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सिद्दारमैया और शिवकुमार के खिलाफ कोविड-19 नियमों का उल्लंघन वाले मामले हुए वापस - कर्नाटक सरकार

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 2022 में पार्टी द्वारा आयोजित 'मेकेदातु पदयात्रा' के दौरान राज्य कांग्रेस और अब मुख्यमंत्री सिद्दारमैया व उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार सहित उसके नेताओं द्वारा कोविड-19 दिशानिर्देशों के उल्लंघन से संबंधित आपराधिक मामलों को वापस लेने का फैसला किया.

Chief Minister Siddaramaiah
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया
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Published : Aug 10, 2023, 10:47 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने कांग्रेस और उसके नेताओं के खिलाफ कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन से संबंधित आपराधिक मामले वापस लेने का फैसला किया है. राज्य सरकार के इस फैसले से मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस ले लिए जाएंगे. दरअसल, 2022 में कांग्रेस पार्टी जो उस समय विपक्ष में थी, उसने कावेरी नदी से संबंधित मेकेदातु परियोजना के कार्यान्वयन की मांग करते हुए पदयात्रा का आयोजन किया था.

कांग्रेस ने कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों के लागू होने के बावजूद इस पदयात्रा का आयोजन किया था. राज्य के कानून और संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज नौ आपराधिक मामलों को वापस लेने का निर्णय लिया गया है. इसका संबंध केवल मेकेदातु आंदोलन, कोविड-19 संबंधी नियमों और धारा 144 और अन्य नियमों के उल्लंघन से है.

एचके पाटिल ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि यह निर्णय कांग्रेस विधायक अशोक पट्टन के आवेदन के आधार पर लिया गया है, जो विधानसभा में सरकार के मुख्य सचेतक भी हैं. उन्होंने कहा कि ये मामले कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार, सिद्दारमैया (तत्कालीन विपक्ष के नेता), डीके सुरेश (बेंगलुरु ग्रामीण सांसद) के साथ पार्टी सम्मेलन आयोजित करने और मेकेदातु को बेंगलुरु में आयोजित करके कोविड-19 दिशानिर्देशों के उल्लंघन से संबंधित हैं.

'नम्मा नीरू, नम्मा हक्कू' (हमारा पानी, हमारा अधिकार) थीम के साथ एक मार्च, जो शुरुआत में 9 जनवरी, 2022 को रामनगर जिले के कनकपुरा में कावेरी और अरकावती नदियों के संगम पर शुरू हुआ था, जो लगभग 139 किमी की कुल दूरी तय करने के बाद 19 जनवरी को बसवनगुड़ी में समाप्त होने वाली थी.

हालांकि, 13 जनवरी को इसे अस्थायी रूप से रोक दिया गया था, पार्टी के सामने सीमित विकल्प होने के कारण, बढ़ते कोविड-19 मामलों, सरकार द्वारा लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने और प्रतिबंधों के उल्लंघन के संबंध में कर्नाटक उच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणियों के बीच, मार्च में शामिल हुए कई कांग्रेस नेता भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे.

(पीटीआई-भाषा)

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने कांग्रेस और उसके नेताओं के खिलाफ कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन से संबंधित आपराधिक मामले वापस लेने का फैसला किया है. राज्य सरकार के इस फैसले से मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस ले लिए जाएंगे. दरअसल, 2022 में कांग्रेस पार्टी जो उस समय विपक्ष में थी, उसने कावेरी नदी से संबंधित मेकेदातु परियोजना के कार्यान्वयन की मांग करते हुए पदयात्रा का आयोजन किया था.

कांग्रेस ने कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों के लागू होने के बावजूद इस पदयात्रा का आयोजन किया था. राज्य के कानून और संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज नौ आपराधिक मामलों को वापस लेने का निर्णय लिया गया है. इसका संबंध केवल मेकेदातु आंदोलन, कोविड-19 संबंधी नियमों और धारा 144 और अन्य नियमों के उल्लंघन से है.

एचके पाटिल ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि यह निर्णय कांग्रेस विधायक अशोक पट्टन के आवेदन के आधार पर लिया गया है, जो विधानसभा में सरकार के मुख्य सचेतक भी हैं. उन्होंने कहा कि ये मामले कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार, सिद्दारमैया (तत्कालीन विपक्ष के नेता), डीके सुरेश (बेंगलुरु ग्रामीण सांसद) के साथ पार्टी सम्मेलन आयोजित करने और मेकेदातु को बेंगलुरु में आयोजित करके कोविड-19 दिशानिर्देशों के उल्लंघन से संबंधित हैं.

'नम्मा नीरू, नम्मा हक्कू' (हमारा पानी, हमारा अधिकार) थीम के साथ एक मार्च, जो शुरुआत में 9 जनवरी, 2022 को रामनगर जिले के कनकपुरा में कावेरी और अरकावती नदियों के संगम पर शुरू हुआ था, जो लगभग 139 किमी की कुल दूरी तय करने के बाद 19 जनवरी को बसवनगुड़ी में समाप्त होने वाली थी.

हालांकि, 13 जनवरी को इसे अस्थायी रूप से रोक दिया गया था, पार्टी के सामने सीमित विकल्प होने के कारण, बढ़ते कोविड-19 मामलों, सरकार द्वारा लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने और प्रतिबंधों के उल्लंघन के संबंध में कर्नाटक उच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणियों के बीच, मार्च में शामिल हुए कई कांग्रेस नेता भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे.

(पीटीआई-भाषा)

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