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राज्यसभा सीट के लिये कांग्रेस-जेएमएम में खींचतान, सोनिया गांधी से मिलेंगे हेमंत सोरेन

झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी दलों के बीच तकरार जारी है. झारखंड से यह मुद्दा अब दिल्ली पहुंच चुका है. सोनिया गांधी से मिलकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करेंगे.

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Published : May 25, 2022, 5:03 PM IST

नई दिल्ली: झारखंड में राज्यसभा चुनाव के लिये अधिसूचना जारी होने के बाद एक बार फिर जेएमएम और कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान सामने आ चुकी है. कांग्रेस पार्टी चाहती है कि गठबंधन धर्म का पालन करते हुए जेएमएम इस बार कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दे, लेकिन दूसरी तरफ जेएमएम संख्या बल के हिसाब से राज्यसभा सीट पर अपना अधिकार मानता है. अब जानकारी मिल रही है कि गठबंधन में चल रहे तनाव और राज्यसभा सीट पर फंसे पेंच को सुलझाने के लिये झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद दिल्ली पहुंच रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हेमंत सोरेन आज शाम तक दिल्ली पहुंच सकते हैं और सोनिया गांधी से मुलाकात कर मौजूदा परिस्थिति के समाधान पर चर्चा कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव: सत्तारूढ़ दलों में नहीं बन पा रही सहमति, बीजेपी में भी कुछ साफ नहीं, जानिए किनके नाम की चर्चा


इसी बीच कांग्रेस के महासचिव और झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने भी मंगलवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें वस्तु स्थिति से अवगत कराया था. सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अविनाश पांडेय ने कहा था कि झारखंड में निश्चित रूप से उन्होंने दावा ठोका है लेकिन जो भी निर्णय होगा वह गठबंधन के सभी दल मिलकर आपस में चर्चा करेंगे और बहुत जल्द निर्णय ले लेंगे.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली आने की संभावना पर अविनाश पांडेय ने कहा कि यदि वह आते हैं और सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगते हैं जो जरूर मिल कर झारखंड के मौजूदा राजनीतिक गतिविधियों और राज्यसभा चुनाव पर चर्चा होगी. अविनाश पांडेय ने एक बार फिर भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड में लगातार गठबंधन की सरकार को गिराने का प्रयास किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में राज्यसभा चुनाव में जेएमएम और कांग्रेस आमने-सामने, राजद ने दोनों दलों को दी संयम बरतने की सलाह


झारखंड कांग्रेस के प्रभारी नियुक्त किये जाने के बाद से ही अविनाश पांडेय लगातार यह कहते रहे हैं कि पिछली बार कांग्रेस ने राज्यसभा सीट के लिये जेएमएम का समर्थन किया था और इस तरह से गठबंधन धर्म का पालन करते हुए इस बार जेएमएम को कांग्रेस का समर्थन करना चाहिये. झारखंड विधानसभा की मौजूदा परिस्थिति देखें तो जेएमएम के 30 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 17 विधायक हैं. गठबंधन में सबसे कम एक सीट एक सीट आरजेडी के पास है.


झारखंड की गठबंधन सरकार में मंत्रालयों के बंटवारे की बात करें तो जेएमएम कोटे से 6 मंत्री हैं, जबकि जेएमएम की तुलना में कांग्रेस की लगभग आधी संख्या होने के बावजूद भी उनके कोटे से 4 मंत्री हैं. इसलिये जेएमएम राज्यसभा सीट पर अपना दावा मजबूत मानती है. 10 जून को झारखंड में राज्यसभा चुनाव होने हैं, लेकिन अधिसूचना जारी होने के बावजूद भी अब तक जेएमएम और कांग्रेस के बीच उम्मीदवारी पर सहमति नहीं बन पाई है. इसी बीच जानकारी यह भी आ रही है कि 26 मई को झारखंड कांग्रेस के प्रमुख नेता और मंत्री एक बार फिर दिल्ली पहुंचेंगे और पार्टी हाइकमान के साथ उनकी बैठक होगी. बताया जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर ये नेता और मंत्री दिल्ली आ रहे हैं.

नई दिल्ली: झारखंड में राज्यसभा चुनाव के लिये अधिसूचना जारी होने के बाद एक बार फिर जेएमएम और कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान सामने आ चुकी है. कांग्रेस पार्टी चाहती है कि गठबंधन धर्म का पालन करते हुए जेएमएम इस बार कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दे, लेकिन दूसरी तरफ जेएमएम संख्या बल के हिसाब से राज्यसभा सीट पर अपना अधिकार मानता है. अब जानकारी मिल रही है कि गठबंधन में चल रहे तनाव और राज्यसभा सीट पर फंसे पेंच को सुलझाने के लिये झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद दिल्ली पहुंच रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हेमंत सोरेन आज शाम तक दिल्ली पहुंच सकते हैं और सोनिया गांधी से मुलाकात कर मौजूदा परिस्थिति के समाधान पर चर्चा कर सकते हैं.

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इसी बीच कांग्रेस के महासचिव और झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने भी मंगलवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें वस्तु स्थिति से अवगत कराया था. सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अविनाश पांडेय ने कहा था कि झारखंड में निश्चित रूप से उन्होंने दावा ठोका है लेकिन जो भी निर्णय होगा वह गठबंधन के सभी दल मिलकर आपस में चर्चा करेंगे और बहुत जल्द निर्णय ले लेंगे.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली आने की संभावना पर अविनाश पांडेय ने कहा कि यदि वह आते हैं और सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगते हैं जो जरूर मिल कर झारखंड के मौजूदा राजनीतिक गतिविधियों और राज्यसभा चुनाव पर चर्चा होगी. अविनाश पांडेय ने एक बार फिर भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड में लगातार गठबंधन की सरकार को गिराने का प्रयास किया जा रहा है.

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झारखंड कांग्रेस के प्रभारी नियुक्त किये जाने के बाद से ही अविनाश पांडेय लगातार यह कहते रहे हैं कि पिछली बार कांग्रेस ने राज्यसभा सीट के लिये जेएमएम का समर्थन किया था और इस तरह से गठबंधन धर्म का पालन करते हुए इस बार जेएमएम को कांग्रेस का समर्थन करना चाहिये. झारखंड विधानसभा की मौजूदा परिस्थिति देखें तो जेएमएम के 30 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 17 विधायक हैं. गठबंधन में सबसे कम एक सीट एक सीट आरजेडी के पास है.


झारखंड की गठबंधन सरकार में मंत्रालयों के बंटवारे की बात करें तो जेएमएम कोटे से 6 मंत्री हैं, जबकि जेएमएम की तुलना में कांग्रेस की लगभग आधी संख्या होने के बावजूद भी उनके कोटे से 4 मंत्री हैं. इसलिये जेएमएम राज्यसभा सीट पर अपना दावा मजबूत मानती है. 10 जून को झारखंड में राज्यसभा चुनाव होने हैं, लेकिन अधिसूचना जारी होने के बावजूद भी अब तक जेएमएम और कांग्रेस के बीच उम्मीदवारी पर सहमति नहीं बन पाई है. इसी बीच जानकारी यह भी आ रही है कि 26 मई को झारखंड कांग्रेस के प्रमुख नेता और मंत्री एक बार फिर दिल्ली पहुंचेंगे और पार्टी हाइकमान के साथ उनकी बैठक होगी. बताया जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर ये नेता और मंत्री दिल्ली आ रहे हैं.

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