लद्दाख : भारत- चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में बीते कई माह से विवाद चल रहा है. इसको सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की आठ दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक सभी वार्ताएं बेनतीजा साबित हुई हैं. इसी बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल विपिन रावत सोमवार को लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे, जहां वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे.
जनरल रावत ठंड के मौसम में आगे के स्थानों (फॉरवर्ड एरिया) पर तैनात सुरक्षा बलों की जमीनी जरूरतों का आकलन और समीक्षा करने के लिए पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं.
उन्हें 14 कोर कमांडर और अन्य कमांडरों द्वारा जमीनी हालात की जानकारी दी जाएगी. अरुणाचल प्रदेश में आगे के क्षेत्रों में जनरल रावत की यात्रा के तुरंत बाद उन्होंने अब लद्दाख का दौरा किया है.
जनरल रावत ने अरुणाचल प्रदेश में आगे के स्थानों पर स्थित हवाई ठिकानों का दौरा किया था और वहां तैनात भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और विशेष सीमा बल के सैनिकों के साथ बातचीत की थी.
उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वैली का भी दौरा किया. जनरल रावत ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में एक साल पूरा कर लिया है.
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चीन के साथ मौजूदा गतिरोध पर, पिछले साल जनरल रावत ने दोहराया था कि यदि सैन्य और राजनयिक स्तर पर दोनों देशों के बीच बातचीत के परिणाम नहीं आते हैं तो भारत के पास चीन से निपटने के लिए सैन्य विकल्प हैं.
भारतीय और चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में एलएसी से लगते कई क्षेत्रों पर पिछले साल अप्रैल-मई के समय से ही आमने-सामने है. दोनों सेनाओं के बीच बातचीत के कई दौर के बावजूद गतिरोध बना हुआ है.