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BSF Jurisdiction : गृह मंत्रालय ने संसद में बताया, सिर्फ प. बंगाल के लिए फैसला, त्रिपुरा में कोई बदलाव नहीं

केंद्र सरकार ने 2014 की अधिसूचनाओं में संशोधन किया है. गृह मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने असम, पंजाब और पश्चिम बंगाल में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया है. सरकार ने प्रदेश सरकार की आशंकाओं को निराधार बताया है. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (MoS Home Nityanand Rai) ने एक सवाल के जवाब में कहा कि त्रिपुरा राज्य के संबंध में बीएसएफ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र (BSF Jurisdiction) में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

nityanand rai
नित्यानंद राय
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Published : Dec 15, 2021, 1:18 PM IST

Updated : Dec 15, 2021, 2:17 PM IST

नई दिल्ली : बीएसएफ क्षेत्राधिकार (BSF Jurisdiction) पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्य सभा में जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने 2014 की अधिसूचनाओं में संशोधन किया है और असम, पंजाब और पश्चिम बंगाल में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया है.

गृह मंत्रालय ने कहा, त्रिपुरा राज्य के संबंध में बीएसएफ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पंजाब और पश्चिम बंगाल सरकार ने आशंका जताई है कि इस तरह के कदम से उनकी शक्तियों का अतिक्रमण होता है, लेकिन उनकी आशंका निराधार है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के विस्तार से सीमा पार अपराधों पर बेहतर और प्रभावी नियंत्रण होगा.

bsf jurisdiction
बीएसएफ क्षेत्राधिकार पर संसद में सरकार का जवाब

इस प्रावधान के तहत कानून में बदलाव

सरकार ने कहा कि बीएसएफ अधिनियम में निर्दिष्ट उद्देश्यों के तहत किसी भी केंद्रीय बल के सदस्यों को शक्तियां और कर्तव्य प्रदान करने का अधिकार दिए जाने संबंधी कानूनी प्रावधान में बदलाव किया जा सकता है. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि बीएसएफ अधिनियम, 1968 की धारा 139(1)(i) केंद्र सरकार केंद्रीय बलों से जुड़े कानूनों में बदलाव कर सकती है.

बीएसएफ क्षेत्राधिकार से जुड़ी अन्य खबरें -

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएसएफ क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर कहा था कि कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है, लेकिन क्षेत्राधिकार बढ़ने से टकराव की आशंका है. ममता बनर्जी ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी से कहा है कि सीमाओं की सुरक्षा के लिए बीएसएफ पूरी तरह आजाद है. ऐसे में संघीय ढांचे को अनावश्यक रूप से डिस्टर्ब नहीं किया जाए. उन्होंने बताया कि पीएम से बीएसएफ से जुड़े कानून को वापस लेने की बात कही है.

यह भी पढ़ें- मोदी-ममता मुलाकात : बीएसएफ क्षेत्राधिकार पर हुई बात, बंगाल आने का दिया न्योता

इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह राज्य में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को भारत-पाक सीमा से 50 किलोमीटर तक बढ़ाने वाले केंद्रीय कानून पर फिर से विचार करें. प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में, चन्नी ने बीएसएफ के पहले वाले अधिकार क्षेत्र को बहाल करने का भी आग्रह किया, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से केवल 15 किमी तक सीमित था.

यह भी पढ़ें- BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने वाले कानून पर पुनर्विचार करें प्रधानमंत्री : चन्नी

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद बीएसएफ क्षेत्राधिकार बढ़ाने के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल विधानसभा में गत नवंबर में प्रस्ताव पारित किया गया था. पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने सदन की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली की नियम संख्या 169 के तहत प्रस्ताव पेश किया था.

यह भी पढ़ें- BSF Jurisdiction : केंद्र सरकार की पहल के खिलाफ पश्चिम बंगाल विस में प्रस्ताव पारित

संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा था, 'हम मांग करते हैं कि यह फैसला फौरन वापस लिया जाए, क्योंकि बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने से देश के संघीय ढांचे पर प्रहार होगा.'

नई दिल्ली : बीएसएफ क्षेत्राधिकार (BSF Jurisdiction) पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्य सभा में जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने 2014 की अधिसूचनाओं में संशोधन किया है और असम, पंजाब और पश्चिम बंगाल में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया है.

गृह मंत्रालय ने कहा, त्रिपुरा राज्य के संबंध में बीएसएफ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पंजाब और पश्चिम बंगाल सरकार ने आशंका जताई है कि इस तरह के कदम से उनकी शक्तियों का अतिक्रमण होता है, लेकिन उनकी आशंका निराधार है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के विस्तार से सीमा पार अपराधों पर बेहतर और प्रभावी नियंत्रण होगा.

bsf jurisdiction
बीएसएफ क्षेत्राधिकार पर संसद में सरकार का जवाब

इस प्रावधान के तहत कानून में बदलाव

सरकार ने कहा कि बीएसएफ अधिनियम में निर्दिष्ट उद्देश्यों के तहत किसी भी केंद्रीय बल के सदस्यों को शक्तियां और कर्तव्य प्रदान करने का अधिकार दिए जाने संबंधी कानूनी प्रावधान में बदलाव किया जा सकता है. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि बीएसएफ अधिनियम, 1968 की धारा 139(1)(i) केंद्र सरकार केंद्रीय बलों से जुड़े कानूनों में बदलाव कर सकती है.

बीएसएफ क्षेत्राधिकार से जुड़ी अन्य खबरें -

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएसएफ क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर कहा था कि कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है, लेकिन क्षेत्राधिकार बढ़ने से टकराव की आशंका है. ममता बनर्जी ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी से कहा है कि सीमाओं की सुरक्षा के लिए बीएसएफ पूरी तरह आजाद है. ऐसे में संघीय ढांचे को अनावश्यक रूप से डिस्टर्ब नहीं किया जाए. उन्होंने बताया कि पीएम से बीएसएफ से जुड़े कानून को वापस लेने की बात कही है.

यह भी पढ़ें- मोदी-ममता मुलाकात : बीएसएफ क्षेत्राधिकार पर हुई बात, बंगाल आने का दिया न्योता

इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह राज्य में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को भारत-पाक सीमा से 50 किलोमीटर तक बढ़ाने वाले केंद्रीय कानून पर फिर से विचार करें. प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में, चन्नी ने बीएसएफ के पहले वाले अधिकार क्षेत्र को बहाल करने का भी आग्रह किया, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से केवल 15 किमी तक सीमित था.

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद बीएसएफ क्षेत्राधिकार बढ़ाने के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल विधानसभा में गत नवंबर में प्रस्ताव पारित किया गया था. पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने सदन की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली की नियम संख्या 169 के तहत प्रस्ताव पेश किया था.

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संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा था, 'हम मांग करते हैं कि यह फैसला फौरन वापस लिया जाए, क्योंकि बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने से देश के संघीय ढांचे पर प्रहार होगा.'

Last Updated : Dec 15, 2021, 2:17 PM IST
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