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सीएम कैप्टन के एक लंच से दो पंच : हिंदू वोट साधा, आलाकमान के सामने पक्ष किया मजबूत - अकाली दल

विधानसभा चुनाव (assembly elections) से पहले पंजाब में एक नया राजनीतिक परिदृश्य उभर रहा है, जहां पूरी राजनीति हिंदू वोट बैंक (Hindu Vote bank) के इर्द-गिर्द केंद्रित होती दिखाई दे रही है. इस सिलसिले में जहां अकाली दल कांग्रेस हिंदु नेताओं को तोड़ने में लगी, तो वहीं दूसरी ओर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह हिंदू वोट बैंक साधने की कोशिश कर रहे हैं.

सीएम कैप्टन सीएम कैप्टन
सीएम कैप्टन
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Published : Jul 1, 2021, 10:43 PM IST

चंडीगढ़ : 2022 के विधानसभा चुनाव (assembly elections) में अब केवल छह महीने बाकी हैं और अकाली-भाजपा (Akali-BJP) के अलग होने के बाद राज्य में एक नया राजनीतिक परिदृश्य उभर रहा है. दलित (पिछड़े) वोट बैंक के बाद अब सारी राजनीति हिंदू वोट बैंक (Hindu Vote bank) के इर्द-गिर्द केंद्रित हो गई है.

कैप्टन कैबिनेट में छह हिंदू मंत्री

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Chief Minister Captain Amarinder Singh) के मंत्रिमंडल में दलित कोटा में ब्रह्म महिंद्रा, विजेंद्र सिंगला, भारत भूषण आशु, शाम सुंदर अरोड़ा, ओपी सोनी और अरुणा चौधरी सहित छह हिंदू कैबिनेट मंत्री शामिल हैं. इसके साथ ही वेयर हाऊसिंग के अध्यक्ष (Chairman of Warehousing Corporation) और विधायक राज कुमार वेरका (न) को भी मंत्री का दर्जा दिया गया है.

कैप्टन चाहते हैं पार्टी अध्यक्ष पद के लिए हिंदू नेता

कैप्टन नहीं चाहते कि पार्टी में दो जाट सिख वरिष्ठ पदों पर आसीन हों. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ हिंदू नेता हैं और सीएम उनकी जगह हिंदू नेता लाने की रणनीति बना रहे हैं, जिसके लिए विजेंदर सिंगला (Vijender Singla) और मनीष तिवारी (Manish Tewari) का नाम आगे चल रहा है.

कैप्टन का लंच डिप्लोमेसी

दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान (Congress High Command ) के साथ अपनी बैठक से पहले और पार्टी के बीच विवाद को खत्म करने के लिए, पंजाब के सीएम ने आज अपने विधायकों और अपने खेमे के मंत्रियों के साथ लंच डिप्लोमेसी की, जिसमें उन्होंने कैबिनेट मंत्रियों और अनादपुर साहिब (anadpur Sahib ) के सांसद मनीष तिवारी के साथ 35 विधायकों को आमंत्रित किया.

शिरोमणि अकाली दल का कांग्रेस के हिंदू नेताओं को काटने की कोशिश

अब तक कांग्रेस के दो हिंदू चेहरे शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) में शामिल हो चुके हैं. अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने जलालाबाद से कांग्रेस के पूर्व विधायक और हिंदू चेहरे हंसराज जोसन (Hansraj Joson) को अपनी पार्टी में शामिल किया है. इसके अलावा कांग्रेस के अन्य हिंदू नेता राजिंदर दीपा (Rajinder Deepa ) भी अकाली दल में शामिल हो गए हैं.

पूर्व मंत्री अश्विनी सेखरी के अकाली दल में शामिल होने की अटकलें

कहा जा रहा है कि पंजाब के माझा इलाके के अन्य बड़े नेता और बटाला विधानसभा क्षेत्र (Batala constituency) से कांग्रेस विधायक अश्विनी सेखरी (Ashwani Sekhri) अकाली दल में शामिल होने वाले थे, लेकिन कप्तान किसी तरह उन्हें रोकने में कामयाब रहे.

पढ़ें - अमरिंदर vs सिद्धू: शह-मात के खेल में जुटे दोनों धुरंधर, बड़ा सवाल; कौन बनेगा 'कैप्टन' किसका गिरेगा विकेट ?

हिंदू नेता को रोकने की कोशिश में आलाकमान

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat ) ने अश्वनी सेखरी को शुक्रवार को दिल्ली बुलाया है. कांग्रेस आलाकमान नहीं चाहता कि पार्टी के हिंदू नेता भाजपा में डेरा डालें.

सेखरी के दिल्ली दौरे से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज की लंच डिप्लोमेसी से उनके सारे मसले सुलझाए.

