कसौली/सोलन: प्रदेश में ह्यूमन पेपिलोमा वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन तैयार हो गई है. प्रदेश में वायरस से लड़ने के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत मई माह में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी. वहीं, टीकाकरण की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं. वैक्सीन के उपलब्ध होने के बाद इसे तुरंत जिले को आवंटित कर दिया जाएगा. इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर ली है. जिसे बाजार में उतारने से पहले क्वालिटी और कंट्रोल जांच के लिए केंद्रीय ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) कसौली में भेजा गया. गहनता से परीक्षण करने के बाद वैक्सीन सीडीएल मानकों पर खरी उतरी है. इसके बाद परीक्षण किए चार बैच को कंपनी को भेज दिया गया है. इस वैक्सीन का फायदा सर्वाइकल कैंसर के मरीजों को भी होगा. हालांकि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन को नौ से 16 आयु के वर्ष के बच्चों को दिया जाएगा.
गौर रहे देश में लोग सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित हो रहे हैं. ऐसे में इस वायरस से बचाव के लिए शोध किया गया और स्वदेशी वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से तैयार की गई. क्लीनिकल ट्रायल होने के बाद इसकी रिपोर्ट औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को भेजी गई और डीसीजीआई ने वैक्सीन को मंजूरी दी. इसके बाद कंपनी की ओर से दिसंबर माह में वैक्सीन के तीन बैच परीक्षण के लिए भेजे थे. अब इस वैक्सीन को सीडीएल ने ग्रीन टिक दे दिया है. जिसके बाद कंपनी ने भी उत्पाद को बढ़ा दिया है.
गौर रहे कि देश में निर्मित वैक्सीन को बाजार में उतारने से पहले सीडीएल कसौली भेजा जाता है. यह वैक्सीन परीक्षण में खरे उतरने के बाद ही बाजार में आती है. कोरोना समेत अन्य कई प्रकार की वैक्सीन को सीडीएल से ग्रीन टिक मिलने के बाद ही बाजार में उतारा जाता है. उधर, सीडीएल कसौली के निदेशन सुशील साहू ने बताया कि बीते दिनों वैक्सीन के बैच को पास कर भेज दिया गया है. वहीं, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. गगन ने बताया कि प्रदेश में जल्द वैक्सीन उपलब्ध होगी. इसके बाद इसे बाद टीकाकरण शुरू हो जाएगा.
ये भी पढे़ं: Hydrogen Train: दिसंबर 2023 तक कालका-शिमला रूट पर दौड़ेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन