नई दिल्ली : केरल में जीका वायरस की स्थिति पर नजर रखने और मामलों के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए विशेषज्ञों का छह सदस्यीय केंद्रीय दल दक्षिणी राज्य के लिए रवाना हुआ. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केरल से जीका के कुछ मामले आए हैं. हालात पर नजर रखने और राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए छह सदस्यीय दल को वहां पहुंचने के और जीका के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए निर्देश दिये गये हैं. इनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, मच्छर जनित रोगों के विशेषज्ञ और एम्स के विशेषज्ञ आदि शामिल हैं.
राज्य में गुरुवार को मच्छरों के काटने से होने वाली इस बीमारी का पहला मामला 24 साल की गर्भवती महिला में सामने आया. राज्य सरकार के मुताबिक, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) ने शुक्रवार को 13 और ऐसे मामलों की पुष्टि की.जीका के लक्षण डेंगू की तरह हैं. जिनमें बुखार, त्वचा पर चकत्ते और जोड़ों में दर्द होना शामिल है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि जीका वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है.
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केरल में जीका वायरस के 14 मामले मिले
केरल में जीका वायरस संक्रमण के मामले शुक्रवार को 14 हो गए, राष्ट्रीय विषाणु संस्थान ने 13 और मामलों की पुष्टि की. इसके बाद प्रदेश को सतर्क कर दिया गया है. प्रदेश में बृहस्पतिवार को 24 साल की गर्भवती महिला में मच्छर जनित इस बीमारी की पुष्टि हुई थी. यह प्रदेश में जीका वायरस का पहला मामला था.
राज्य सरकार के अनुसार संस्थान में जांच के लिए 19 नमूने भेजे गए थे. जिनमें से 13 में इसकी पुष्टि हुई है. इसके लक्षण डेंगी की तरह है जिसमें बुखार, चकत्ते के अलावा जोड़ों में दर्द होता है.
प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि जीका संक्रमण की रोक थाम के लिये कार्रवाई योजना तैयार की गई है.
(पीटीआई-भाषा)