हैदराबाद : तेलंगाना सशस्त्र संघर्ष की प्रतीक चकली ऐलम्मा को उनकी 126वीं जयंती के अवसर पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई. मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने ऐलम्मा की लोकतांत्रिक लड़ाई की भावना को याद करते हुए उन्हें तेलंगाना कारीगर समुदायों की महिला चेतना और स्वाभिमान का प्रतीक बताया.
सीएम ने कहा कि सबसे पिछड़े वर्ग समुदाय में पैदा हुई ऐलम्मा ने तेलंगाना बहुजन समुदायों को प्रेरणा दी. वह एक महान लोकतांत्रिक थीं, जिन्होंने सशस्त्र संघर्ष के दिनों में, कानून के ढांचे के भीतर और न्याय के लिए अदालतों में अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी.
राव ने कहा कि ऐलम्मा की लोकतांत्रिक लड़ाई की भावना तेलंगाना राज्य के आंदोलन में बहुत अधिक आत्मसात की गई थी. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर चित्यला ऐलम्मा की जयंती का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भविष्य की पीढ़ियों को उनके द्वारा की गई महान सेवा को याद रखने के लिए और भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
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पिछड़े वर्ग से जुड़े मामलों के मंत्री गंगुला कमलाकर ने हुजूराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में ऐलम्मा को श्रद्धांजलि दी और उनकी प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने दावा किया कि तेलंगाना की केसीआर सरकार पहली सरकार है, जिसने बहादुर सेनानी के जन्म और मृत्यु वर्षगाँठ पर कार्यक्रम आयोजित करके उनकी सेवाओं को मान्यता दी.
वित्त मंत्री हरीश राव और बीसी आयोग के अध्यक्ष वी. कृष्ण मोहन राव ने भी ऐलम्मा को श्रद्धांजलि दी. डीजीपी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में भी ऐलम्मा को श्रद्धांजलि दी गई. एआईजी राजेंद्र प्रसाद ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की.
(आईएएनएस)