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Case Filed Against Policemen : अनुसूचित जाति की महिलाओं ने पुलिसकर्मियों पर यौन शोषण के लगाए आरोप, मामला दर्ज

तमिलनाडु के कुरावन समुदाय की पांच महिलाओं ने आंध्र प्रदेश पुलिस और तमिलनाडु पुलिस, दोनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़ित महिलाओं के अनुसार दोनों ही राज्यों की पुलिस ने उनका साथ नहीं दिया. पीड़ित महिलाओं ने आंध्र प्रदेश (चित्तूर थाने) के पुलिसकर्मियों पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. उनके अनुसार आंध्र पुलिस ने उनके साथ अभद्रता की. इन महिलाओं ने पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. प्राथमिक तौर पर उनकी शिकायत के बाद छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. कुरावन समुदाय तमिलनाडु की अनुसूचित जाति में शामिल है.

Tamil Nadu DGP
तमिलनाडु डीजीपी
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Published : Jul 23, 2023, 1:12 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु की पांच महिलाओं ने तमिलनाडु डीजीपी के पास अपने राज्य की पुलिस और आंध्र प्रदेश की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला के अनुसार आंध्र प्रदेश की पुलिस ने उनके साथ अभद्रता की, उनके कपड़े तक उतार दिए, उनका यौन शोषण किया. महिला के अनुसार पुलिस ने उन पर चोरी के झूठे आरोप लगाए, और हिरासत के दौरान जुर्म कबूलने का दबाव बनाया. पीड़िताओं के अनुसार इस मामले में तमिलनाडु पुलिस ने कोई मदद नहीं की. महिलाओं ने तमिलनाडु के कृष्णागिरि जिले में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

कुरावन समुदाय की इन महिलाओं ने अपनी शिकातय में कहा है कि पूछताछ के दौरान पुलिस ने हिंसा की बेइंतहा कर दी. उनके अनुसार उन्होंने फिल्मों में भी इतनी प्रताड़ना नहीं देखी थी. कृष्णागिरि जिले के मादुर पुलिस थाने में कुरावन समुदाय की महिलाओं ने 21 जुलाई को डीजीपी से शिकायत की.

पीड़िता ने बताया पूरी घटना सात जून से 12 जून के बीच की है. उसके अनुसार उसके घर पर चित्तूर (आंध्र प्रदेश) पुलिस आई. पुलिस उसके पति को ढूंढने आई थी. महिला ने बताया कि उसका पति मजदूरी करने के लिए केरल गया है. महिला के अनुसार पुलिस 11 जून की रात को उसे और उसकी सास, दोनों को चित्तूर थाने ले गई. दोनों की पिटाई की गई. उन्हें जुर्म कबूलने पर मजबूर किया. महिला के अनुसार पुलिस ने बिना कपड़े वाली उनकी फोटो भी मोबाइल में कैद कर ली. महिला के अनुसार पुलिस ने इसे वायरल करने की धमकी दी.

महिला ने बताया कि वे दोनों पुलिस की इस ज्यादती से टूट गई थी. कुछ देर के लिए उसके मन में आत्महत्या तक का ख्याल आ गया था, लेकिन पुलिस की मौजूदगी में वह कुछ न कर सकी. महिला ने बताया कि पुलिस ने कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें दो बच्चे और पांच महिलाएं थीं. पीड़िता के अनुसार सभी महिलाओं के साथ पुलिस ने ऐसा ही दुर्व्यवहार किया.

महिला के अनुसार पुलिस ने पांच दिनों तक हिरासत में रखा. उसे जूलरी दुकान में जूलरी बेचने की बात को कबूलने को कहा. महिला के अनुसार दोनों ही राज्यों में से किसी भी पुलिस ने उनके साथ न्याय नहीं किया. महिला ने बताया कि तमिलनाडु के कृष्णागिरि थाने में शिकायत करने के बाद भी थाने की पुलिस आंध्र प्रदेश पुलिस का ही साथ देती रही. महिला ने सीबीआई जांच की मांग की है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता कृष्णागिरि गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल गई, लेकिन वहां पर किसी का भी सहयोग नहीं मिला. जिन गोल्ड शॉप में उन्हें ले जाया गया, वे तमिलनाडु के उठागराई और कर्नाटके जिगानी में हैं. कुरावन एसोसिएशन ने कहा कि तमिलनाडु के उठानगराई के डीएसपी और बालमुरुगन थाने के पुलिस इंस्पेक्टर ने चित्तूर पुलिस थाने के खिलाफ मामला दर्ज करने में देरी की. पूरी घटना 16 जून को सामने आई.

