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Vulture Rescue : एयरलिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया सिनेरियस गिद्ध, चेन्नई से लाया गया जोधपुर - etv bharat Rajasthan news

सिनेरियस गिद्ध को गुरुवार को एयरलिफ्ट (airlift of vulture in India) कर चेन्नई से जोधपुर लाया गया है. उसे माचिया बायोलॉजिकल पार्क में रखा गया है. कुछ दिन क्वारेंटिन रखने के बाद आस-पास आने वाले गिद्धों के समूह के साथ छोड़ने की तैयारी है.

Vulture Rescue
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Published : Nov 3, 2022, 5:10 PM IST

जोधपुर (राजस्थान). अपने समूह से बिछड़ कर दक्षिण भारत में कन्याकुमारी पहुंचे सिनेरियस प्रजाति के गिद्ध को पुन: उसके साथियों के समूह तक पहुंचाने (Vulture Rescue in jodhpur) के लिए गुरुवार को जोधपुर लाया गया. चेन्नई से सुबह एयरइंडिया की फ्लाइट्स (airlift of vulture in India) से वल्चर को दोपहर में यहां लाया गया. उसके साथ कन्याकुमारी के वन्यजीव अधिकारी भी जोधपुर आए हैं. गिद्ध को माचिया बायलोजिकल पार्क में रखा गया है जहां उसे कुछ दिन क्वारेंटिन रखने के (Cinereous Vulture kept in Machia Biological Park) बाद आस-पास आने वाले गिद्धों के समूह के साथ छोड़ने की योजना है.

माचिया पार्क के उप वन संरक्षक (वन्य जीव) संदीप चेलानी ने बताया कि वल्चर के पूरी तरह से स्वस्थ रहने पर आने वाले दिनों में उसकी प्रजाति के समूह के आने से साथ ही उसे भेजने की तैयारी है. गिद्धों की सिनेरियस प्रजाति यूरोप और एशिया यानी यूरेशिया प्रजाति कहलाती है.

रेस्क्यू किया गया सिनेरियस गिद्ध

पढ़ें. Cinereous vulture rescue: चेन्नई से आज हवाई जहाज से जोधपुर पहुंचेगा सिनेरियस गिद्ध

अक्टूबर में वापस आते हैं समूह
वल्चर के साथ आए वन्यजीव अधिकारियों का कहना है की करीब 6 माह पहले यह कन्याकुमारी के पास उदयागिरि में घायल अवस्था में पाया गया था जिसका उपचार किया गया. ऐसा माना जा रहा है कि यह पिछली बार वापस लौटते समय अपने समूह से बिछड़ गया होगा. इस प्रजाति के गिद्ध मूलत पुर्तगाल, फ्रांस से होते हुए उज़्बेकिस्तान, मंगोलिया के रास्ते अक्टूबर माह में भारत की तरफ आते हैं. अब अधिकारी को उम्मीद है कि आने वाले समय में जोधपुर में जब सिनेरियस गिद्ध के समूह आएंगे तो इसे भी उनके साथ जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.

पढ़ें. गुलजार होने लगा जंगल, केवलादेव घना पहुंचे 100 से अधिक प्रजाति के देसी-विदेशी पक्षी

यह स्पेन, पुर्तगाल के अलावा दक्षिण फ्रांस में मिलते हैं. इसे गिद्धों में सबसे भारी उड़ान भरने वाला गिद्ध कहा जाता है, क्योंकि इस प्रजाति में फीमेल वल्चर का वजन सात से 14 किलो तक होता है. जबकि इसमें मेल का अधिकतम वजन 11.5 किलो होता है. लंबाई 98 से 120 सेंटीमीटर होती है. इनके पंख का फैलाव अधिकतम तीन मीटर तक होता है. जिसकी वजह से लंबी उड़ान भरते हैं.

