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BBC documentary on Modi : ब्रिटिश पीएम ने मोदी का किया बचाव, पाकिस्तानी मूल के सांसद को 'झिड़का' - gujarat riot bbc series

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगेटिव छवि दिखाने पर विवाद उत्पन्न हो गया है. खुद ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पीएम मोदी का बचाव किया और इस डॉक्यूमेंट्री के तथ्यों से असहमति जताई. उन्होंने ब्रिटिश संसद में यह बात कही. इस वृत्तचित्र में गुजरात दंगों को विषय बनाया गया है. इस डॉक्यूमेंट्री का नाम India: The Modi Question है.

British PM Rishi Sunak, PM narendra Modi
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक, पीएम नरेंद्र मोदी
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Published : Jan 19, 2023, 7:32 PM IST

नई दिल्ली : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बीबीसी की उस डॉक्यूमंट्री से अपने आप को दूर कर लिया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगे के दौरान संदिग्ध भूमिका में दिखाया गया है. सुनक ने ब्रिटिश संसद में कहा कि वह किसी के भी "कैरेक्टेराइजेशन" से सहमत नहीं हैं. वह पाकिस्तानी मूल के एक ब्रिटिश सांसद का जवाब दे रहे थे. इस डॉक्यूमेंट्री को कई प्लटफॉर्म से हटा लिया गया है.

ब्रिटिश संसद में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए, ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री श्रृंखला से खुद को दूर कर लिया. उन्होंने कहा कि वह अपने भारतीय समकक्ष के चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं. सुनक ने ये टिप्पणी पाकिस्तानी मूल के सांसद इमरान हुसैन द्वारा ब्रिटिश संसद में उठाए गए विवादास्पद वृत्तचित्र पर की. इमरान हुसैन ने बीबीसी की रिपोर्ट का समर्थन किया था.

ऋषि सुनक ने कहा, "इस पर यूके सरकार की स्थिति स्पष्ट और लंबे समय से चली आ रही है और बदली नहीं है, निश्चित रूप से, हम उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, जहां यह कहीं भी दिखाई देता है. लेकिन अभी मेरे सामने जो विषय उठाया गया है, वह उससे सहमत नहीं हैं."

भारत के विदेश सचिव अरिंदम बागची ने वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों पर बने बीबीसी के वृतचित्र को 'दुष्प्रचार का एक हिस्सा' करार देते हुए कहा कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीबीसी के इस वृतचित्र पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह एक विशेष गलत आख्यान को आगे बढ़ाने के लिए दुष्प्रचार का एक हिस्सा है. आपको बता दें कि यह वृतचित्र गुजरात में हुए दंगों पर आधारित है और उस समय नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे.

बागची ने कहा, 'यह हमें इस कवायद के उद्देश्य और इसके पीछे के एजेंडा के बारे में सोचने पर मजबूर करता हैं.' उन्होंने कहा कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है. प्रवक्ता ने कहा कि यह वृतचित्र उस एजेंसी और उन लोगों की मानसिकता को प्रदर्शित करता है जो इस आख्यान को फिर से आगे बढ़ा रहे हैं.

ये भी पढ़ें : BBC on Gujarat Riot : गुजरात दंगों पर ब्रिटिश प्रोपगैंडा, तत्कालीन विदेश सचिव ने बताया 'शरारतपूर्ण'

नई दिल्ली : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बीबीसी की उस डॉक्यूमंट्री से अपने आप को दूर कर लिया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगे के दौरान संदिग्ध भूमिका में दिखाया गया है. सुनक ने ब्रिटिश संसद में कहा कि वह किसी के भी "कैरेक्टेराइजेशन" से सहमत नहीं हैं. वह पाकिस्तानी मूल के एक ब्रिटिश सांसद का जवाब दे रहे थे. इस डॉक्यूमेंट्री को कई प्लटफॉर्म से हटा लिया गया है.

ब्रिटिश संसद में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए, ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री श्रृंखला से खुद को दूर कर लिया. उन्होंने कहा कि वह अपने भारतीय समकक्ष के चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं. सुनक ने ये टिप्पणी पाकिस्तानी मूल के सांसद इमरान हुसैन द्वारा ब्रिटिश संसद में उठाए गए विवादास्पद वृत्तचित्र पर की. इमरान हुसैन ने बीबीसी की रिपोर्ट का समर्थन किया था.

ऋषि सुनक ने कहा, "इस पर यूके सरकार की स्थिति स्पष्ट और लंबे समय से चली आ रही है और बदली नहीं है, निश्चित रूप से, हम उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, जहां यह कहीं भी दिखाई देता है. लेकिन अभी मेरे सामने जो विषय उठाया गया है, वह उससे सहमत नहीं हैं."

भारत के विदेश सचिव अरिंदम बागची ने वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों पर बने बीबीसी के वृतचित्र को 'दुष्प्रचार का एक हिस्सा' करार देते हुए कहा कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीबीसी के इस वृतचित्र पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह एक विशेष गलत आख्यान को आगे बढ़ाने के लिए दुष्प्रचार का एक हिस्सा है. आपको बता दें कि यह वृतचित्र गुजरात में हुए दंगों पर आधारित है और उस समय नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे.

बागची ने कहा, 'यह हमें इस कवायद के उद्देश्य और इसके पीछे के एजेंडा के बारे में सोचने पर मजबूर करता हैं.' उन्होंने कहा कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है. प्रवक्ता ने कहा कि यह वृतचित्र उस एजेंसी और उन लोगों की मानसिकता को प्रदर्शित करता है जो इस आख्यान को फिर से आगे बढ़ा रहे हैं.

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