नई दिल्ली: फर्जी सूचनाओं के प्रसार पर रोक के संबंध में विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शनिवार को कहा कि फरवरी में भारत में चीनी एप पर प्रतिबंध लगाया गया. विदेश सचिव दिल्ली में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.
विनय मोहन ने कहा कि एक बड़ी कार्रवाई के तहत भारत सरकार ने इस साल फरवरी की शुरुआत में 'तत्काल' और 'आपातकालीन' आधार पर 138 सट्टेबाजी ऐप और चीनी लिंक वाले 94 लोन ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया और ब्लॉक कर दिया. ऐसा तब किया गया जब पाया गया कि ये ऐप आईटी अधिनियम की धारा 69 के तहत आते हैं. इनके एप्लीकेश में ऐसी सामग्री पाए गए जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा है.
यह कार्रवाई पीड़ितों की शिकायत पर की गई. पीड़ितों ने इस बारे में उत्पीड़न किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी. पीड़ितों ने उन संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा चलाए जा रहे मोबाइल ऐप के माध्यम से कम मात्रा में ऋण लिया था. जांच में पता चला है कि ये ऐप चीनी नागरिकों के दिमाग की उपज हैं जिन्होंने भारतीयों को काम पर रखा और उन्हें संचालन में निदेशक बनाया.
परेशान लोग को ऋण लेने का लालच दिया जाता है और फिर ऐसे लोगों से भारी ब्याज वसूला जाता है. ऐसी स्थिति में कर्जदार कर्ज चुकाने की तो बात ही दूर, ब्याज चुकाने में असमर्थ हो गए तो इन ऐप का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों ने कर्ज में डूबे लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया. अपने ग्राहकों को भद्दे संदेश भेजे, उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरों को जारी करने की धमकी दी गई. अपने एजेंटों को भेजकर उन्हें शर्मसार किया गया.
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में खासकर ऐसी घटनाएं सामने आई. मामला तब प्रकाश में आया जब उन लोगों द्वारा आत्महत्या की गई. इनमें से कई लोग सट्टेबाजी करने वाले ऐप्स के लिए पैसे खो दिए. जानकारी के अनुसार तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने तब केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था. गृह मंत्रालय ने छह महीने पहले इन सूचनाओं के आधार पर 28 चीनी लोन देने वाले ऐप की जांच की थी. इस संबंध उन्होंने पाया कि 94 ऐप ई-स्टोर्स पर उपलब्ध हैं और अन्य थर्ड-पार्टी लिंक के जरिए काम कर रहे हैं.
बैन किए गए ऐप अब स्मार्टफोन पर डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सट्टेबाजी वाले ऐप और गेम स्वतंत्र लिंक या वेबसाइटों के माध्यम से डाउनलोड किए जा रहे हैं. इस संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें कहा गया है कि चूंकि सट्टेबाजी और जुआ देश के अधिकांश हिस्सों में अवैध हैं, इन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के साथ-साथ उनके सरोगेट विज्ञापन भी उपभोक्ता संरक्षण के प्रावधानों के तहत अवैध हैं.