जयपुर : नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ को कांग्रेस विश्वासघात दिवस के तौर पर मना रही है. इस पर सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि नोटबंदी की विफलता पूरे देश के सामने है. पीएम मोदी का एक भी निर्णय देशहित में नहीं रहा. रोजगार खत्म हो रहे हैं, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है.
'पीएम ने विदेश नीति दांव पर लगाई'
इस दौरान उन्होंने पीएम पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का चुनाव प्रचार कर विदेश नीति दांव पर लगाने की बात कही. साथ ही गुर्जरों की सभी मांगें माने जाने और बार-बार पटरी पर बैठने का कोई औचित्य नहीं होने की बात कही. इस वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आम जनता ने भी लाइव चैट में अपने सवाल दागे.
पढ़ें: हेरिटेज नगर निगम में मेयर को लेकर मुस्लिम समुदाय और कांग्रेस आमने-सामने...
नोटबंदी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था चौपट हुई
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ पर केंद्र और भाजपा की नीतियों पर जमकर प्रहार किए. सीएम ने कहा कि जबसे नोटबंदी हुई है, 4 साल में किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी बर्बाद हो गए और बेरोजगारी फैल गई है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी तरह अस्थिर हो गई. उन्होंने कहा कि आज आरबीआई खुद कहता है कि 99.3 फीसदी पैसा वापस जमा हो गया है.
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कैम है
सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गलतियां सुधारने की नसीहत देते हुए कहा कि केंद्र ने जीएसटी में गलतियां की, नोटबंदी, कोरोना के बाद अनलॉक. इनमें कोई भी फैसला देशहित में नहीं रहा. इस दौरान गहलोत ने इलेक्ट्रोल बॉन्ड को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा कि ये स्कैम है. ब्लैक मनी पहले की तरह चल रही है.
पढ़ें: Exclusive : सामाजिक नेतृत्व कोई राजगद्दी नहीं कि राजपाट बेटे को सौंप दिया : हिम्मत सिंह
आम जनता ने भी पूछे सवाल
इस दौरान आम जनता भी इस वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस से जुड़ी. लाइव चैट में आम जनता ने अपने सवाल भी दागे. इसमें रीट भर्ती 2016 की वेटिंग लिस्ट जारी करने, दीपावली का बोनस, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने, लाइब्रेरियन थर्ड ग्रेड के पद बढ़ाने, विराटनगर में पानी की किल्लत, गुर्जर आंदोलन और आरपीएससी एईएन 2018 मेंस के रिजल्ट से जुड़े सवाल अहम रहे.
आम जनता के सवालों का जवाब इस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में नहीं दिया गया, लेकिन इन सवालों से साफ हो गया कि प्रदेश में बेरोजगारी के मुद्दे पर आम जनता के जहन में ढेरों सवाल हैं, जिनके जवाब वो राज्य सरकार से चाहती है.