ETV Bharat / bharat

एलडीसी भर्ती घोटाला: रक्षा मंत्रालय के 3 कर्मियों पर CBI ने कसा शिकंजा, 4 घंटे तक चली पूछताछ - लखनऊ खबर

रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (DGQA) कानपुर में 2018 में हुई छह बाबुओं की भर्ती में धांधली की जांच CBI कर रही है. मंगलवार को लखनऊ CBI क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने तीन विभागीय कर्मचारियों से 4 घंटे बंद कमरे में कड़ी पूछताछ की.

एलडीसी भर्ती घोटाला
एलडीसी भर्ती घोटाला
author img

By

Published : Jun 30, 2021, 1:00 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में रक्षा मंत्रालय के गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (Directorate General of Quality Assurance-DGQA) कानपुर में हुई एलडीसी (Lower Division Clerk) भर्ती घोटाले के मामले में सीबीआई ने विभागीय कर्मचारियों पर शिकंजा कसा है. सीबीआई (CBI) के अफसरों ने तीन विभागीय कर्मचारियों से 4 घंटे बंद कमरे में कड़ी पूछताछ की. वरिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात एक कर्मी ने घोटाले के साक्ष्य के तौर पर कुछ कॉल रिकॉर्डिंग सुनाए, जिसमें मुख्य आरोपी की बेटी लेनदेन की जानकारी दे रही है. लखनऊ CBI क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने तीन कर्मचारियों अवर श्रेणी लिपिक अश्वनी राज, कार्यालय अधीक्षक सिराजुद्दीन और तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी ओपी शुक्ला से कड़ी पूछताछ की. सीबीआई की लखनऊ क्राइम ब्रांच शाखा ने सुबूत के तौर पर अश्वनी का फोन और लैपटॉप कब्जे में ले लिया है.

DGQA रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन विभाग के तहत कार्यरत एक अंतर सेवा संगठन है. यहां 2018 में छह बाबुओं की भर्ती में हुए घोटाले की जांच के सम्बंध में इसकी शाखा CQA(M) कानपुर में कार्यरत अवर श्रेणी लिपिक कर्मी, कार्यालय अधीक्षक के पद पर तैनात एक अन्य कर्मी और तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी से CBI ने चार घंटे पूछताछ की.

पढ़ें : ट्विटर V/S यूपी पुलिस : ट्विटर इंडिया के प्रमुख को हाईकोर्ट से राहत, सुप्रीम कोर्ट पहुंची यूपी पुलिस

कर्मी ने रुपये के अवैध लेनदेन से संबंधित कई राज उगले
सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात कर्मी ने ने भर्ती घोटाले में हुई रुपयों की अवैध लेनदेन से संबंधित कई राज सीबीआई जांच अधिकारी के सामने खोले हैं. उसने सीबीआई को भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी डॉ संतोष कुमार तिवारी की बेटी से हुई बातचीत की कॉल रिकॉर्डिंग दी, जिसमें वह भारतीयों के लिए हुई लेनदेन की जानकारी दे रही है. वरिष्ठ लिपिक से हुई पूछताछ में और भी कई अहम सुराग मिले हैं. CBI ने साक्ष्य के तौर पर वरिष्ठ लिपिक का मोबाइल और लैपटॉप कब्जे में ले लिया है.

कार्यालय अधीक्षक की बेटी ने उठाए सवाल
कार्यालय अधीक्षक का भी बयान सीबीआई ने दर्ज किया. कार्यालय अधीक्षक की बेटी ने ही भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए परीक्षा से पहले ही ईमेल के जरिए यह खुलासा कर दिया था कि किन अभ्यर्थियों का चयन होना है. बेटी खुद भी भर्ती के लिए प्रयासरत थी और उसे साठगांठ की जानकारी मिल चुकी थी. तत्कालीन प्रशासन अधिकारी का भी बयान इस कड़ी में दर्ज किया गया. इनके बयान से मिली जानकारियों के बाद अब इस कड़ी से जुड़े कई अफसरों से पूछताछ हो सकती है.