ये भी पढ़ें : मणिपुर जातीय हिंसा की आग मिजोरम पहुंची, मैतेई समुदाय के लोगों को राज्य छोड़ने की धमकी, सरकार अलर्ट

चेन्नई : तमिलनाडु की पांच महिलाओं ने तमिलनाडु डीजीपी के पास अपने राज्य की पुलिस और आंध्र प्रदेश की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला के अनुसार आंध्र प्रदेश की पुलिस ने उनके साथ अभद्रता की, उनके कपड़े तक उतार दिए, उनका यौन शोषण किया. महिला के अनुसार पुलिस ने उन पर चोरी के झूठे आरोप लगाए, और हिरासत के दौरान जुर्म कबूलने का दबाव बनाया. पीड़िताओं के अनुसार इस मामले में तमिलनाडु पुलिस ने कोई मदद नहीं की. महिलाओं ने तमिलनाडु के कृष्णागिरि जिले में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

कुरावन समुदाय की इन महिलाओं ने अपनी शिकातय में कहा है कि पूछताछ के दौरान पुलिस ने हिंसा की बेइंतहा कर दी. उनके अनुसार उन्होंने फिल्मों में भी इतनी प्रताड़ना नहीं देखी थी. कृष्णागिरि जिले के मादुर पुलिस थाने में कुरावन समुदाय की महिलाओं ने 21 जुलाई को डीजीपी से शिकायत की.

पीड़िता ने बताया पूरी घटना सात जून से 12 जून के बीच की है. उसके अनुसार उसके घर पर चित्तूर (आंध्र प्रदेश) पुलिस आई. पुलिस उसके पति को ढूंढने आई थी. महिला ने बताया कि उसका पति मजदूरी करने के लिए केरल गया है. महिला के अनुसार पुलिस 11 जून की रात को उसे और उसकी सास, दोनों को चित्तूर थाने ले गई. दोनों की पिटाई की गई. उन्हें जुर्म कबूलने पर मजबूर किया. महिला के अनुसार पुलिस ने बिना कपड़े वाली उनकी फोटो भी मोबाइल में कैद कर ली. महिला के अनुसार पुलिस ने इसे वायरल करने की धमकी दी.

महिला ने बताया कि वे दोनों पुलिस की इस ज्यादती से टूट गई थी. कुछ देर के लिए उसके मन में आत्महत्या तक का ख्याल आ गया था, लेकिन पुलिस की मौजूदगी में वह कुछ न कर सकी. महिला ने बताया कि पुलिस ने कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें दो बच्चे और पांच महिलाएं थीं. पीड़िता के अनुसार सभी महिलाओं के साथ पुलिस ने ऐसा ही दुर्व्यवहार किया.

महिला के अनुसार पुलिस ने पांच दिनों तक हिरासत में रखा. उसे जूलरी दुकान में जूलरी बेचने की बात को कबूलने को कहा. महिला के अनुसार दोनों ही राज्यों में से किसी भी पुलिस ने उनके साथ न्याय नहीं किया. महिला ने बताया कि तमिलनाडु के कृष्णागिरि थाने में शिकायत करने के बाद भी थाने की पुलिस आंध्र प्रदेश पुलिस का ही साथ देती रही. महिला ने सीबीआई जांच की मांग की है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता कृष्णागिरि गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल गई, लेकिन वहां पर किसी का भी सहयोग नहीं मिला. जिन गोल्ड शॉप में उन्हें ले जाया गया, वे तमिलनाडु के उठागराई और कर्नाटके जिगानी में हैं. कुरावन एसोसिएशन ने कहा कि तमिलनाडु के उठानगराई के डीएसपी और बालमुरुगन थाने के पुलिस इंस्पेक्टर ने चित्तूर पुलिस थाने के खिलाफ मामला दर्ज करने में देरी की. पूरी घटना 16 जून को सामने आई.

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