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हमें अपनी मातृभाषा और संस्कृति को हमेशा याद रखना चाहिए : सीजेआई रमना - CJI Justice NV Ramana experiences

अमेरिका दौरे पर तेलुगु समुदाय को संबोधित करते हुए भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना (Chief Justice of India Justice NV Ramana) ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा और संस्कृति को हमेशा याद रखना चाहिए.

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Published : Jun 26, 2022, 2:08 PM IST

वाशिंगटन : भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना (Chief Justice of India Justice NV Ramana) ने कहा कि हम कितनी भी दूर क्यों न हों...हमें अपनी मातृभाषा और संस्कृति को हमेशा याद रखना चाहिए. जस्टिस रमना ने वाशिंगटन डीसी में अमेरिका के तेलुगु समुदाय द्वारा आयोजित मीट एंड ग्रीट कार्यक्रम के दौरान उक्त बातें कहीं. इस दौरान जस्टिस रमना की पत्नी शिवमाला भी मौजूद थीं.

इस अवसर पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि भले ही आपने अपना गृहनगर और लोगों को छोड़ दिया हो. लेकिन जब भी संभव हो मातृभूमि की यात्रा करनी चाहिए. उन्होंने सांस्कृतिक संस्थाओं को बढ़ावा देने के लिए काम करने की अपील करते हुए कहा कि हमें अपनी मातृभाषा और संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए.

इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हुई एक घटना का भी जिक्र किया. चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि जब मैं सुप्रीम कोर्ट गया तो मेरे बंगले में नेमप्लेट हिंदी और अंग्रेजी में लगाई गई थी. इस पर मैंने उनसे पूछा कि .. मैं चाहता हूं कि मेरी नेम प्लेट तेलुगु में हो. उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है. मैंने दृढ़ता से कहा कि मैं अपनी मातृभाषा के मामले में समझौता नहीं करूंगा. मेरे बंगले के अंदर और बाहर के गेट में नेमप्लेट तेलुगु में होगी, साथ ही अंग्रेजी में.

जस्टिस रमना ने कहा कि घर में रहते हुए अपनी मातृभाषा में बोलना चाहिए. हमें हमेशा हमारी मातृभाषा और संस्कृति को याद रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि शतक- साहित्य डाउनलोड किया जाना चाहिए और बच्चों को इसे पढ़ने के लिए बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी के साथ तेलुगु पढ़ाना अनिवार्य है. जस्टिस रमना ने कहा कि जब बच्चे तेलुगु बोलते हैं तो वे कुछ गलतियां करते हैं. क्या उन पर गुस्सा न करें.. जब तक कि आपको कुछ गलत कहने पर उच्चारण सही न करना पड़े.

ये भी पढ़ें - सीजेआई जस्टिस एनवी रमना बोले- तेलुगु लोगों में से एक होने पर गर्व

वाशिंगटन : भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना (Chief Justice of India Justice NV Ramana) ने कहा कि हम कितनी भी दूर क्यों न हों...हमें अपनी मातृभाषा और संस्कृति को हमेशा याद रखना चाहिए. जस्टिस रमना ने वाशिंगटन डीसी में अमेरिका के तेलुगु समुदाय द्वारा आयोजित मीट एंड ग्रीट कार्यक्रम के दौरान उक्त बातें कहीं. इस दौरान जस्टिस रमना की पत्नी शिवमाला भी मौजूद थीं.

इस अवसर पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि भले ही आपने अपना गृहनगर और लोगों को छोड़ दिया हो. लेकिन जब भी संभव हो मातृभूमि की यात्रा करनी चाहिए. उन्होंने सांस्कृतिक संस्थाओं को बढ़ावा देने के लिए काम करने की अपील करते हुए कहा कि हमें अपनी मातृभाषा और संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए.

इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हुई एक घटना का भी जिक्र किया. चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि जब मैं सुप्रीम कोर्ट गया तो मेरे बंगले में नेमप्लेट हिंदी और अंग्रेजी में लगाई गई थी. इस पर मैंने उनसे पूछा कि .. मैं चाहता हूं कि मेरी नेम प्लेट तेलुगु में हो. उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है. मैंने दृढ़ता से कहा कि मैं अपनी मातृभाषा के मामले में समझौता नहीं करूंगा. मेरे बंगले के अंदर और बाहर के गेट में नेमप्लेट तेलुगु में होगी, साथ ही अंग्रेजी में.

जस्टिस रमना ने कहा कि घर में रहते हुए अपनी मातृभाषा में बोलना चाहिए. हमें हमेशा हमारी मातृभाषा और संस्कृति को याद रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि शतक- साहित्य डाउनलोड किया जाना चाहिए और बच्चों को इसे पढ़ने के लिए बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी के साथ तेलुगु पढ़ाना अनिवार्य है. जस्टिस रमना ने कहा कि जब बच्चे तेलुगु बोलते हैं तो वे कुछ गलतियां करते हैं. क्या उन पर गुस्सा न करें.. जब तक कि आपको कुछ गलत कहने पर उच्चारण सही न करना पड़े.

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