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टीके की दोनों खुराक कोविड से मौत के खतरे को 98 प्रतिशत करती है कम : सरकार - NITI Aayog member Dr V K Paul

कोरोना टीकों की दोनों खुराक महामारी से होने वाले मौत को खतरे हो 98 फीसदी कम करती है. सरकार ने पंजाब के पुलिस कर्मियों पर किये गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए शुक्रवार को यह बात कही.

Dr V K Paul
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Published : Jul 2, 2021, 9:37 PM IST

नई दिल्ली : कोविड टीकों (Covid vaccine) की दोनों खुराक महामारी से होने वाले मौत के खतरे से करीब 98 प्रतिशत तक सुरक्षा (98 per cent protection) करती है जबकि एक खुराक करीब 92 प्रतिशत बचाव करती है. सरकार ने पंजाब के पुलिस कर्मियों पर किये गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए शुक्रवार को यह बात कही.

यह अध्ययन चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (Post Graduate Institute of Medical Education and Research, Chandigarh ) ने पंजाब सरकार के साथ मिलकर किया है.

अध्ययन का आंकड़ा साझा करते हुए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल (NITI Aayog member Dr V K Paul ) ने कहा कि 4868 पुलिसकर्मियों को टीका नहीं लगा था और उनमें से 15 की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई, जो प्रतिहजार 3.08 मामले हैं.

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, फिर टीके की पहली खुराक ले चुके 35856 पुलिस कर्मियों में से नौ की मौत हो गई यह आंकड़ा प्रति हजार 0.25 का है. वहीं कुल 42720 पुलिसकर्मियों ने टीकों की दोनों खुराक लीं और इनमें से सिर्फ दो की मौत हुई जो प्रतिहजार 0.05 मामलों के बराबर है.

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में CM बदला तो जानिए कौन बन सकता है अगला मुख्यमंत्री ?

पॉल ने कहा कि पुलिसकर्मी उच्च जोखिम वाले समूह में आते हैं. इन आंकड़ों से हमनें पाया कि कोविडरोधी टीके की एक खुराक मृत्यु से 92 प्रतिशत सुरक्षा देती है जबकि दोनों खुराकें 98 प्रतिशत सुरक्षा देती हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसे अध्ययन और उनके नतीजे दर्शाते हैं कि टीकाकरण गंभीर बीमारी और मौत के मामलों को खत्म करता है. इसलिए टीकों पर भरोसा रखिए क्योंकि वे प्रभावी हैं और टीका लगवाया जाना चाहिए,.

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : कोविड टीकों (Covid vaccine) की दोनों खुराक महामारी से होने वाले मौत के खतरे से करीब 98 प्रतिशत तक सुरक्षा (98 per cent protection) करती है जबकि एक खुराक करीब 92 प्रतिशत बचाव करती है. सरकार ने पंजाब के पुलिस कर्मियों पर किये गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए शुक्रवार को यह बात कही.

यह अध्ययन चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (Post Graduate Institute of Medical Education and Research, Chandigarh ) ने पंजाब सरकार के साथ मिलकर किया है.

अध्ययन का आंकड़ा साझा करते हुए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल (NITI Aayog member Dr V K Paul ) ने कहा कि 4868 पुलिसकर्मियों को टीका नहीं लगा था और उनमें से 15 की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई, जो प्रतिहजार 3.08 मामले हैं.

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, फिर टीके की पहली खुराक ले चुके 35856 पुलिस कर्मियों में से नौ की मौत हो गई यह आंकड़ा प्रति हजार 0.25 का है. वहीं कुल 42720 पुलिसकर्मियों ने टीकों की दोनों खुराक लीं और इनमें से सिर्फ दो की मौत हुई जो प्रतिहजार 0.05 मामलों के बराबर है.

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पॉल ने कहा कि पुलिसकर्मी उच्च जोखिम वाले समूह में आते हैं. इन आंकड़ों से हमनें पाया कि कोविडरोधी टीके की एक खुराक मृत्यु से 92 प्रतिशत सुरक्षा देती है जबकि दोनों खुराकें 98 प्रतिशत सुरक्षा देती हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसे अध्ययन और उनके नतीजे दर्शाते हैं कि टीकाकरण गंभीर बीमारी और मौत के मामलों को खत्म करता है. इसलिए टीकों पर भरोसा रखिए क्योंकि वे प्रभावी हैं और टीका लगवाया जाना चाहिए,.

(पीटीआई भाषा)

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