नई दिल्ली : केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने अरुणाचल प्रदेश के लापता युवक को भारतीय सेना को सौंप दिया है. अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले से 19 वर्षीय मिराम तारोन 18 जनवरी को लापता हो गया था. रिजिजू ने एक ट्वीट में बताया कि लड़के की चिकित्सकीय जांच सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं. उन्होंने ट्वीट किया, 'चीन के पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के मिराम तारोन (arunachal youth Miram Taron) को भारतीय सेना को सौंप दिया. चिकित्सकीय जांच सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं.'
लोकसभा सांसद रिजिजू ने मंगलवार को बताया था कि चीन ने 20 जनवरी को भारतीय सेना को सूचित किया था कि उन्हें अपनी ओर एक लड़का मिला है और उसकी पहचान की पुष्टि के लिए और जानकारी मांगी थी. रिजिजू ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा था, 'पहचान की पुष्टि करने में चीन की मदद के लिए, भारतीय सेना ने उनके साथ उसका व्यक्तिगत विवरण और तस्वीर साझा की है. चीन के जवाब का इंतजार है.' बयान में कहा गया था, 'कुछ लोगों ने बताया है कि चीन के पीएलए ने उसे हिरासत में लिया है.'
रिजिजू ने कहा था कि युवक के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब एक क्षेत्र से लापता होने के बाद भारतीय सेना ने तुरंत 19 जनवरी को चीन से सम्पर्क किया. उसके गलती से चीन के क्षेत्र में दाखिल होने या पीएलए के उसको हिरासत में लेने पर उसका पता लगाने तथा उसकी वापसी के लिए सहयोग मांगा. मंत्री ने कहा कि चीन ने आश्वासन दिया था कि वे उसकी तलाश करेंगे और स्थापित नियमों के तहत उसे वापस सौंप देंगे.
गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश से सांसद तापिर गाओ ने 19 जनवरी को दावा किया था कि पीएलए ने अपर सियांग जिले के सियुंगला इलाके (बिशिंग गांव) के लुंगटा जोर से तरोन को अगवा कर लिया है. तरोन के दोस्त जॉनी यायिंग ने पीएलए द्वारा अगवा किये जाने के बारे में प्राधिकारियों को सूचित किया. दोनों जिदो गांव के स्थानीय शिकारी हैं. घटना उस स्थान के पास हुई थी जहां से त्सांगपो नदी भारत में अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है. त्सांगपो को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है.
पढ़ें: अरुणाचल प्रदेश से लापता युवक चीन की सीमा में मिला
20 जनवरी को, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसे इस घटना की जानकारी नहीं है, लेकिन कहा था कि पीएलए सीमाओं को नियंत्रित करती है और अवैध प्रवेश और निकास गतिविधियों पर कार्रवाई करती है. इससे पहले, सितंबर 2020 में पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले से पांच युवकों को अगवा कर लिया था. करीब एक सप्ताह बाद पीएलए ने युवकों को रिहा किया था.