Poisonous Liquor case) में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. 7 लोगों की हालत गंभीर है. उनका इलाज गोपालगंज के सदर अस्पताल (Sadar Hospital Gopalganj) और मोतिहारी के सरकारी अस्पताल में चल रहा है. इनमें से कई लोगों की आंखों की रोशनी खत्म होने की बात कही गई है. दूसरी ओर पश्चिम चंपारण जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 15 हो गया है.

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