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Central GST Commissioner alleged : सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर का छलका दर्द, कहा- हिंदी पत्रिका के लिए 5 लाख भी नहीं दिए

हिंदी में पत्राचार करने की वजह से कानपुर से गुंटूर भेजे जाने के बाद सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) को पत्र लिखकर हिंदी के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. सोमेश का यह पत्र फिलहाल चर्चा में है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 24, 2023, 6:32 PM IST

लखनऊ: हिंदी में पत्राचार करने के चलते कानपुर में तैनात रहे सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) अध्यक्ष संजय अग्रवाल सहित बोर्ड के सभी सदस्यों को पत्र भेजकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा है कि हिंदी के साथ लगातार दुर्व्यवहार किया जा रहा है. विभागीय हिंदी पत्रिका के लिए 5 लाख भी नहीं दिए गए.

लखनऊ में वाणिज्य कर भवन
लखनऊ में वाणिज्य कर भवन

वाहनों पर 200 करोड़ खर्च, हिंदी के लिए कुछ नहीं : हिंदी में पत्राचार करने की वजह से कानपुर से गुंटूर भेजे जाने के बाद सोमेश तिवारी ने मोर्चा खोल दिया है. तिवारी ने अपने पत्र में कहा कि सरकारी वाहनों के इस्तेमाल पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं. सेंट्रल जीएसटी में कमिश्नर या इससे ऊपर के अधिकारी ही सरकारी वाहनों के लिए अधिकृत हैं. लेकिन, यहां सभी अधिकारी सरकारी वाहनों का इस्तेमाल खुलेआम कर रहे हैं. इसकी वजह से विभाग को 200 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग की पत्रिका के लिए 5 लाख भी अधिकारियों ने नहीं दिए. जबकि, विभाग के किसी भी अधिकारी को राजभाषा विभाग के निर्देशों के तहत हिंदी पत्रिका को रोकने का अधिकार नहीं है.

हिंदी विरोधी मानसिकता : सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी ने कहा कि उन्हें गुंटूर ट्रांसफर के बाद अंग्रेजी में ही काम करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. अंग्रेजी के साथ हिंदी में पत्राचार करने के लिए उन्होंने स्टेनो की डिमांड की थी. लेकिन, चार हिंदी स्टेनो के बावजूद उन्हें एक भी सहयोगी नहीं दिया गया है. यह हिंदी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.

यह भी पढ़ें : हिंदी पखवाड़े में जीएसटी कमिश्नर ने हिंदी में भेजा पत्र, गैर हिंदी जिले गुंटूर ट्रांसफर, कहा गया अंग्रेजी में ही करो काम, पीएमओ से शिकायत

यह भी पढ़ें : हिंदुस्तान पेट्रोलियम के महाप्रबंधक पर आय से अधिक मामले में सीबीआई ने दर्ज किया केस, जांच में जुटी

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वाहनों पर 200 करोड़ खर्च, हिंदी के लिए कुछ नहीं : हिंदी में पत्राचार करने की वजह से कानपुर से गुंटूर भेजे जाने के बाद सोमेश तिवारी ने मोर्चा खोल दिया है. तिवारी ने अपने पत्र में कहा कि सरकारी वाहनों के इस्तेमाल पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं. सेंट्रल जीएसटी में कमिश्नर या इससे ऊपर के अधिकारी ही सरकारी वाहनों के लिए अधिकृत हैं. लेकिन, यहां सभी अधिकारी सरकारी वाहनों का इस्तेमाल खुलेआम कर रहे हैं. इसकी वजह से विभाग को 200 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग की पत्रिका के लिए 5 लाख भी अधिकारियों ने नहीं दिए. जबकि, विभाग के किसी भी अधिकारी को राजभाषा विभाग के निर्देशों के तहत हिंदी पत्रिका को रोकने का अधिकार नहीं है.

हिंदी विरोधी मानसिकता : सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी ने कहा कि उन्हें गुंटूर ट्रांसफर के बाद अंग्रेजी में ही काम करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. अंग्रेजी के साथ हिंदी में पत्राचार करने के लिए उन्होंने स्टेनो की डिमांड की थी. लेकिन, चार हिंदी स्टेनो के बावजूद उन्हें एक भी सहयोगी नहीं दिया गया है. यह हिंदी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.

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