बस्तर : Zero Waste Wedding in Jagdalpur 11 दिसंबर को हुए इस शादी समारोह की खास बात यह रही कि यह जीरोवेस्ट थीम पर आधारित थी. कहीं भी प्लास्टिक के सामान का इस्तेमाल नहीं किया गया. बैनर से लेकर खाने के सामान तक कहीं भी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया. और इस बात का भी ध्यान रखा गया की समारोह में शामिल होने वाले लोग इस नियम का पालन करें. लंबे समय से जगदलपुर शहर के स्वच्छता अभियान से जुड़े स्वास्थ्य कर्मचारी डीके. पाराशर का कहना है कि वे खुद स्वच्छता को अहम मानते हैं और इसी बात से उन्हें इस बात की प्रेरणा मिली है कि अपने बेटे की शादी वे जीरो वेस्ट वेडिंग के तौर पर करें उनके बेटे अक्षय पराशर शहर में ही जाने-माने नेत्र विशेषज्ञ हैं.Bastar latest news .
जीरो वेस्ट शादी के फायदे : इस समारोह के आयोजन में नगर निगम जगदलपुर ने भी सहयोग किया और सराहना की. इससे पहले इंदौर में देश की पहली जीरो वेस्ट वेडिंग का आयोजन हुआ है. जिसमें सजावट के सामान से लेकर भोजन एवं खाने के बाद बचे हुए सामान के भी प्रबंधन के इंतजाम किए गए थे. इसी थीम पर जगदलपुर में भी यह समारोह आयोजित था. गौरतलब है कि स्वच्छ भारत मिशन में जीरो वेस्ट वेडिंग के 40 नंबर दिए जाते हैं.लिहाजा निगम ने भी इस आयोजन को शहर के लिए महत्वपूर्ण माना है.
दूल्हे को पिता से मिली प्रेरणा : शादी के दूल्हे अक्षय परासर ने बताया कि '' उन्हें यह प्रेरणा उनके पिता से मिली. उनके पिता जगदलपुर शहर में स्वच्छता के ब्रांड एंबेसडर हैं और लगातार वे स्वच्छता की ओर अग्रसर हैं. वे अपने क्लीनिक, घर के साथ ही रिसेप्शन को भी सफाई के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक के बिना इस्तेमाल के साथ मनाना चाहती है. जिससे जगदलपुर शहर सहित बस्तरवासियों को इससे एक प्रेरणा मिले. जिस प्रकार से अलग-अलग शादी समारोह में सिंगल यूज प्लास्टिक की वजह से पार्टी स्थल पूरी तरह गंदगियों से पटा होता है. यही कारण है कि उन्होंने यह निर्णय लेकर सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं किया.''
स्वच्छता का संदेश देना लक्ष्य : दूल्हे के पिता डीके परासर ने बताया कि '' वह एक सोशल वर्कर हैं, और बीते 2 वर्षों से स्वच्छता अभियान से जुड़कर काम कर रहे हैं. जगदलपुर शहर को स्वच्छ बनाने के लिए साथ ही देश में स्वच्छता के नाम पर पहला स्थान पाने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया और अपने परिवार के साथ चर्चा किया. जिसमें उन्होंने इस शादी समारोह में किसी भी प्रकार का सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं किया. अन्य शादी समारोह में स्टेज पर प्लास्टिक के आर्टिफिशियल फूल लगाए जाते हैं, लेकिन इनकी शादी में ओरिजिनल फूल लगाया गया था. वहीं कागज के गिलास का इस्तेमाल किया गया था. इसके अलावा डस्टबिन दो प्रकार का इस्तेमाल किया गया. ताकि गीले कचरे और सूखे कचरे को अलग किया जा सके.''
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छत्तीसगढ़ में चर्चा का विषय बनीं शादी : यही कारण है कि जगदलपुर में हुए जीरो वेस्ट मैरिज समारोह चर्चा का विषय बना हुआ है और आने वाले दिनों में ऐसा प्रतीत होता है कि इस शादी समारोह की तर्ज पर अन्य शादियां भी सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करके हो सकेगी.