नई दिल्ली: कोविड-19 के नये स्वरूप 'ओमीक्रोन' पर बढ़ती चिंताओं के बीच संसदीय समिति ने केंद्र सरकार से देश में पूरी या बहुसंख्यक आबादी के लिए टीकाकरण के लिए एक निश्चित समय सारिणी तैयार करने के लिए कहा है.
समिति ने कहा है कि विशेष रूप के वायरस के यूके और दक्षिण अफ्रीका में इस वायरस के संक्रमण के मामले आने के बाद कोविड-19 के खिलाफ एक निश्चित समय में बचाव के लिए टीकाकरण किए जाने की आवश्यकता है. इस बारे में रसायन और उर्वरक मंत्रालय की संसदीय समिति की अध्यक्ष लोकसभा सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने संसद में पेश अपनी 30वीं रिपोर्ट में यह बात कही.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को देश में टीके की आवश्यकता को समय-सारणी के अनुसार पूरा करने के लिए देश में बड़े पैमाने पर कोविड-19 टीकों के निर्माण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए.
इसके अलावा समिति ने कहा है कि कोविड सुरक्षा के कार्यान्वयन के लिए विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए. साथ ही भारतीय कोविड-19 वैक्सीन विकास मिशन के जरिए सुरक्षित और प्रभावकारी टीकों के अनुसंधान और विकास में तेजी लानी चाहिए ताकि समयबद्ध तरीके से देश की टीके की जरूरतों को पूरा किया जा सके.
संसदीय समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि WHO की COVAX सुविधा से टीकों को देश का हिस्सा प्राप्त करने के लिए भी कदम उठाया जाना चाहिए, जिसका उद्देश्य 2021 के अंत तक कोविड वैक्सीन की 2 बिलियन खुराक प्राप्त करना है.
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समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि देश में वैक्सीन निर्माताओं की वर्तमान उत्पादन क्षमता लगभग 60.84 करोड़ खुराक प्रति वर्ष है जिसमें कोविशील्ड वैक्सीन की 40 से 50 करोड़ खुराक प्रति वर्ष, कोवैक्सीन की 10 करोड़ खुराक प्रति वर्ष और ZyCoV-D वैक्सीन 84 लाख खुराक प्रति वर्ष शामिल हैं. हालांकि अहमदाबाद स्थित कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा ZyCoV-D वैक्सीन अभी भी चरण तीसरे परीक्षणों के अधीन है.
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, देश में वर्तमान उत्पादन क्षमता के साथ देश में पूरी या बहुसंख्यक आबादी को टीकाकरण की आवश्यकताओं को पूरा करने में चार साल से अधिक समय लग सकता है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को दो खुराक देनी होती है. समिति ने भारत की कुल 138.7 करोड़ आबादी पर जोर देते हुए कहा कि देश में टीकाकरण के सफल कार्यान्वयन कार्यक्रम के लिए कोविड-19 वैक्सीन की निर्माण क्षमता में तेजी लाने की तत्काल आवश्यकता है.
वहीं फार्मास्युटिकल विभाग के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि महामारी की गतिशील प्रकृति और विकसित स्थिति और कोविड-19 के टीकों के प्रकार को देखते हुए टीकों को पूरा करने के लिए एक निश्चित समय सीमा का संकेत नहीं दिया जा सकता है.यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रत्येक नागरिक को टीका लगाने के लिए 'हर घर दस्तक' नामक एक पहल शुरू की है.
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को केरल, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा और मिजोरम सरकार को पत्र भेजकर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी बढ़ाने, उभरते हुए हॉटस्पॉट की निगरानी जारी रखने, पॉजिटिव आए व्यक्तियों का तुरंत और व्यापक संपर्क का पता लगाने के लिए कहा है.स्वास्थ्य सचिव ने कहा, सभी पॉजिटिव मिले नमूनों को जीनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए जल्दी से INSACOG प्रयोगशालाओं में भेजा जाना चाहिए जिससे जांच के बाद उसकी शीघ्र पहचान की जा सके. इसके अलावा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की तैयारी की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने अब तक 80,02,38,581 पहली खुराक और 47,51,29,932 दूसरी टीके की खुराक दी जा चुकी है.