श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर प्रशासन श्रीनगर शहर में झेलम नदी को जोड़ने वाली सदियों पुरानी नहरों को दुरूस्त करने की योजना को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है. ताकि इसे नौवहन योग्य बनाया जा सके और पर्यटन क्षमता को पुनर्जीवित किया जा सके. पुराने शासन द्वारा झेलम नदी से कई पुरानी नहरों का निर्माण किया गया था जो शहर के इलाकों में जलमार्ग और पीने के पानी के स्रोत के रूप में काम करती थीं. हालांकि, जैसे-जैसे समय बीतता गया, अतिक्रमण, शहर के प्रदूषण और गाद के कारण नहरें ख़राब होती गईं.
प्रशासन ने कहा कि नहरों को नौगम्य बनाने और नहरों में पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए उनका जीर्णोद्धार किया जाएगा. स्थानीय लोगों और प्रशासन के अनुसार, उस समय में जब यह नहरें चालू थी इससे कश्मीर घाटी के लोगों को स्वच्छ पेयजल मिलता था. इसके अलावा जलमार्ग और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हुआ करती थी.
स्थानीय नागरिकों ने ईटीवी भारत को बताया, 'प्रशासन द्वारा नहरों की मरम्मत और सफाई कराने का फैसला एक अच्छी पहल है. लेकिन यह पहल केवल शब्दों तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए. नहरों को उनके मूल रूप में बहाल किया जाना चाहिए. कश्मीर के संभागीय आयुक्त पांडुरंग के पोल ने पिछले सप्ताह नहरों का दौरा किया और कार्य पुनरुद्धार का निरीक्षण किया. पोल ने कहा कि शहर-ए-खास से गुजरने वाली कुट कुल नहर को मार्च तक साफ कर नौगम्य बना दिया जाएगा.
शुरुआत में प्रशासन ने 2.8 किमी लंबे कुट कुल का जीर्णोद्धार शुरू कर दिया है, जो टंकीपोरा से निकलकर नवाबाजार में झेलम से जुड़ता है. श्रीनगर के जिला विकास आयुक्त मुहम्मद एजाज ने कहा कि नहरों को उनके मूल स्वरूप में लाया जाएगा. एजाज ने कहा, 'नहरों के ठीक होने से जलमार्गों के पुनरुद्धार में मदद मिलेगी, उनकी पर्यटन क्षमता बढ़ेगी जो स्थानीय युवाओं को आजीविका प्रदान करेगी.'