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चेन्नई अपोलो की बड़ी उपलब्धि, रोबोट की मदद से 93 साल के मरीज की कार्डियक सर्जरी की - chennai apollo hospitals

अस्पताल ने बताया कि रोबोटिक कार्डियक सर्जरी एक कम आक्रामक तरीका है, जो मरीजों को ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में अपने दैनिक जीवन में काफी तेजी से स्वस्थ होने में मदद करता है. यह मधुमेह और वृद्ध मरीजों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है.

अपोलो अस्पताल
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Published : Apr 12, 2022, 5:48 PM IST

चेन्नई : अपोलो हॉस्पिटल ने एक बड़ी सर्जरी (apollo hospital major surgery) को रोबोट की मदद से पूरी करने में सफलता हासिल की है. अस्पताल ने भारत के सबसे बुजुर्ग मरीज का रोबोटिक्स कार्डियक सर्जरी (eldest pateint robotics cardiac surgery) कर एक नई उपलब्धि हासिल कर ली है. डॉ. एम. एम. युसूफ और उनकी टीम ने 93 साल के एक मरीज की बाईपास सर्जरी की, जिसमें रोबोट की मदद ली गई. इस सर्जरी को मिनिमली इनवेसिव कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्ट (सीएबीजी) कहा जा रहा है.

हालांकि, टीम ने 70 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों पर भी जटिल रोबोट-सहायता प्राप्त न्यूनतम इनवेसिव कार्डियक सर्जरी की है. महामारी के दौरान भी, अपोलो अस्पताल रोबोटिक सहायता प्राप्त न्यूनतम इनवेसिव कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट (Coronary Artery Bypass Graft-CABG) संचालित करने और जीवन बचाने में अग्रणी रहा. 93 साल के मरीज को भारत का अब तक का सबसे उम्रदराज मरीज बताया जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में रोबोटिक कार्डिया सर्जरी के माध्यम से 70 और 80 वर्ष से अधिक आयु के कई मरीजों को सफलतापूर्वक बचाया गया है.

पढ़ें : दिल्ली के अपोलो अस्पताल में पहले मरीज को दी गई एंटीबॉडी कॉकटेल

अस्पताल ने बताया कि रोबोटिक कार्डियक सर्जरी CABG एक कम आक्रामक तरीका है. ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में CABG मरीजों को अपने दैनिक जीवन में काफी तेजी से स्वस्थ होने में मदद करता है. यह मधुमेह और वृद्ध मरीजों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है.

चेन्नई : अपोलो हॉस्पिटल ने एक बड़ी सर्जरी (apollo hospital major surgery) को रोबोट की मदद से पूरी करने में सफलता हासिल की है. अस्पताल ने भारत के सबसे बुजुर्ग मरीज का रोबोटिक्स कार्डियक सर्जरी (eldest pateint robotics cardiac surgery) कर एक नई उपलब्धि हासिल कर ली है. डॉ. एम. एम. युसूफ और उनकी टीम ने 93 साल के एक मरीज की बाईपास सर्जरी की, जिसमें रोबोट की मदद ली गई. इस सर्जरी को मिनिमली इनवेसिव कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्ट (सीएबीजी) कहा जा रहा है.

हालांकि, टीम ने 70 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों पर भी जटिल रोबोट-सहायता प्राप्त न्यूनतम इनवेसिव कार्डियक सर्जरी की है. महामारी के दौरान भी, अपोलो अस्पताल रोबोटिक सहायता प्राप्त न्यूनतम इनवेसिव कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट (Coronary Artery Bypass Graft-CABG) संचालित करने और जीवन बचाने में अग्रणी रहा. 93 साल के मरीज को भारत का अब तक का सबसे उम्रदराज मरीज बताया जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में रोबोटिक कार्डिया सर्जरी के माध्यम से 70 और 80 वर्ष से अधिक आयु के कई मरीजों को सफलतापूर्वक बचाया गया है.

पढ़ें : दिल्ली के अपोलो अस्पताल में पहले मरीज को दी गई एंटीबॉडी कॉकटेल

अस्पताल ने बताया कि रोबोटिक कार्डियक सर्जरी CABG एक कम आक्रामक तरीका है. ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में CABG मरीजों को अपने दैनिक जीवन में काफी तेजी से स्वस्थ होने में मदद करता है. यह मधुमेह और वृद्ध मरीजों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है.

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