चंडीगढ़ : योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने अपने बयानों से एलोपैथिक और आयुर्वेद विधि के बीच एक जंग छेड़ दी है. चंडीगढ़ जिला बार एसोसिएशन (Chandigarh District Bar Association) के पूर्व प्रधान रविंदर सिंह बस्सी ने मांग की है कि बाबा रामदेव के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत कार्रवाई की जाए जिस पर कल सुनवाई होनी है.
शिकायरकर्ता रविंद्र सिंह बस्सी के मुताबिक, एक ओर जहां कोरोना महामारी (corona pandemic) के चलते देश में मेडिकल एमरजेंसी (medical emergency) लगी हुई है, वहीं बाबा रामदेव (Baba Ramdev) एलोपैथी विधि के खिलाफ बार-बार बयान देकर एक नई जंग छेड़ रहे हैं.
'डॉक्टर दिन रात कर रहे काम'
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में कई डॉक्टर दिन रात काम कर रहे हैं और 200 से ज्यादा डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ (paramedical staff) अपनी जान गंवा चुके हैं. उन्हाेंने उनके काम और कुर्बानी पर भी सवाल उठा दिया है.
'देशद्रोह का हो मामला दर्ज'
उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों पर सरकार को बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करना चाहिए, पर सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि पहले अपने बयानों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख माफी मांग चुके हैं, लेकिन बार-बार ऐसे बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपनी कंपनी पतंजलि (Patanjali) के प्रोडक्ट को बेचने के लिए वह प्रेस कॉन्फ्रेंस तक करते हैं.
पतंजलि की दवा कोरोनिल को लेकर पहले उन्होंने कहा कि इससे करोना खत्म हो जाएगा, पर बाद में उन्होंने दावा किया कि यह सिर्फ एक इम्यूनिटी बूस्टर है जो कि एक तरह से अफवाह फैलाना है. सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि जो भी इस दौर में अफवाह फैलाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तो ऐसे में बाबा रामदेव पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
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रविंद्र सिंह बस्सी के वकील विनोद कुमार वर्मा ने कहा कि बाबा रामदेव के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के सेक्शन 188,260,270,276,51,52 और 54 के तहत कारवाई की जाए, क्योंकि उन्होंने एक्ट के उल्लंघन किया है. मामले की कल सुनवाई होगी.