पटना: पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में शुक्रवार से छत्तीसगढ़ और बिहार के बीच रणजी ट्रॉफी का दूसरा मुकाबला खेला जाना है. गुरुवार को दोनों टीम के खिलाड़ियों ने मोइनुल हक स्टेडियम में जमकर पसीना बहाया. प्रैक्टिस सेशन के बाद ग्राउंड के क्यूरेटर पिच पर रोलर चलाकर पिच को दुरुस्त करते दिखे. मैदान काफी बेहतरीन तैयार किया गया है. लेकिन अभी भी दर्शक दीर्घा में बैठकर मैच देखने लायक नहीं हो सका है. बता दें कि मुंबई के खिलाफ हुए मैच में स्टेडियम की दुर्दशा पर काफी हो हंगामा हुआ था.
स्टेडियम की दुर्दशा पर हुआ था हंगामा: मोइनुल हक स्टेडियम में 1991 से 1996 के बीच कई अंतरराष्ट्रीय मैच आयोजित किए गए. लेकिन उसके बाद से स्टेडियम पर क्रिकेट बोर्ड ने ध्यान नहीं दिया. स्टेडियम की स्थिति बद से बदतर हो गयी. लगभग 23 वर्ष बाद बीते दिनों मुंबई और बिहार के बीच रणजी ट्रॉफी का पहला मुकाबला हुआ. इस दौरान मोइनुल हक स्टेडियम की दुर्दशा ने राष्ट्रीय स्तर पर बिहार की फजीहत हुई थी. स्टेडियम का दर्शक दीर्घा पूरी तरह जंगल झाड़ में तब्दील हो गया था. दर्शक दीर्घा में बनियान और कपड़े सुखाए जा रहे थे. मैच देखने पहुंचे दर्शकों ने इस व्यवस्था को देखकर हंगामा भी किया था.
मोइनुल हक स्टेडियम के जीर्णोद्धार की बात होती रही हैः मैच खेलने आए खिलाड़ियों ने ग्राउंड को अच्छा बताया था. पिच की गुणवत्ता पर कोई सवाल नहीं उठे, लेकिन स्टेडियम की बदहाल स्थिति ने बिहार को शर्मशार करने में कोई कसर नहीं छोड़ा. पिछले कई वर्षों से मोइनुल हक स्टेडियम का जीर्णोद्धार कराने की बात हो रही है. लेकिन, इस बार पहल शुरू की गई है. अब देखने वाली बात है कि यह पहला कितना कारगर साबित हो पता है और कब तक मोइनुल हक स्टेडियम विश्व स्तरीय स्टेडियम का स्वरूप लेकर बिहार की तस्वीर को बेहतर बना सकता है.
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