मुंबई : महाराष्ट्र के अमरावती जिले के मेला घाट में अप्रैल से लेकर जून के बीच 49 बच्चों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि इन बच्चों की मौत कुपोषण की वजह से हुई है. इनमें ज्यादातर आदिवासी बच्चे शामिल हैं. अमरावती प्रशासन इस मामले पर तब जागा जब एक के बाद एक कई बच्चों की मौत हो गई.
इनमें से ज्यादातर बच्चों की उम्र 6 साल या उससे नीचे है. कुछ बच्चे जिनकी संख्या 17 के बराबर है वे 29 दिन से लेकर 1 साल के बीच के हैं. राज्य सरकार की महिला और बाल कल्याण मंत्री इसी इलाके से विधायक हैं. कुपोषण और भुखमरी की वजह से ज्यादातर बच्चों की मौत का मामला चौंकाने वाला है. अमरावती महाराष्ट्र का ऐसा इलाका है जहां बड़ी संख्या में आदिवासी लोग रहते हैं.
कोरोना महामारी के दौरान इन इलाकों पर प्रशासन ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. इस वजह से इनकी हालत ज्यादा खराब हो गई.वहीं देखा जाए तो बच्चों के कुपोषण को लेकर उनकी देखभाल और आदिवासी महिलाओं के पोषण से संबंधित केंद्र और राज्य का सरकारों की ओर से लंबा चौड़ा बजट आवंटित होता है जिसमें राज्य के बजट के अलावा केंद्र से भी सहायता भेजी जाती है. बावजूद इसके इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है.
अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा ने अब इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है. केंद्र की महिला और बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी से शिकायत करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार को अमरावती में हो रहे कुपोषण से बच्चों की मौत पर संज्ञान लेने की मांग की है.
इस संबंध में अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि उन्होंने केंद्र की महिला बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी को इस संबंध में शिकायत दी है. उन्होंने कहा कि अमरावती एक आदिवासी क्षेत्र है और पिछले 6 महीनों में 49 बच्चों की मौत सिर्फ कुपोषण की वजह से हुई है और 13 बच्चों का जो रिकॉर्ड है उनकी गर्भ में मौत हुई है जिसकी मुख्य वजह महिलाओं में कुपोषण बताया जा रहा है.
इस पर राज्य सरकार ध्यान नहीं दे रहा है. इसी वजह से उन्होंने केंद्र से इस संबंध में मांग उठाई है. श्रीमती राणा ने कहा कि इस पर जांच बिठाई जानी चाहिए. महाराष्ट्र सरकार की महिला और बाल कल्याण मंत्री के ऊपर भी जांच होनी चाहिए क्योंकि जिन कंपनियों को महाराष्ट्र की महिला और बाल कल्याण मंत्री ने काम दिया है. उन कंपनियों के उद्योगपतियों को पहले ही सुप्रीम कोर्ट ब्लैक लिस्ट कर चुका है. सांसद नवनीत राणा ने यह भी आरोप लगाया कि कंजूमर फेडरेशन सरकारी संस्थान ने सबकॉन्ट्रैक्ट दिए हुए हैं और उन कम्पनियों के नाम हैं, महालक्ष्मी महिला गृह उद्योग, वेंकटेश महिला गृह उद्योग, महाराष्ट्र महिला सहकारी उद्योग और इसके अलावा भी और दो कंपनियां हैं.
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उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की जो महिला और बाल कल्याण मंत्री हैं, वह अमरावती इलाके की ही विधायक हैं और इसी इलाके के आदिवासी बच्चों की मौत हो रही है. बावजूद उसके वे इन कुपोषित बच्चों और महिलाओं पर ध्यान नहीं दे रही हैं, सांसद ने मांग की कि इस पर जांच बिठाई जाए और कार्रवाई होनी चाहिए चाहे दोषी यदि वह खुद भी हो तो उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए और यदि राज्य सरकार कार्रवाई नहीं करती तो वह प्रधानमंत्री तक इस मामले को उठाएंगी.