मुंबई : एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े की याचिका (Plea of Dhyandev Wankhede) पर सोमवार को बंबई हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी (deferred hearing on a plea filed by Dhyandev Wankhede) है. इस याचिका में मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग (Plea sought contempt action against Maharashtra minister Nawab Malik) की गई है. हालांकि, नवाब मलिक पहले से ही सलाखों के पीछे बंद हैं.
ज्ञानदेव वानखेड़े ने इस साल की शुरुआत में अवमानना याचिका दायर (contempt plea filed by Dhyandev Wankhede) की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अदालत ने दिसम्बर 2021 में वानखेड़े के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपमानजनक टिप्पणी और सोशल मीडिया पोस्ट (defamatory public comments and social media posts against the Wankhede) से नवाब मलिक को दूर रहने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद, मलिक ने कोर्ट के निर्देशों की अवमानना की और ऐसा करना जारी रखा.
इस पर जस्टिस एस जे कथावाला और एम एन जाधव की बेंच ने इसके बाद मलिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. आज (सोमवार) मामले की सुनवाई हुई, जिसमें बेच ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नवाब मलिक प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरप्तारी (Nawab Malik arrested by ED in a money laundering case) के बाद पहले ही जेल में हैं. अगर अदालत उन्हें आज सजा देती है, तो इसका कोई मतलब नहीं है?
पढ़ें : पीएमएलए अदालत ने कहा, नवाब मलिक के खिलाफ आरोप सही प्रतीत हो रहे हैं
समीर वानखेड़े के पिता की अवमानना अर्जी पर नवाब मलिक को कारण बताओ नोटिस
वहीं, मलिक के वकील फिरोज भरूचा ने अदालत से निवेदन किया कि कोई आदेश पारित करने से पहले उन्हें सुना जाए. ज्ञानदेव वानखेड़े की ओर से पेश वरिष्ठ वकील बीरेंद्र सराफ ने कहा कि अदालत याचिका पर सुनवाई स्थगित भी कर सकती है. इसके बाद अदालत ने जानना चाहा कि कब तक नवाब मलिक ED के रिमांड पर रहेंगे. भरूचा ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि मंत्री तीन मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं, जिसके बाद अदालत ने अवमानना याचिका पर सुनवाई सात मार्च तक के लिए स्थगित कर दी.
(पीटीआई)