नई दिल्ली: चार राज्यों में हुए लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी के हाथ खाली रहे जबकि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र की विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया है. बिहार में वीआईपी विधायक की मौत के बाद बोचहां विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आरजेडी ने बाजी मार ली है. पश्चिम बंगाल की ओसनसोल लोकसभा सीट से शत्रुघ्न सिन्हा ने भारी जीत दर्ज की है. बालीगंज विधानसभा सीट से टीएमसी के प्रत्याशी बाबुल सुप्रियो 19904 वोटों जीत दर्ज की. छत्तीसगढ़ की खैरागढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस की यशोदा वर्मा ने जीत दर्ज की है. वहीं महाराष्ट्र की कोल्हापुर उत्तरी सीट से कांग्रेस की जयश्री ने जीत हासिल की है.
शत्रुघ्न सिन्हा व बाबुल सुप्रियो चुनाव जीते: पश्चिम बंगाल में आसनसोल लोकसभा सीट से टीएमसी उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा ने करीब दो लाख मतों से चुनाव जीत लिया है. शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी की अग्निमित्रा पॉल को करीब तीन लाख मतों से शिकस्त दी है. वहीं प. बंगाल की बालीगंज विधानसभा सीट से टीएमसी के प्रत्याशी बाबुल सुप्रियो 19904 वोटों जीत दर्ज की. उन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंदी सीपीआईएम की प्रत्याशी एवं नसीरुद्दीन शाह की भतीजी सायरा शाह को हरा दिया है.
कोल्हापुर से कांग्रेस जीती: महाराष्ट्र के कोल्हापुर उत्तर में कांग्रेस की उम्मीदवार जयश्री जाधव ने बीजेपी के सत्यजीत कदम को मात दे दी है. महाराष्ट्र के कोल्हापुर नॉर्थ सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार जयश्री जाधव ने BJP के सत्यजीत कदम को करीब करीब 19000 वोटों से करारी शिकस्त दी है. यह सीट दिसंबर 2021 में कोविड-19 से कांग्रेस विधायक चंद्रकांत जाधव के निधन के बाद से खाली हुई थी. इस सीट पर 15 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे.
बिहार की बोचहां सीट पर आरजेडी: बिहार के बोचहां सीट से RJD उम्मीदवार अमर पासवान ने बाजी मारी है. उन्होंने बीजेपी की बेबी कुमारी को हरा दिया है. बिहार के बोचहां विधानसभा सीट पर राजद के अमर पासवान ने भाजपा की बेबी कुमारी को 36653 मतों से मात दी है. यह सीट विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद खाली हुई थी. इस सीट पर 13 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था जिनमें इनमें तीन महिलाएं थीं.
खैरागढ़ में भी कांग्रेस की जीत: छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार यशोदा वर्मा ने करीब 20 हजार मतों से जीत दर्ज की है. यहां पर बीजेपी की उम्मीदवार कोमल जंघेल को हार का सामना करना पड़ा है. यह सीट जनता कांग्रेस के विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी. इस सीट पर भी 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.
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