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सीबीआई ने न्यायाधीश मौत के मामले में आरोपियों का 'फारेंसिक साइकोलॉजी टेस्ट' कराया - न्यायाधीश मौत

इससे पूर्व सोमवार को धनबाद की अदालत से सीबीआइ टीम ने दोनों आरोपियों की ब्रेन मैपिंग एवं अन्य मनोवैज्ञानिक जांच की अनुमति मांगी थी. दोनों आरोपियों की सहमति पर अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने उनके अधिवक्ता की उपस्थिति में ये परीक्षण कराने की सीबीआई को अनुमति दे दी थी.

सीबीआई ने न्यायाधीश मौत के मामले में आरोपियों का ‘फारेंसिक साइकोलॉजी टेस्ट’ कराया
सीबीआई ने न्यायाधीश मौत के मामले में आरोपियों का ‘फारेंसिक साइकोलॉजी टेस्ट’ कराया
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Published : Aug 11, 2021, 7:10 AM IST

Updated : Aug 11, 2021, 8:04 AM IST

धनबाद: झारखंड में धनबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की संदिग्ध हत्या की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने मंगलवार को मामले के दो आरोपियों का 'लाई डिटेक्टर टेस्ट' (झूठ पकड़ने का परीक्षण) व 'फारेंसिक साइकोलॉजी टेस्ट' (अपराध मनोविज्ञान परीक्षण) कराया.

धनबाद अदालत के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह रणधीर वर्मा चौक पर काफी चौड़ी सड़क के एक तरफ चहलकदमी कर रहे थे, तभी एक भारी ऑटो रिक्शा उनकी ओर मुड़ा, उन्हें पीछे से टक्कर मारी और मौके से भाग गया. इस बाबत ऑटो चालक लखन वर्मा एवं उसके सहयोगी राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की टीम आज फिर मौका-ए-वारदात पर पहुंची और स्थल की मपाई की.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब तक की जांच में साजिश के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं. सीबीआइ की ओर से उच्चतम न्यायालय में इस मामले में सोमवार को प्रगति रिपोर्ट दायर की गई थी जिस पर न्यायालय ने असंतोष जताया था.

इससे पूर्व सोमवार को धनबाद की अदालत से सीबीआइ टीम ने दोनों आरोपियों की ब्रेन मैपिंग एवं अन्य मनोवैज्ञानिक जांच की अनुमति मांगी थी. दोनों आरोपियों की सहमति पर अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने उनके अधिवक्ता की उपस्थिति में ये परीक्षण कराने की सीबीआई को अनुमति दे दी थी.

पीटीआई-भाषा

धनबाद: झारखंड में धनबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की संदिग्ध हत्या की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने मंगलवार को मामले के दो आरोपियों का 'लाई डिटेक्टर टेस्ट' (झूठ पकड़ने का परीक्षण) व 'फारेंसिक साइकोलॉजी टेस्ट' (अपराध मनोविज्ञान परीक्षण) कराया.

धनबाद अदालत के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह रणधीर वर्मा चौक पर काफी चौड़ी सड़क के एक तरफ चहलकदमी कर रहे थे, तभी एक भारी ऑटो रिक्शा उनकी ओर मुड़ा, उन्हें पीछे से टक्कर मारी और मौके से भाग गया. इस बाबत ऑटो चालक लखन वर्मा एवं उसके सहयोगी राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की टीम आज फिर मौका-ए-वारदात पर पहुंची और स्थल की मपाई की.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब तक की जांच में साजिश के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं. सीबीआइ की ओर से उच्चतम न्यायालय में इस मामले में सोमवार को प्रगति रिपोर्ट दायर की गई थी जिस पर न्यायालय ने असंतोष जताया था.

इससे पूर्व सोमवार को धनबाद की अदालत से सीबीआइ टीम ने दोनों आरोपियों की ब्रेन मैपिंग एवं अन्य मनोवैज्ञानिक जांच की अनुमति मांगी थी. दोनों आरोपियों की सहमति पर अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने उनके अधिवक्ता की उपस्थिति में ये परीक्षण कराने की सीबीआई को अनुमति दे दी थी.

पीटीआई-भाषा

Last Updated : Aug 11, 2021, 8:04 AM IST
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