रायपुर: हनुमान जी के पांच हजार से ज्यादा फोटो को जुटाकर उसे किताब की शक्ल देना कितना मुश्किल काम था. इस बारे में ईटीवी भारत ने लेखक अखिलेश शर्मा से बात की. उन्होंने ईटीवी भारत के सभी सवालों का जवाब दिया.
सवाल: आपने हनुमान जी के ऊपर जो फोटो वाली किताब बनाई है, और इस रिकॉर्ड को बनाया है. आखिर हनुमान जी की फोटो कलेक्शन करने की शुरुआत आपने कैसे की ?
जवाब: मेरी किताब के कवर पेज में मैंने हनुमान जी की जिस तस्वीर को लगाया है. वह फोटो मुझे बहुत पसंद आई. उस तस्वीर में हनुमान जी ने खुद अपने पूरे शरीर में सिंदूर लगा रखा है. ऐसी फोटो मैंने कहीं नहीं देखी थी. तभी मुझे यह बात सूझी की इस तरह की तस्वीरों को इकट्ठा किया जाए. धीरे धीरे फोटो कलेक्शन की शुरुआत की. मैं मंदिर जाया करता था तो वहां भी फोटो खींचता था. धीरे-धीरे फोटो का कलेक्शन बढ़ता गया. बीच में फोटो कलेक्शन कम हो गई थी. लेकिन बाद में फिर से यह काम शुरू हुआ. मेरे मित्रों से चर्चा हुई. तो मेरे मित्र गुड मॉर्निंग गुड नाइट की जगह मुझे हनुमान जी की फोटो भेजा करते थे. ऐसा करने से देश-विदेश से मेरे पास बजरंगबली के फोटो की कलेक्शन होने लगी. बहुत सारे लोगों ने इसमें सहयोग किया है.
सवाल: गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आपका यह कारनामा कैसे दर्ज हुआ?
जवाब: मैं हनुमान जी की फोटो का कलेक्शन कर रहा था. मैंने अपने विचार में कभी भी नहीं लाया कि मुझे रिकॉर्ड बनाना है. कभी नहीं सोचा. लगातार फोटो इकट्ठा होते गया. जब फोटो 5000 तक पहुंच गई तो मैंने इसे एक साथ किताब का स्वरूप देने का सोचा. उसके बाद मैंने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अप्लाई किया.
सवाल: आपने पहले डिजिटल कलेक्शन किया और फिर उसे किताब का स्वरूप दिया. किताब छपवाने में कितना समय लगा. ?
जवाब: डिजिटल फोटो को किताब के स्वरूप में बनवाने में काफी दिक्कतें हुईं. क्योंकि डिजिटल तस्वीरें आरजीबी फॉर्मेट में थी. उसे सीएमवाय के फॉर्मेट में बदला गया . फोटोशॉप में घंटों एडिटिंग में टाइम बीता. साल भर का समय बुक बनाने में लगा.
सवाल: फोटो में हनुमान जी के अलग-अलग स्वरूप हैं. क्या आपको स्वरूप के बारे जानकरी है.?
जवाब- हनुमान जी के अलग-अलग स्वरूप हैं. हर स्वरूप का अपना महत्व है. हनुमान जी की जो हाथ मे पर्वत लिए स्वरूप है. वह संकट मोचन हनुमान कहलाते हैं. अगर किसी को संकट आ रहा है तो अगर उस वक्त उस मूर्ति की पूजा करता है तो, भगवान हनुमान संकट हरते हैं. भगवान हनुमान के आशीर्वाद देते स्वरूप वाले फोटो का अलग महत्व है. उसका अर्थ रोग नाशक के तौर पर होता है. अगर किसी को कोई बीमारी है या कोई रोग है तो हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा करने से उनके रोगों का नाश होता है. इसी तरह से बाल हनुमान स्वरूप की फोटो का भी अलग महत्व है. अगर कोई दंपत्ति निसंतान है ऐसे में हनुमान जी के बाल स्वरूप की पूजा करने से निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है. हनुमान जी के हर स्वरूप का अपना अलग महत्व है.
सवाल: आपने डिजिटल फोटो कलेक्ट की है आपके द्वारा कितनी तस्वीर खींची गई ?
जवाब: हनुमान जी के फोटो कलेक्शन में मेरे द्वारा हजार से अधिक फोटो खींची गई. जिसे मैंने खुद क्लिक किया है.
सवाल: हनुमान जी की फोटो कलेक्शन करने में आपको कितना समय लगा.
जवाब: हनुमान जी की फोटो कलेक्शन करने में मुझे 10 साल का समय लगा. एक छोटे से विचार से मैंने हनुमान जी की फोटो का कलेक्शन शुरू किया था धीरे-धीरे वह कलेक्शन बढ़ता गया. 8 से 10 सालों में मैंने 5000 फोटो का कलेक्शन किया. मुझे बहुत खुशी हो रही है कि भगवान ने मुझे इस कार्य के लिए चुना.
सवाल: इससे पहले भी गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आपका नाम दर्ज है वह किस क्षेत्र में हुआ था.
जवाब: छत्तीसगढ़ सिनेमा को लेकर मैंने किताब लिखी थी. जो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है .मैंने अभी तक 28 किताबें लिखी है. उसमें से एक किताब हमर छॉलीवुड किताब लिखी. जिसका विमोचन पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने किया था. उस किताब में छत्तीसगढ़ सिनेमा का इतिहास है. 1964 में पहली फिल्म बनी थी .उस किताब में 1964 से 2014 तक छत्तीसगढ़ी फिल्म का इतिहास है. उसमें 50 साल के छत्तीसगढ़ी फिल्मों का पोस्टर कलेक्शन भी शामिल था.
सवाल: हनुमान जी के पांच हजार फोटो कलेक्शन को अपने किताब का स्वरूप दिया है. क्या यह आम नागरिकों के लिए भी उपलब्ध हो पाएगी?
जवाब: मैंने सोचा है कि बजरंगबली के जितने भी मन्दिर है. वहां के पुजारियों को मैं यह किताब निशुल्क उपलब्ध करवा रहा हूं. बाकी अगर किसी आम नागरिक को यह चाहिए तो वह अपने स्वेच्छा से दान देकर यह किताब ले सकते हैं.
सवाल: गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आपके नाम दो वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं. आने वाले दिनों में आप कौन सा रिकॉर्ड बनाने वाले है?
जवाब: ईश्वर की कृपा है ऐसा रिकॉर्ड बनाने का कोई मेरा लक्ष्य नहीं है. पहले से कोई रिकॉर्ड बनाने का डिसाइड करके मैंने नहीं रखा है.