40 प्रतिशत हिन्दू वोट बैंक

बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद शिरोमणि अकाली दल ने खुद को बसपा के साथ जोड़ लिया है और अब राज्य में हिंदू और दलित (SC/BC) वोट बैंक पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, जो लगभग 40 प्रतिशत है. इसलिए कांग्रेस आलाकमान भी हिंदू/शहर के नेताओं के सभी मुद्दों को हल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

कैप्टन अमरिन्दर सिंह दोहरी चाल चल रहे हैं, एक तरफ वे हिंदू/दलित नेताओं के सभी मुद्दों को सुलझा रहे हैं और दूसरी तरफ आलाकमान के सामने अपना पक्ष मजबूत कर रहे हैं.

चंडीगढ़ : 2022 के विधानसभा चुनाव (assembly elections) में अब केवल छह महीने बाकी हैं और अकाली-भाजपा (Akali-BJP) के अलग होने के बाद राज्य में एक नया राजनीतिक परिदृश्य उभर रहा है. दलित (पिछड़े) वोट बैंक के बाद अब सारी राजनीति हिंदू वोट बैंक (Hindu Vote bank) के इर्द-गिर्द केंद्रित हो गई है.

कैप्टन कैबिनेट में छह हिंदू मंत्री

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Chief Minister Captain Amarinder Singh) के मंत्रिमंडल में दलित कोटा में ब्रह्म महिंद्रा, विजेंद्र सिंगला, भारत भूषण आशु, शाम सुंदर अरोड़ा, ओपी सोनी और अरुणा चौधरी सहित छह हिंदू कैबिनेट मंत्री शामिल हैं. इसके साथ ही वेयर हाऊसिंग के अध्यक्ष (Chairman of Warehousing Corporation) और विधायक राज कुमार वेरका (न) को भी मंत्री का दर्जा दिया गया है.

कैप्टन चाहते हैं पार्टी अध्यक्ष पद के लिए हिंदू नेता

कैप्टन नहीं चाहते कि पार्टी में दो जाट सिख वरिष्ठ पदों पर आसीन हों. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ हिंदू नेता हैं और सीएम उनकी जगह हिंदू नेता लाने की रणनीति बना रहे हैं, जिसके लिए विजेंदर सिंगला (Vijender Singla) और मनीष तिवारी (Manish Tewari) का नाम आगे चल रहा है.

कैप्टन का लंच डिप्लोमेसी

दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान (Congress High Command ) के साथ अपनी बैठक से पहले और पार्टी के बीच विवाद को खत्म करने के लिए, पंजाब के सीएम ने आज अपने विधायकों और अपने खेमे के मंत्रियों के साथ लंच डिप्लोमेसी की, जिसमें उन्होंने कैबिनेट मंत्रियों और अनादपुर साहिब (anadpur Sahib ) के सांसद मनीष तिवारी के साथ 35 विधायकों को आमंत्रित किया.

शिरोमणि अकाली दल का कांग्रेस के हिंदू नेताओं को काटने की कोशिश

अब तक कांग्रेस के दो हिंदू चेहरे शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) में शामिल हो चुके हैं. अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने जलालाबाद से कांग्रेस के पूर्व विधायक और हिंदू चेहरे हंसराज जोसन (Hansraj Joson) को अपनी पार्टी में शामिल किया है. इसके अलावा कांग्रेस के अन्य हिंदू नेता राजिंदर दीपा (Rajinder Deepa ) भी अकाली दल में शामिल हो गए हैं.

पूर्व मंत्री अश्विनी सेखरी के अकाली दल में शामिल होने की अटकलें

कहा जा रहा है कि पंजाब के माझा इलाके के अन्य बड़े नेता और बटाला विधानसभा क्षेत्र (Batala constituency) से कांग्रेस विधायक अश्विनी सेखरी (Ashwani Sekhri) अकाली दल में शामिल होने वाले थे, लेकिन कप्तान किसी तरह उन्हें रोकने में कामयाब रहे.

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हिंदू नेता को रोकने की कोशिश में आलाकमान

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat ) ने अश्वनी सेखरी को शुक्रवार को दिल्ली बुलाया है. कांग्रेस आलाकमान नहीं चाहता कि पार्टी के हिंदू नेता भाजपा में डेरा डालें.

सेखरी के दिल्ली दौरे से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज की लंच डिप्लोमेसी से उनके सारे मसले सुलझाए.

40 प्रतिशत हिन्दू वोट बैंक

बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद शिरोमणि अकाली दल ने खुद को बसपा के साथ जोड़ लिया है और अब राज्य में हिंदू और दलित (SC/BC) वोट बैंक पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, जो लगभग 40 प्रतिशत है. इसलिए कांग्रेस आलाकमान भी हिंदू/शहर के नेताओं के सभी मुद्दों को हल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

कैप्टन अमरिन्दर सिंह दोहरी चाल चल रहे हैं, एक तरफ वे हिंदू/दलित नेताओं के सभी मुद्दों को सुलझा रहे हैं और दूसरी तरफ आलाकमान के सामने अपना पक्ष मजबूत कर रहे हैं.

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