नई दिल्ली: मणिपुर में महीनों से चल रहा जातीय संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा. राज्य की इस बड़ी समस्या को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच एक प्रमुख नागा नेता ने सरकार को सुझाव दिए हैं. नागा नेता और फोरम फॉर रिस्टोरेशन ऑफ पीस इन मणिपुर के संयोजक अशांग कसार ने कहा कि केंद्र सरकार को म्यांमार से मणिपुर आने वाले अवैध अप्रवासियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए.
कसार ने राज्य के अधिकारियों से भी राज्य में शांति लाने के लिए दिल से आगे आने की अपील की. कसार ने ईटीवी भारत को बताया, 'मणिपुर में दो समुदायों के बीच चल रही झड़पों का मूल कारण अवैध अप्रवासी हैं. हम केंद्र सरकार से राज्य में चल रहे अवैध अप्रवासियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की अपील करते हैं.'
कसार ने दावा किया कि म्यांमार के उग्रवादी जारी हिंसा में भाग ले रहे हैं. कसार ने कहा, 'अर्धसैनिक बलों की तैनाती समाधान नहीं है, हम केंद्रीय अर्धसैनिक बल नहीं चाहते. हम जो चाहते हैं वह मणिपुर में हो रही घुसपैठ को रोकना है.' उन्होंने कहा कि सीमा पार (म्यांमार) से अवैध अप्रवासी कुकिस और मेइतीस के बीच चल रहे जातीय संघर्ष में शामिल हो रहे हैं. कसार मुखर नागा नेता हैं जो मणिपुर से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर बोलते थे.
कसार ने कहा कि मणिपुर में शांति बहाली के लिए उनका मंच सभी संबंधित पक्षों से अपील करता है कि वे मणिपुर की चल रही हिंसक स्थिति के बीच शांति लाने के प्रयास करें. कसार ने कहा, 'राज्य के अधिकारियों को सुरक्षा बलों पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें कमियों पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए.'
कसार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर का दौरा करने और राज्य के सभी 34 जातीय समुदायों से बात करने की भी अपील की. कसार ने कहा, '72 दिन से ज्यादा हो गए, हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोई बात नहीं सुनी. वास्तव में, उन्हें (पीएम मोदी को) एक बार मणिपुर का दौरा करना चाहिए और सभी समुदाय के नेताओं से बात करनी चाहिए.' नागा समुदाय के नेता नई दिल्ली में मेइतेई क्रिश्चियन चर्च काउंसिल और मेइतेई हेरिटेज सोसाइटी द्वारा आयोजित एक शांति बैठक के मौके पर संवाददाता से बात कर रहे थे.