नई दिल्ली: राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 12 घंटे चर्चा होगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इस पर जवाब दे सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की सभापति एम वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक हुई, जिसमें धन्यवाद प्रस्ताव और केंद्रीय बजट (2022-23) पर चर्चा के लिए समय आवंटित किया गया. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सदस्य अपने विभिन्न मुद्दों को उठाते हैं. राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार द्वारा तैयार किया जाता है.
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय बजट पर राज्यसभा में 11 घंटे से अधिक समय तक चर्चा होगी. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कार्य मंत्रणा समिति से कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 फरवरी को चर्चा का जवाब देंगी. उनके जवाब के लिए शुक्रवार 11 फरवरी को गैर-सरकारी कामकाज स्थगित रखने का फैसला किया गया.
सभापति नायडू ने कार्य मंत्रणा समिति को सूचित किया कि समय की उपलब्धता के मद्देनजर बजट सत्र के पहले भाग में, कोई विधायी कार्य का प्रस्ताव करने का सरकार का इरादा नहीं है. इस दौरान किसी भी अल्पकालिक चर्चा या ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा की कोई गुंजाइश नहीं है. नायडू ने पुन: नेताओं से राज्यसभा में सुचारू रूप से कामकाज चलने देने का आग्रह किया. सदन के नेता पीयूष गोयल, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और कार्य मंत्रणा समिति के अन्य सदस्यों ने बैठक में भाग लिया.
लोकसभा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को मंजूरी दी
वहीं, लोकसभा ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को सोमवार को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 31 जनवरी को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा दो फरवरी से शुरू हुई और यह तीन और चार फरवरी को भी जारी रही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को निचले सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. प्रधानमंत्री के जवाब के बाद सदन ने 13 सदस्यों की ओर से पेश संशोधनों को नामंजूर करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी.
सौ मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने ज्यादातार वक्त विपक्ष और विपक्षी नेताओं पर चुटकी ली
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा पर दिये अपने 100 मिनट के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों और विपक्ष के नेताओं अधीर रंजन चौधरी और सौगत राय पर चुटकी ली. मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके भाषण के बड़े हिस्से में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए सरकार की अनेक पहलों के लिए उन पर 'अंध विरोध' करने का आरोप लगाया गया.
मोदी ने कहा, आप जिस तरह बात करते हैं, जिस तरह मुद्दे उठाते हैं, उससे लगता है कि आपने 100 साल तक सत्ता में नहीं लौटने का संकल्प ले लिया है. अगर आपने 100 साल के लिए फैसला किया है तो मैंने भी तैयारी कर ली है. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह महामारी से निपटने के सरकार के तरीके की कांग्रेस की आलोचना करने के तरीके से हैरान हैं. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मोदी के भाषण के दौरान कई बार टोकाटोकी की कोशिश की जिस पर प्रधानमंत्री ने उनसे सीट पर बैठने का आग्रह किया.
मोदी ने कहा, आपकी रिपोर्ट (सीआर) में सुधार हो गया है. जिन लोगों को आपकी सक्रियता देखनी है, उन्होंने देख ली है. इस सत्र में किसी में आपको इस पद से हटाने की हिम्मत नहीं है, इसकी मैं आपको गारंटी दे सकता हूं. प्रधानमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस नेता सौगत राय के टोकने पर उन पर भी चुटकी ली और 74 वर्षीय नेता के लिए कहा, हमें दादा को छूट देनी चाहिए. वह उम्र के इस पड़ाव पर भी बचपने का आनंद लेने की कोशिश करते हैं.
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मोदी ने लोकसभा में राहुल गांधी के उपस्थित नहीं होने की ओर इशारा करते हुए उनका नाम लिये बिना कहा, कुछ लोग बोलकर चले जाते हैं और भुगतना दूसरों को पड़ता है.
पीटीआई-भाषा