सरगुजा: shortage of food grains in PDS shops of Surguja छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वपूर्ण योजना खाद्यान्न योजना सरगुजा जिले में ध्वस्त होती दिख रही है. आलम यह है कि जिले की सभी 510 समितियों में खाद्यान्न का शॉर्टेज पाया गया है. राज्य स्तर से ही इस बार कटौती करते हुए खाद्यान्न का आवंटन किया गया है. खाद्दान्न में कटौती से जिले भर में हड़कंप मच गया है. PDS shops of Surguja
40 क्विंटल तक की हुई कटौती: जिले की 510 खाद्यान्न केंद्रों में इस बार 1 क्विंटल से लेकर 40 क्विंटल तक की कटौती की गई है. माना यह जा रहा है कि खाद्यान्न केंद्रों में ऑनलाइन दिखाई दे रहे खाद्यान्न की मात्रा और भौतिक रूप से पाए गए खाद्यान्न की क्वांटिटी में अंतर है. इसकी भनक जिला स्तर के अधिकारियों को भी नहीं हो सकी. अब राज्य स्तर से ही खाद्यान्न की कटौती की गई है. खाद्य विभाग जिले की सभी 510 समितियों का स्पॉट वेरिफिकेशन खाद्य निरीक्षकों से करा रहा है ताकि जिले में खाद्यान्न केंद्रों के शॉर्टेज का आकलन किया जा सके. Surguja latest news
पीडीएस दुकानों में खाद्यान्न की कमी पर हरकत में सरकार: सरगुजा जिले में कुल 510 केंद्रों से खाद्यान्न का आवंटन लोगों को किया जाता है. सालों से चल रहे खाद्यान्न केंद्रों के संचालन में लगे लोगों को बदल दिया है. करीब 250 ऐसे केंद्र हैं जहां खाद्यान्न वितरण की जिम्मेदारी दूसरों को दी गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि लंबे समय से खाद्यान्न के वेरिफिकेशन में लापरवाही बरती गई. यही कारण है कि राज्य स्तर से इस तरह की कार्रवाई की गई है.
पीडीएस दुकानों का भौतिक सत्यापन से असली वजह का चलेगा पता: खाद्य अधिकारी खुद यह मान रहे हैं कि स्पॉट वेरिफिकेशन के बाद ही इस बात का आकलन हो सकेगा कि आखिर ऑनलाइन दिख रहे खाद्यान्न और भौतिक रूप से पाए गए खाद्यान्न में किस तरह का अंतर है. यही नहीं खाद्य अधिकारी का यह भी कहना है कि स्पॉट वेरिफिकेशन के बाद पाए गए अंतर के खाद्यान्न की जिम्मेदारी तय कर इसकी वसूली भी की जाएगी. जिले की 510 राशन दुकानों का आबंटन कम या पूरा काट दिया गया है. इसके पीछे शासन का तर्क है की उक्त दुकानों में राशन का स्टॉक है. जबकी राशन दुकान संचालक तुलेश्वर प्रजापति कहते हैं "अचानक फोर्टिफाइड चावल के अलावा एक भी राशन नहीं आया है. अब चावल है ही नहीं तो वितरण कैसे करेंगे, चावल रहेगा तब तो वितरण करेंगे"
ये भी पढ़ें: बस्तर में राशन गड़बड़ी की शिकायत, ग्रामीण पहुंचे कलेक्टर ऑफिस
पीडीएस दुकानों में राशन की बंपर कमी: एक अन्य राशन दुकान संचालक कमल भान सिंह कहते हैं " दिक्कत ये है की पीओएस मशीन फसाद मशीन बन गया है. वितरण करने के बाद भी इस मशीन में बैलेंस दिखाता है. जो कि शासन के नजर में भी बैलेंस है. अब मशीन के हिसाब से उतना चावल कटौती कर के दिया गया है. कहीं कहीं जीरो आबंटन है. क्योंकि उतना स्टॉक शासन के नजर में दिख रहा है. अब यहां तो चावल है नहीं. मध्यप्रदेश में भी ऐसा हुआ था तो शासन ने स्टॉक को एडजेस्ट किया है, यहां भी करें. जब तक निराकरण नही होगा हम लोग राशान नही बाटेंगे. कहीं आया है कहीं आया ही नहीं है"
केंद्र से मिलने वाला राशन का कोटा भी हुआ गायब: भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव आलोक दुबे ने इस मामले में कहा कि "केंद्र सरकार ने 5 किलो प्रत्येक परिवार को जो राशन देने की घोषणा की थी वो भी नहीं है. दूसरा वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन खाद्य विभाग का कोटा जो बढ़कर मिलना था वो भी दुकानों में नहीं है. अगर दुकानों की जांच की जाए तो सरकार के दावों की पोल खुल जाएगी"
आखिर कौन खा गया सरगुजा के पीडीएस दुकानों का राशन:माना जा रहा है कि इसमें करोड़ों के खाद्यान्न की गड़बड़ी उजागर हो सकती है. दुकानों में राशन है नहीं. शासन को स्टॉक दिख रहा है. दुकान संचालक मशीन की गलती बता रहे हैं. शासन जांच कर भौतिक सत्यापन की बात कह रहा है. ऐसे में सवाल यह है कि आखिर इतना राशन कौन खा गया. लंबे समय से इसे लेकर लापरवाही क्यों बरती गई और अब जब खाद्यान्न में कटौती की गई है और कम खाद्यान्न आवंटन किया गया है तो इसकी भरपाई आखिर कैसे हो सकेगी.