गोरखपुर : भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि एशियन गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन कुश्ती में प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा. धरनाजीवी पहलवानों ने कुश्ती के प्रदर्शन पर ग्रहण लगा दिया है.
कुछ पहलवानों ने माहौल खराब किया : बृजभूषण बुधवार को गोरखपुर में थे. वह गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ महामंत्री और उत्तर प्रदेश हाकी महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरज सिंह हरीश के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने टाउन हॉल स्थित रविंद्र भवन पहुंचे थे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कुश्ती को लेकर कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली है, खेलों के विकास पर भी उन्होंने पूरा जोर दिया. भारत इस बीच लगातार बेहतरीन प्रदर्शन विभिन्न खेलों में करता दिखाई दे रहा है. लेकिन कुश्ती को लेकर कुछ धरनाजीवी पहलवानों ने जो माहौल देश में खराब किया. पिछले चार-पांच वर्षों में भारत के महिला या पुरुष पहलवानों की बदौलत कुश्ती में भारत ने पांचवां स्थान हासिल कर लिया था. बेहतर प्रदर्शन के लिए पहलवानों का प्रयास जारी था. लेकिन कुछ धरनाजीवी पहलवानों ने कुश्ती के प्रदर्शन पर ग्रहण लगा दिया है. पिछले 10 महीने से देश में कुश्ती का माहौल पूरी तरह से इन पहलवानों की वजह से डिस्टर्ब है. किसी प्रकार का कोई प्रशिक्षण और कैंप आयोजित नहीं हुआ. इसके बगैर खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स में प्रदर्शन किया. यही वजह रही की गोल्ड मेडल तो भारत की झोली में नहीं आया, लेकिन पांच ब्रोंज और एक सिल्वर मेडल हमारे पहलवान ले आए.
धीरज सिंह के परिवार से पुराना नाता : बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि धीरज सिंह के परिवार से उनका रिश्ता सन 1975 से है. जब देश में इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान इमरजेंसी लगाई गई थी. तब गोरखपुर जेल में छात्र नेता रविंद्र सिंह, शीतल पांडे, विश्वकर्मा द्विवेदी बंद थे और उनके साथ मैं भी बंदी हुआ था. बाद में रविंद्र सिंह विधायक के साथ गोरखपुर और लखनऊ विवि के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे. धीरज इन्हीं के भतीजे हैं. इस परिवार से अब उनका पारिवारिक रिश्ता बन चुका है.
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