सिनेरियस गिद्ध सबसे ज्यादा ऊंचाई पर उड़ सकते हैं
यह पहाड़ी इलाके में 2600 से 12500 फीट की ऊंचाई तक मैदान में 14800 फीट अधिकतम और माउंट एवरेस्ट पर 22 हजार 870 फीट की ऊंचाई तक देखे गए हैं. इनकी अधिकतम आयु 35 वर्ष होती है. यूरोप में जब सर्दी होती है तो सामान्यतः यह मंचूरिया, मंगोलिया और कोरिया में अपना ब्रीडिंग टाइम बिताते हैं. इनका हैबिटेट वन क्षेत्र के साथ हिली और माउंटेन एरिया होता है.

जोधपुर (राजस्थान). अपने समूह से बिछड़ कर दक्षिण भारत में कन्याकुमारी पहुंचे सिनेरियस प्रजाति के गिद्ध को पुन: उसके साथियों के समूह तक पहुंचाने (Vulture Rescue in jodhpur) के लिए गुरुवार को जोधपुर लाया गया. चेन्नई से सुबह एयरइंडिया की फ्लाइट्स (airlift of vulture in India) से वल्चर को दोपहर में यहां लाया गया. उसके साथ कन्याकुमारी के वन्यजीव अधिकारी भी जोधपुर आए हैं. गिद्ध को माचिया बायलोजिकल पार्क में रखा गया है जहां उसे कुछ दिन क्वारेंटिन रखने के (Cinereous Vulture kept in Machia Biological Park) बाद आस-पास आने वाले गिद्धों के समूह के साथ छोड़ने की योजना है.

माचिया पार्क के उप वन संरक्षक (वन्य जीव) संदीप चेलानी ने बताया कि वल्चर के पूरी तरह से स्वस्थ रहने पर आने वाले दिनों में उसकी प्रजाति के समूह के आने से साथ ही उसे भेजने की तैयारी है. गिद्धों की सिनेरियस प्रजाति यूरोप और एशिया यानी यूरेशिया प्रजाति कहलाती है.

रेस्क्यू किया गया सिनेरियस गिद्ध

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अक्टूबर में वापस आते हैं समूह
वल्चर के साथ आए वन्यजीव अधिकारियों का कहना है की करीब 6 माह पहले यह कन्याकुमारी के पास उदयागिरि में घायल अवस्था में पाया गया था जिसका उपचार किया गया. ऐसा माना जा रहा है कि यह पिछली बार वापस लौटते समय अपने समूह से बिछड़ गया होगा. इस प्रजाति के गिद्ध मूलत पुर्तगाल, फ्रांस से होते हुए उज़्बेकिस्तान, मंगोलिया के रास्ते अक्टूबर माह में भारत की तरफ आते हैं. अब अधिकारी को उम्मीद है कि आने वाले समय में जोधपुर में जब सिनेरियस गिद्ध के समूह आएंगे तो इसे भी उनके साथ जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.

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यह स्पेन, पुर्तगाल के अलावा दक्षिण फ्रांस में मिलते हैं. इसे गिद्धों में सबसे भारी उड़ान भरने वाला गिद्ध कहा जाता है, क्योंकि इस प्रजाति में फीमेल वल्चर का वजन सात से 14 किलो तक होता है. जबकि इसमें मेल का अधिकतम वजन 11.5 किलो होता है. लंबाई 98 से 120 सेंटीमीटर होती है. इनके पंख का फैलाव अधिकतम तीन मीटर तक होता है. जिसकी वजह से लंबी उड़ान भरते हैं.

सिनेरियस गिद्ध सबसे ज्यादा ऊंचाई पर उड़ सकते हैं
यह पहाड़ी इलाके में 2600 से 12500 फीट की ऊंचाई तक मैदान में 14800 फीट अधिकतम और माउंट एवरेस्ट पर 22 हजार 870 फीट की ऊंचाई तक देखे गए हैं. इनकी अधिकतम आयु 35 वर्ष होती है. यूरोप में जब सर्दी होती है तो सामान्यतः यह मंचूरिया, मंगोलिया और कोरिया में अपना ब्रीडिंग टाइम बिताते हैं. इनका हैबिटेट वन क्षेत्र के साथ हिली और माउंटेन एरिया होता है.

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