यह था मामला
DGQA में बाबुओं के छह पदों की भर्ती के लिए वर्ष 2016-17 में आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई. 2018 में इसके लिए परीक्षा करवाई गई ,जिसमें विभागीय कर्मचारी संगठन के नेताओं और अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों और करीबियों की भर्ती रिश्वत लेकर कर ली थी. इसकी जानकारी होने पर परीक्षा में शामिल तमाम अभ्यर्थियों ने इसके खिलाफ केस दर्ज करवाया. मामला रक्षा मंत्रालय से जुड़ा होने की वजह से अगस्त 2018 में ही केस CBI ने अपने हाथ में ले लिया था.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में रक्षा मंत्रालय के गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (Directorate General of Quality Assurance-DGQA) कानपुर में हुई एलडीसी (Lower Division Clerk) भर्ती घोटाले के मामले में सीबीआई ने विभागीय कर्मचारियों पर शिकंजा कसा है. सीबीआई (CBI) के अफसरों ने तीन विभागीय कर्मचारियों से 4 घंटे बंद कमरे में कड़ी पूछताछ की. वरिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात एक कर्मी ने घोटाले के साक्ष्य के तौर पर कुछ कॉल रिकॉर्डिंग सुनाए, जिसमें मुख्य आरोपी की बेटी लेनदेन की जानकारी दे रही है. लखनऊ CBI क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने तीन कर्मचारियों अवर श्रेणी लिपिक अश्वनी राज, कार्यालय अधीक्षक सिराजुद्दीन और तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी ओपी शुक्ला से कड़ी पूछताछ की. सीबीआई की लखनऊ क्राइम ब्रांच शाखा ने सुबूत के तौर पर अश्वनी का फोन और लैपटॉप कब्जे में ले लिया है.

DGQA रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन विभाग के तहत कार्यरत एक अंतर सेवा संगठन है. यहां 2018 में छह बाबुओं की भर्ती में हुए घोटाले की जांच के सम्बंध में इसकी शाखा CQA(M) कानपुर में कार्यरत अवर श्रेणी लिपिक कर्मी, कार्यालय अधीक्षक के पद पर तैनात एक अन्य कर्मी और तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी से CBI ने चार घंटे पूछताछ की.

पढ़ें : ट्विटर V/S यूपी पुलिस : ट्विटर इंडिया के प्रमुख को हाईकोर्ट से राहत, सुप्रीम कोर्ट पहुंची यूपी पुलिस

कर्मी ने रुपये के अवैध लेनदेन से संबंधित कई राज उगले
सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात कर्मी ने ने भर्ती घोटाले में हुई रुपयों की अवैध लेनदेन से संबंधित कई राज सीबीआई जांच अधिकारी के सामने खोले हैं. उसने सीबीआई को भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी डॉ संतोष कुमार तिवारी की बेटी से हुई बातचीत की कॉल रिकॉर्डिंग दी, जिसमें वह भारतीयों के लिए हुई लेनदेन की जानकारी दे रही है. वरिष्ठ लिपिक से हुई पूछताछ में और भी कई अहम सुराग मिले हैं. CBI ने साक्ष्य के तौर पर वरिष्ठ लिपिक का मोबाइल और लैपटॉप कब्जे में ले लिया है.

कार्यालय अधीक्षक की बेटी ने उठाए सवाल
कार्यालय अधीक्षक का भी बयान सीबीआई ने दर्ज किया. कार्यालय अधीक्षक की बेटी ने ही भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए परीक्षा से पहले ही ईमेल के जरिए यह खुलासा कर दिया था कि किन अभ्यर्थियों का चयन होना है. बेटी खुद भी भर्ती के लिए प्रयासरत थी और उसे साठगांठ की जानकारी मिल चुकी थी. तत्कालीन प्रशासन अधिकारी का भी बयान इस कड़ी में दर्ज किया गया. इनके बयान से मिली जानकारियों के बाद अब इस कड़ी से जुड़े कई अफसरों से पूछताछ हो सकती है.

यह था मामला
DGQA में बाबुओं के छह पदों की भर्ती के लिए वर्ष 2016-17 में आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई. 2018 में इसके लिए परीक्षा करवाई गई ,जिसमें विभागीय कर्मचारी संगठन के नेताओं और अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों और करीबियों की भर्ती रिश्वत लेकर कर ली थी. इसकी जानकारी होने पर परीक्षा में शामिल तमाम अभ्यर्थियों ने इसके खिलाफ केस दर्ज करवाया. मामला रक्षा मंत्रालय से जुड़ा होने की वजह से अगस्त 2018 में ही केस CBI ने अपने हाथ में ले लिया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.