हैदराबाद: भाजपा सांसद वरुण गांधी के पीएम मोदी को पत्र लिखकर किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को एक करोड़ रुपया मुआवजा देने और गृह राज्यमंत्री पर कार्रवाई की मांग के बाद अब कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रिया आने लगी है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने वरुण गांधी की तुलना उनके दादाजी फिरोज गांधी से की है.
थरूर ने अपने ट्वीट में वरुण के दादाजी फिरोज गांधी की भूमिका को किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अडिग विपक्ष के रूप में संदर्भित किया है. भले ही इसका मतलब तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ आरोप लगाना हो. थरूर ने पूछा कि कैसे वरुण अपने दादा की तरह किसी मंत्री को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर सकते हैं.
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Good to see @varungandhi80 emulating his grandfather in challenging the Prime Minister of his own party. But there is a significant difference in the democratic instincts of the two PMs. Feroze Gandhi could force a Minuster’s resignation; how’ll Varun Feroze Gandhi do? pic.twitter.com/96fm8iXycV
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उन्होंने ट्वीट किया कि ' वरुण गांधी के अपनी ही पार्टी के प्रधानमंत्री को चुनौती देने में अपने दादा का अनुकरण करते देखकर अच्छा लगा, लेकिन दोनों प्रधानमंत्रियों की लोकतांत्रिक प्रवृत्ति में एक महत्वपूर्ण अंतर है. फिरोज गांधी एक मंत्री के इस्तीफे के लिए मजबूर कर सकते हैं, वरुण फिरोज गांधी कैसे करेंगे?'
1957 के वाकये का किया जिक्र
थरूर ने स्पष्ट रूप से उस घटना का उल्लेख किया जब फिरोज गांधी ने दिसंबर 1957 में लोकसभा में एक राष्ट्रीयकृत बीमा कंपनी में कथित वित्तीय अनियमितताओं का मुद्दा उठाया था. फिरोज ने आंतरिक समिति से जांच कराने की मांग की थी. बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एमसी छागला के नेतृत्व में गठित एक सदस्यीय आयोग ने अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन वित्त मंत्री टी.टी. कृष्णमाचारी की अनियमितताओं में संलिप्तता पाई. इसके बाद कृष्णमाचारी ने 18 फरवरी, 1958 को इस्तीफा दे दिया था.
दरअसल यूपी के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र है. वरुण ने आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ मुआवजा देने की मांग की है. साथ ही लखीमपुर खीरी की घटना निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है. वरुण गांधी ने पत्र में लिखा है कि 'मेरा आपसे निवेदन है कि इस घटना में निष्पक्ष जांच एवं न्याय हेतु इसमें लिप्त केंद्रीय गृह राज्यमंत्री पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.'