नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार (Central Government) ने विपक्षी दलों को सदन में बोलने नहीं देकर संसद की कार्यवाही को 'बाधित' करने का आरोप लगाया. अब उन व्यवधानों का उपयोग शेष मानसून सत्र (Monsoon Session) को कम करने के लिए बहाने के रूप में कर रही है.
दरअसल, पेगासस विवाद (Pegasus Controversy) को लेकर विपक्ष के लगातार विरोध को देखते हुए कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार मानसून सत्र को कम करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. 'ईटीवी भारत' के सवाल के जवाब में कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मेरा सीधा आरोप है कि सरकार ने सत्र को रोक दिया है और अब शायद बचे हुए सत्र दिवसों को कम करने की सोच रहे हैं. ऐसे में अब आप स्वयं निष्कर्ष निकाला जा सकता है.
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आरोप लगाया कि पेगासस पर चर्चा कराने नहीं कराने को लेकर सरकार जिद कर रही है. कहा कि विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में पेगासस मामले पर चर्चा की मांग उठा रहा है. लेकिन सरकार अभी भी उनकी मांग पर राजी नहीं है. सिंघवी ने कहा कि गृह मंत्री के संसद में उपस्थिति होने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि वे कोई चर्चा करने को भी राजी नहीं हैं. कहा कि सरकार इन दो सवालों के जवाब देने से बच रही है कि क्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी सरकारी एजेंसी के माध्यम से पेगासस का उपयोग किया गया है.
इसका जवाब हां या ना में होना चाहिए. दूसरा सवाल यह है कि अगर आपने इसे हायर किया है, तो क्या आपने इसका इस्तेमाल लोगों के खिलाफ किया है ? 19 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलने वाला है. कांग्रेस सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है. इसलिए उन्हें पता है कि अगर बहस होगी तो वे विपक्ष को जवाब नहीं दे पाएंगे.