नई दिल्ली: भारत भर में विभिन्न स्थानों में हीट वेव को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और प्रशासकों को पत्र लिखकर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत गर्मी से संबंधित बीमारी पर दैनिक निगरानी में भाग लेने का सुझाव दिया.
जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीएचसीएच) ने विशेष रूप से दोपहर 12:00 बजे से 03:00 बजे के बीच धूप में निकलने से बचने का भी सुझाव दिया है.
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए एक पत्र में, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में कुछ स्थानों पर तापमान पहले ही असामान्य रूप से उच्च स्तर पर पहुंच गया है. कुछ राज्यों व जिलों से वर्ष के इस समय के लिए अपेक्षित सामान्य तापमान से काफी ज्यादा रिपोर्ट किया जा रहा है.
भूषण ने अपने पत्र में कहा, '1 मार्च, 2023 से सभी राज्यों और जिलों में जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPCCHH) के तहत एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (IHIP) पर गर्मी से संबंधित बीमारी पर दैनिक निगरानी आयोजित की जाएगी.'
उन्होंने कहा कि एनपीसीसीएचएच, एनसीडीसी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्यों के साथ साझा किए जा रहे दैनिक हीट अलर्ट अगले कुछ दिनों के लिए हीट वेव के पूर्वानुमान का संकेत देते हैं और इसे जिला और स्वास्थ्य सुविधा स्तर पर तुरंत प्रसारित किया जा सकता है.
भूषण ने कहा, 'राज्य, जिला और शहर के स्वास्थ्य विभागों को गर्मी से संबंधित स्वास्थ्य कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना चाहिए और प्रतिसाद देने वाली एजेंसियों के साथ योजना, प्रबंधन और गर्मी की प्रतिक्रिया का आकलन करने में सहायता करनी चाहिए.'
भूषण ने कहा कि 'पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाएं, अंतःशिरा तरल पदार्थ, आइस पैक, ओआरएस और सभी आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिए स्वास्थ्य सुविधा की तैयारियों की समीक्षा की जानी चाहिए. सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कोलिंग उपकरणों का निरंतर संचालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए.'
भूषण ने कहा कि 'पानी में आत्मनिर्भरता के लिए वर्षा जल संचयन और पुनर्चक्रण संयंत्रों की भी खोज की जा सकती है.' स्वास्थ्य मंत्रालय ने हीट वेव के संबंध में क्या करें और क्या न करें के बारे में जानकारी भेजी हैं. कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में अधिक जोखिम होता है और उन पर अतिरिक्त ध्यान दिया जाना चाहिए.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि 'शिशुओं और छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बाहर काम करने वाले लोगों, मानसिक बीमारी वाले लोगों, शारीरिक रूप से बीमार लोगों सहित कुछ व्यक्तियों को अपने शरीर को गर्मी के अनुकूल होने के लिए एक सप्ताह का समय देना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए.'