ETV Bharat / bharat

मध्य एशियाई 5 देशों के विदेश मंत्रियों ने की PM मोदी से मुलाकात, संबंधों को मजबूत करने पर जोर

author img

By

Published : Dec 20, 2021, 7:19 PM IST

भारत-मध्य एशिया वार्ता की तीसरी बैठक में भाग लेने आए कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के विदेश मंत्रियों (Foreign Ministers) ने प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) से मुलाकात की. भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया.

Central Asian FM meets PM Modi
मध्य एशियाई 5 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ पीएम

नई दिल्ली : पांच मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया. कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री से मुलाकात की. वे भारत-मध्य एशिया वार्ता की तीसरी बैठक में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा पर हैं.

मध्य एशियाई विदेश मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने राष्ट्रपतियों के अभिवादन से अवगत कराया और भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके नेतृत्व की तत्परता पर जोर दिया. उन्होंने 18-19 दिसंबर को भारत के विदेश मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित भारत-मध्य एशिया वार्ता के विचार-विमर्श पर प्रधानमंत्री को जानकारी दी, जिसमें अफगानिस्तान की स्थिति सहित व्यापार और संपर्क, विकास साझेदारी और क्षेत्रीय विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया था.

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत मध्य एशियाई देशों के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को महत्व देता है, जो इसके विस्तारित पड़ोस का हिस्सा हैं.
उन्होंने 2015 में सभी मध्य एशियाई देशों और बाद में कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिज गणराज्य की अपनी यादगार यात्राओं को याद किया.

भारतीय फिल्मों, संगीत, योग की किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में भारतीय फिल्मों, संगीत, योग आदि की लोकप्रियता को देखते हुए भारत और मध्य एशिया के बीच सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संपर्क बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने भारत और मध्य एशिया के बीच बढ़े हुए आर्थिक सहयोग की संभावना और इस संबंध में कनेक्टिविटी की भूमिका को भी रेखांकित किया.
भारत-मध्य एशिया वार्ता ने भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंधों को गति दी है. भारत और मध्य एशियाई देश अगले वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ मनाएंगे.

रविवार को हुई बातचीत के बाद, छह देशों ने एक संयुक्त बयान में एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए मजबूत समर्थन दोहराया, जबकि संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और इसके आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप पर जोर दिया.

उन्होंने वर्तमान मानवीय स्थिति पर भी चर्चा की और अफगान लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखने का निर्णय लिया. उन्होंने यूएनएससी प्रस्ताव 2593 (2021) के महत्व की फिर से पुष्टि की, जो स्पष्ट रूप से मांग करता है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी कृत्यों को आश्रय देने, प्रशिक्षण देने, योजना बनाने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाए और सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान करने पर भी जोर दिया गया.

पढ़ें- वाणिज्य, संपर्क पर ध्यान देने सहित संबंधों को अगले स्तर तक ले जाएगा भारत: जयशंकर

मंत्रियों ने अफगानिस्तान की स्थिति पर घनिष्ठ परामर्श जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की. संयुक्त बयान में मंत्रियों ने जोर देकर कहा कि आतंकवादी कृत्यों के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और प्रत्यर्पण या मुकदमा के सिद्धांत के अनुसार न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए. इस संदर्भ में, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र व्यापक अभिसमय को शीघ्र अपनाने का आह्वान किया.

बयान में कहा गया है, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले वैश्विक आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने और प्रासंगिक यूएनएससी प्रस्तावों, वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति और एफएटीएफ मानकों को पूरी तरह से लागू करने का आह्वान किया है.

नई दिल्ली : पांच मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया. कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री से मुलाकात की. वे भारत-मध्य एशिया वार्ता की तीसरी बैठक में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा पर हैं.

मध्य एशियाई विदेश मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने राष्ट्रपतियों के अभिवादन से अवगत कराया और भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके नेतृत्व की तत्परता पर जोर दिया. उन्होंने 18-19 दिसंबर को भारत के विदेश मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित भारत-मध्य एशिया वार्ता के विचार-विमर्श पर प्रधानमंत्री को जानकारी दी, जिसमें अफगानिस्तान की स्थिति सहित व्यापार और संपर्क, विकास साझेदारी और क्षेत्रीय विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया था.

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत मध्य एशियाई देशों के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को महत्व देता है, जो इसके विस्तारित पड़ोस का हिस्सा हैं.
उन्होंने 2015 में सभी मध्य एशियाई देशों और बाद में कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिज गणराज्य की अपनी यादगार यात्राओं को याद किया.

भारतीय फिल्मों, संगीत, योग की किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में भारतीय फिल्मों, संगीत, योग आदि की लोकप्रियता को देखते हुए भारत और मध्य एशिया के बीच सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संपर्क बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने भारत और मध्य एशिया के बीच बढ़े हुए आर्थिक सहयोग की संभावना और इस संबंध में कनेक्टिविटी की भूमिका को भी रेखांकित किया.
भारत-मध्य एशिया वार्ता ने भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंधों को गति दी है. भारत और मध्य एशियाई देश अगले वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ मनाएंगे.

रविवार को हुई बातचीत के बाद, छह देशों ने एक संयुक्त बयान में एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए मजबूत समर्थन दोहराया, जबकि संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और इसके आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप पर जोर दिया.

उन्होंने वर्तमान मानवीय स्थिति पर भी चर्चा की और अफगान लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखने का निर्णय लिया. उन्होंने यूएनएससी प्रस्ताव 2593 (2021) के महत्व की फिर से पुष्टि की, जो स्पष्ट रूप से मांग करता है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी कृत्यों को आश्रय देने, प्रशिक्षण देने, योजना बनाने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाए और सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान करने पर भी जोर दिया गया.

पढ़ें- वाणिज्य, संपर्क पर ध्यान देने सहित संबंधों को अगले स्तर तक ले जाएगा भारत: जयशंकर

मंत्रियों ने अफगानिस्तान की स्थिति पर घनिष्ठ परामर्श जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की. संयुक्त बयान में मंत्रियों ने जोर देकर कहा कि आतंकवादी कृत्यों के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और प्रत्यर्पण या मुकदमा के सिद्धांत के अनुसार न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए. इस संदर्भ में, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र व्यापक अभिसमय को शीघ्र अपनाने का आह्वान किया.

बयान में कहा गया है, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले वैश्विक आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने और प्रासंगिक यूएनएससी प्रस्तावों, वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति और एफएटीएफ मानकों को पूरी तरह से लागू करने का आह्वान किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.