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पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या के षड्यंत्र में शामिल सज्जाद गुल आतंकवादी घोषित

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Published : Apr 19, 2022, 10:16 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लश्कर के सदस्य शेख सज्जाद और जैश के सदस्य आशिक नांग्रो को आतंकवादी घोषित किया है. सरकार पिछले एक पखवाड़े में छह लोगों को आतंकवादी घोषित कर चुकी है. अब कानूनन इन आतंकियों की संपत्तियों को कुर्क किया जा सकता है और उससे जुड़े किसी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करना आसान हो जाएगा.

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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य शेख सज्जाद उर्फ सज्जाद गुल और आशिक नांग्रो को मंगलवार को आतंकवादी घोषित किया. गुल श्रीनगर में 2018 में पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का षड्यंत्र रचने में शामिल था. आशिक पुलवामा के राजपुरा का रहने वाला है. केंद्र सरकार पिछले एक पखवाड़े में छह लोगों को आतंकवादी घोषित कर चुकी है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि गुल जम्मू कश्मीर में हथियार और गोला-बारूद जब्त होने के एक मामले में फरार चल रहा है और वह लश्कर के समर्थन में जम्मू कश्मीर में नौजवानों को सक्रियता से बरगला रहा है और भर्ती कर रहा है. मंत्रालय ने कहा कि वह आतंकवाद के वित्तपोषण में भी शामिल रहा है. गृह मंत्रालय के अनुसार 14 जून, 2018 को श्रीनगर के व्यस्त प्रेस एन्क्लेव में प्रतिष्ठित पत्रकार बुखारी की उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारियों के साथ हत्या करने के लिए लश्कर के कुछ अन्य सदस्यों के साथ साजिश रचने में गुल शामिल पाया गया था.

गुल की आतंकवादी गतिविधियों को देखते हुए मंत्रालय ने उसे यूएपीए, 1967 (1967 का 37) के तहत आतंकवादी घोषित किया है. गुल श्रीनगर की रोज एवेन्यू कॉलोनी एचएमटी शालतेंग का रहने वाला है. 10 अक्टूबर, 1974 को जन्मा गुल लश्कर का एक कमांडर है. वह केंद्र द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया 37वां शख्स है. गुल को आतंकवादी घोषित किये जाने के साथ कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब उसकी संपत्तियों को कुर्क कर सकती हैं और उससे जुड़े किसी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती हैं. सरकार ने आठ अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक एवं 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बेटे हाफिज तल्हा सईद को आतंकवादी घोषित किया था.

तीन दिन बाद ही, 11 अप्रैल को, पाकिस्तानी नागरिक मोहिउद्दीन औरंगजेब आलमगीर को आतंकवादी घोषित किया गया, जो जम्मू कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस पर हुए आतंकी हमले में शामिल था. सरकार ने 2016 में पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हुए आतंकवादी हमले में शामिल आतंकवादियों के पाकिस्तानी आका अली काशिफ जान को 12 अप्रैल को आतंकवादी घोषित किया.

सरकार ने मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ मुश्ताक लत्राम को 13 अप्रैल को आतंकवादी घोषित किया. केंद्र ने 18 अप्रैल को प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दुर्दांत कमांडर आशिक अहमद नेंगरू को आतंकवादी घोषित कर दिया, जो जम्मू-कश्मीर में विभिन्न आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है. लश्कर-ए-तैयबा अनेक आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है. इनमें अधिकतर हमले जम्मू कश्मीर में हुए. लश्कर संस्थापक हाफिज सईद और समूह के ऑपरेशनल कमांडर जकीउर रहमान लखवी के साथ जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक मौलाना मसूद अजहर भारत में सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में शुमार है.

भारत इन तीनों की हिरासत के लिए लगातार मांग कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार करता है. लश्कर और जैश, दोनों यूएपीए की पहली अनुसूची के तहत आतंकवादी संगठन हैं. आशिक नांग्रो को भी यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया गया है. यह पुलवामा के राजपुरा का रहने वाला है. वह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य शेख सज्जाद उर्फ सज्जाद गुल और आशिक नांग्रो को मंगलवार को आतंकवादी घोषित किया. गुल श्रीनगर में 2018 में पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का षड्यंत्र रचने में शामिल था. आशिक पुलवामा के राजपुरा का रहने वाला है. केंद्र सरकार पिछले एक पखवाड़े में छह लोगों को आतंकवादी घोषित कर चुकी है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि गुल जम्मू कश्मीर में हथियार और गोला-बारूद जब्त होने के एक मामले में फरार चल रहा है और वह लश्कर के समर्थन में जम्मू कश्मीर में नौजवानों को सक्रियता से बरगला रहा है और भर्ती कर रहा है. मंत्रालय ने कहा कि वह आतंकवाद के वित्तपोषण में भी शामिल रहा है. गृह मंत्रालय के अनुसार 14 जून, 2018 को श्रीनगर के व्यस्त प्रेस एन्क्लेव में प्रतिष्ठित पत्रकार बुखारी की उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारियों के साथ हत्या करने के लिए लश्कर के कुछ अन्य सदस्यों के साथ साजिश रचने में गुल शामिल पाया गया था.

गुल की आतंकवादी गतिविधियों को देखते हुए मंत्रालय ने उसे यूएपीए, 1967 (1967 का 37) के तहत आतंकवादी घोषित किया है. गुल श्रीनगर की रोज एवेन्यू कॉलोनी एचएमटी शालतेंग का रहने वाला है. 10 अक्टूबर, 1974 को जन्मा गुल लश्कर का एक कमांडर है. वह केंद्र द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया 37वां शख्स है. गुल को आतंकवादी घोषित किये जाने के साथ कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब उसकी संपत्तियों को कुर्क कर सकती हैं और उससे जुड़े किसी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती हैं. सरकार ने आठ अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक एवं 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बेटे हाफिज तल्हा सईद को आतंकवादी घोषित किया था.

तीन दिन बाद ही, 11 अप्रैल को, पाकिस्तानी नागरिक मोहिउद्दीन औरंगजेब आलमगीर को आतंकवादी घोषित किया गया, जो जम्मू कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस पर हुए आतंकी हमले में शामिल था. सरकार ने 2016 में पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हुए आतंकवादी हमले में शामिल आतंकवादियों के पाकिस्तानी आका अली काशिफ जान को 12 अप्रैल को आतंकवादी घोषित किया.

सरकार ने मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ मुश्ताक लत्राम को 13 अप्रैल को आतंकवादी घोषित किया. केंद्र ने 18 अप्रैल को प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दुर्दांत कमांडर आशिक अहमद नेंगरू को आतंकवादी घोषित कर दिया, जो जम्मू-कश्मीर में विभिन्न आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है. लश्कर-ए-तैयबा अनेक आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है. इनमें अधिकतर हमले जम्मू कश्मीर में हुए. लश्कर संस्थापक हाफिज सईद और समूह के ऑपरेशनल कमांडर जकीउर रहमान लखवी के साथ जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक मौलाना मसूद अजहर भारत में सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में शुमार है.

भारत इन तीनों की हिरासत के लिए लगातार मांग कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार करता है. लश्कर और जैश, दोनों यूएपीए की पहली अनुसूची के तहत आतंकवादी संगठन हैं. आशिक नांग्रो को भी यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया गया है. यह पुलवामा के राजपुरा का रहने वाला है. वह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है.

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