नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में नाबालिग से महीनों तक दुष्कर्म करने का आरोपी महिला एवं बाल विकास अधिकारी का एक वीडियो सामने आया है. इससे यह पता चल रहा है कि दुष्कर्म जैसे संगीन आरोप लगने और मुकदमा दर्ज होने के बाद भी वह साधारण जिंदगी जी रहा था और उसे पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया. एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आरोपी प्रमोदय खाखा धर्म स्थल में प्रवचन देता नजर आया. पीड़िता ने इसी धर्म स्थल का जिक्र बयान में किया था, सभा के बाद दुष्कर्म की बात बताई गई है.
पुलिस की जांच में मिले सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि 20 अगस्त को लोगों की भीड़ में जाकर वह प्रार्थना में शामिल हो रहा है और उसकी दिनचर्या में कोई फर्क नहीं है. वीडियो में वह आराम से लोगों से मिलता जुलता दिखाई दिया. पुलिस ने 13 अगस्त को ही मामला दर्ज कर लिया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी.
पीड़िता ने अपने बयान में भी इस धर्म स्थल का जिक्र किया था, जिसकी वजह से इस धर्म स्थल की अहम भूमिका है. कहा जा रहा है कि पुलिस धर्म स्थल से जुड़े लोगों से भी पूछताछ कर सकती है. मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. फिलहाल आरोपी को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर ज्यूडिशल कस्टडी में भेज दिया है. वहीं, पीड़िता का इलाज अस्पताल में जारी है.
यह है मामला: दरअसल, दिल्ली सरकार के महिला व बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात प्रमोदय खाखा पर अपने ही दोस्त की नाबालिग बेटी से महीनों तक दुष्कर्म करने का आरोप लगा है. फिलहाल उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. हालांकि, मामला सामने आने के बाद दिल्ली सरकार की किरकिरी हो रही है. इस पर दिल्ली भाजपा सचिव बांसुरी स्वराज ने निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि आरोपी मंत्री कैलाश गहलोत का करीबी है, जिसने उनके औएसडी रहने के दौरान ही इस कुकृत्य को अंजाम दिया था. वहीं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मंत्री कैलाश गहलोत का इस्तीफा मांगा है.
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