नई दिल्ली : केंद्र, असम सरकार, कार्बी आंगलोंग और एनसी हिल्स (Karbi Anglong and NC Hills) के उग्रवादी संगठनों के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते (historic peace accord ) पर हस्ताक्षर होने की तैयारी चल रही है. सरकार के सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) चार सितंबर को कार्बी आंगलोंग और एनसी हिल्स के छह आतंकवादी संगठनों (six militant outfits ) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करेगा.
असम सरकार के प्रतिनिधि (Representative from the Assam government) भी समझौते के हस्ताक्षरकर्ता के रूप में उपस्थित होंगे, जिसके बारे में माना जाता है कि इसे उग्रवाद प्रभावित राज्य (insurgency hit State) में स्थायी शांति लाने के लिए तैयार किया गया है.
कार्बी लोंगरी और एनसी हिल्स लिबरेशन फ्रंट (NC Hills Liberation Front), कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर्स (Karbi People's Liberation Tigers), केपीएलटी के रान रोंगपी गुट, युद्धविराम (Donri Kramsa faction) और केपीएलटी मेन्सिंग क्रमसा गुट, यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन आर्मी सहित छह अलग-अलग संगठनों से 150 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल (United People's liberation Army) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी एंगलिंग गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचेंगे.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'संगठनों के नेताओं को मौखिक रूप से पहले ही सूचित कर दिया गया है.' हालांकि, तीन पक्षों द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले, समझौते को अंतिम रूप देने के लिए उनके बीच आमने-सामने बातचीत (face to face interaction) होगी.
अधिकारी ने कहा, 'आखिरी बार बैठक जरूरी है, ताकि सभी पक्ष समझौते की शर्तों पर खुद को स्पष्ट कर सकें.' समझौते पर हस्ताक्षर समारोह (accord signing ceremony) में प्रत्येक संगठन के कम से कम 25 प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे.
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गौरतलब है कि पिछले महीने इन संगठनों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने थे. हालांकि, समझौते को अंतिम रूप देने की आवश्यकता के कारण कार्यक्रम को स्थगित (postponed the programme) कर दिया था.
जो संगठन कार्बी जनजातियों (Karbi tribes) और कार्बी लोगों के स्वशासन (self rule of Karbi people) के लिए लड़ रहे हैं. वे कार्बी आंगलोंग नॉर्थ कछार हिल्स को अलग राज्य बनाने की भी मांग कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि इन उग्रवादी संगठनों ने हाल ही में असम सरकार के सामने हथियार डाल दिए थे, जिससे संघर्ष प्रभावित क्षेत्र में स्थायी शांति की उम्मीद जगी है.