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समय से पहले मानसून सत्र के खत्म होने को लेकर कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला

संसद का मानसून सत्र पेगासस मुद्दे (Pegasus Issue) पर जारी विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. खबर है कि सरकार तय समय से पहले सत्र को खत्म कर सकती है. सरकार का कहना है कि वे पेगासस को छोड़कर जनता से सीधे संबंधित किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है. वहीं, एक सुर में स्पाईवेयर का मुद्दा उठा रहा विपक्ष इस पर बड़ी बहस करने की मांग कर रहा है. 19 जुलाई से शुरू हुआ सत्र 13 अगस्त तक चलना था.

congress, Monsoon Session
अभिषेक मनु सिंघवी
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Published : Jul 31, 2021, 9:28 PM IST

Updated : Jul 31, 2021, 10:14 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार (Central Government) ने विपक्षी दलों को सदन में बोलने नहीं देकर संसद की कार्यवाही को 'बाधित' करने का आरोप लगाया. अब उन व्यवधानों का उपयोग शेष मानसून सत्र (Monsoon Session) को कम करने के लिए बहाने के रूप में कर रही है.

दरअसल, पेगासस विवाद (Pegasus Controversy) को लेकर विपक्ष के लगातार विरोध को देखते हुए कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार मानसून सत्र को कम करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. 'ईटीवी भारत' के सवाल के जवाब में कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मेरा सीधा आरोप है कि सरकार ने सत्र को रोक दिया है और अब शायद बचे हुए सत्र दिवसों को कम करने की सोच रहे हैं. ऐसे में अब आप स्वयं निष्कर्ष निकाला जा सकता है.

अभिषेक मनु सिंघवी की प्रेस वार्ता

पढ़ें: संसद में गतिरोध जारी : अगले सप्ताह कई महत्वपूर्ण विधेयक लाएगी सरकार

आरोप लगाया कि पेगासस पर चर्चा कराने नहीं कराने को लेकर सरकार जिद कर रही है. कहा कि विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में पेगासस मामले पर चर्चा की मांग उठा रहा है. लेकिन सरकार अभी भी उनकी मांग पर राजी नहीं है. सिंघवी ने कहा कि गृह मंत्री के संसद में उपस्थिति होने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि वे कोई चर्चा करने को भी राजी नहीं हैं. कहा कि सरकार इन दो सवालों के जवाब देने से बच रही है कि क्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी सरकारी एजेंसी के माध्यम से पेगासस का उपयोग किया गया है.

इसका जवाब हां या ना में होना चाहिए. दूसरा सवाल यह है कि अगर आपने इसे हायर किया है, तो क्या आपने इसका इस्तेमाल लोगों के खिलाफ किया है ? 19 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलने वाला है. कांग्रेस सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है. इसलिए उन्हें पता है कि अगर बहस होगी तो वे विपक्ष को जवाब नहीं दे पाएंगे.

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार (Central Government) ने विपक्षी दलों को सदन में बोलने नहीं देकर संसद की कार्यवाही को 'बाधित' करने का आरोप लगाया. अब उन व्यवधानों का उपयोग शेष मानसून सत्र (Monsoon Session) को कम करने के लिए बहाने के रूप में कर रही है.

दरअसल, पेगासस विवाद (Pegasus Controversy) को लेकर विपक्ष के लगातार विरोध को देखते हुए कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार मानसून सत्र को कम करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. 'ईटीवी भारत' के सवाल के जवाब में कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मेरा सीधा आरोप है कि सरकार ने सत्र को रोक दिया है और अब शायद बचे हुए सत्र दिवसों को कम करने की सोच रहे हैं. ऐसे में अब आप स्वयं निष्कर्ष निकाला जा सकता है.

अभिषेक मनु सिंघवी की प्रेस वार्ता

पढ़ें: संसद में गतिरोध जारी : अगले सप्ताह कई महत्वपूर्ण विधेयक लाएगी सरकार

आरोप लगाया कि पेगासस पर चर्चा कराने नहीं कराने को लेकर सरकार जिद कर रही है. कहा कि विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में पेगासस मामले पर चर्चा की मांग उठा रहा है. लेकिन सरकार अभी भी उनकी मांग पर राजी नहीं है. सिंघवी ने कहा कि गृह मंत्री के संसद में उपस्थिति होने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि वे कोई चर्चा करने को भी राजी नहीं हैं. कहा कि सरकार इन दो सवालों के जवाब देने से बच रही है कि क्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी सरकारी एजेंसी के माध्यम से पेगासस का उपयोग किया गया है.

इसका जवाब हां या ना में होना चाहिए. दूसरा सवाल यह है कि अगर आपने इसे हायर किया है, तो क्या आपने इसका इस्तेमाल लोगों के खिलाफ किया है ? 19 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलने वाला है. कांग्रेस सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है. इसलिए उन्हें पता है कि अगर बहस होगी तो वे विपक्ष को जवाब नहीं दे पाएंगे.

Last Updated : Jul 31, 2021, 10:14 PM IST
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